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21 सालों में पहली बार सादगी पूर्वक मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव, श्रद्धालुओं को आने से कर दिया गया था मना

गिरिडीह के बगोदर में साईं मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव में वैश्विक महामारी कोरोना का असर देखने को मिला. कोरोना काल के कारण 21 सालों में पहली बार सादगी पूर्वक तरीके से वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया.

Guru Purnima Festival celebrated
वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव
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Published : Jul 5, 2020, 7:48 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर के साईं मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव में वैश्विक महामारी कोरोना का असर देखने को मिला है. कोरोना काल के कारण 21 सालों में पहली बार सादगी पूर्वक तरीके से वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. पूजन उत्सव के दौरान विश्व को कोरोना वायरस से निजात दिलाने की कामना साईं बाबा से की गई.

देखें पूरी खबर

बता दें की वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने के लिए झारखंड के विभिन्न इलाकों सहित बिहार, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, यूपी से यहां श्रद्धालुओं का आगमन होता था, लेकिन इस बार कोरोना काल के कारण श्रद्धालुओं को यहां आने से मना कर दिया गया था. इस मौके पर न तो विशेष पूजा का आयोजन किया गया और न ही भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

ये भी पढ़ें- देवघरः शिवगंगा के चारों घाट सील, श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी

मंदिर के संस्थापक दशरथ बाबा साईं ने बताया कि इस मौके पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों और यहां पहुंचे भक्तों को बाबा के शरण में मत्था टेकने का कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के गाइडलाइन के तहत संपन्न हुआ. बताया कि इस वर्ष दूर- दराज से गिने- चुने श्रद्धालु हीं पहुंचे हुए थे. अधिकांश श्रद्धालुओं को मोबाइल एवं व्हाट्सएप के जरिए आने के लिए मना कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि रविवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन भी हो गया. कहा कि मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा की स्थापना 1999 में किया गया था. तब से गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जाता है.

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर के साईं मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव में वैश्विक महामारी कोरोना का असर देखने को मिला है. कोरोना काल के कारण 21 सालों में पहली बार सादगी पूर्वक तरीके से वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. पूजन उत्सव के दौरान विश्व को कोरोना वायरस से निजात दिलाने की कामना साईं बाबा से की गई.

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बता दें की वार्षिक गुरु पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने के लिए झारखंड के विभिन्न इलाकों सहित बिहार, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, यूपी से यहां श्रद्धालुओं का आगमन होता था, लेकिन इस बार कोरोना काल के कारण श्रद्धालुओं को यहां आने से मना कर दिया गया था. इस मौके पर न तो विशेष पूजा का आयोजन किया गया और न ही भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

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मंदिर के संस्थापक दशरथ बाबा साईं ने बताया कि इस मौके पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों और यहां पहुंचे भक्तों को बाबा के शरण में मत्था टेकने का कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार के गाइडलाइन के तहत संपन्न हुआ. बताया कि इस वर्ष दूर- दराज से गिने- चुने श्रद्धालु हीं पहुंचे हुए थे. अधिकांश श्रद्धालुओं को मोबाइल एवं व्हाट्सएप के जरिए आने के लिए मना कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि रविवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन भी हो गया. कहा कि मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा की स्थापना 1999 में किया गया था. तब से गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जाता है.

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