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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: ईटीवी भारत पर बगोदर सीट से BJP और CPI उम्मीदवारों ने बताए अपने चुनावी मुद्दे - assembly elections 2019

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दलों के उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए वादों और किए गए काम के दावों का बखान कर रहे हैं. इसको लेकर बगोदर विधानसभा में भी बीजेपी और भाकपा माले की उम्मीदवार ने अपने वादे और दावे जनता के बीच रखा.

Bagodar Assembly seat, झारखंड विधानसभा चुनाव 2019
बगोदर विधानसभा सीट से BJP और CPI उम्मीदवारों ने बताए अपने चुनावी मुद्दे
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Published : Nov 28, 2019, 1:52 PM IST

बगोदर, गिरिडीहः चुनावी गतिविधियां बढ़ गई हैं. नामांकन के बाद अपनी जीत पक्की करने के लिए सभी दल के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरकर अपनी-अपनी बातों को जनता के बीच ले जा रहे हैं. इसके साथ ही वादे और दावे भी किए जा रहे हैं. बगोदर विधान सभा में मुख्य मुकाबला तत्कालीन विधायक नागेंद्र महतो और पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह के बीच होता दिख रहा है. बीजेपी ने नागेंद्र महतो को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाकपा माले से विनोद कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं.

नागेंद्र महतो, उम्मीदवार, बीजेपी

ये हैं चुनावी मुद्दे
बगोदर में विकास काम के साथ ही कुछ ज्वलंत समस्याएं हैं, जो चुनावी मुद्दो में मुख्य रूप से शामिल हैं. मुख्य चुनावी मुद्दों में बगोदर में बने पॉलिटेक्निक कॉलेज, अटका में बने आईटीआई कॉलेज, सरिया में बने बिजली पॉवर ग्रिड, बिरनी में बने डिग्री कॉलेज, 42 सालों से अधूरी पड़ी कोनार नहर सिंचाई परियोजना का चालू होना, सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का नहीं बनना, इलाके के प्रवासी मजदूरों का विदेशों और महानगरों में हो रही मौत, जमीन अधिग्रहण की एवज में उचित मुआवजा नहीं मिलना, ट्रॉमा सेंटर का नहीं बनना, स्वास्थ्य, सड़क आदि मुख्य चुनावी मुद्दे हैं. दोनों ही दलों के उम्मीदवार इन मुद्दों पर जोर दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दूसरे फेज में 260 उम्मीदवार मैदान में, मैट्रिक पास से लेकर IAS-IPS तक आजमाएंगे किस्मत

विधायक का दावा

विधायक सह भाजपा उम्मीदवार नागेंद्र महतो का कहना है कि भाकपा माले के 25 सालों की तुलना में उनके 5 साल के कार्यकाल में ज्यादा विकास हुआ है. उनका कहना है कि 42 साल से अधूरी कोनार नहर को उनकी कोशिश से सरकार ने चालू किया. सरिया में पॉवर ग्रिड, बगोदर में पॉलिटेक्निक कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, बगोदर और बिरनी में मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय उनके कार्यकाल में बनाया गया है.

विनोद सिंह, उम्मीदवार, भाकपा माले

पूर्व विधायक का दावा
पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह का कहना है कि बगोदर में पॉलिटेक्निक कॉलेज, अटका में आईटीआई कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, सरिया में पॉवर ग्रिड की स्वीकृति उनके कार्यकाल में हुई है. उनका कहना है कि 5 साल में मौजूदा विधायक इन योजनाओं को चालू कराने में भी सफल नहीं हुए. अटका में सिर्फ आईटीआई कॉलेज चालू हुआ है, मगर समस्याओं का अंबार है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में पुल-पुलिया, सड़क आदि गिने- चुने कार्य किए गए हैं.

सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण भी नहीं हो पाया. स्वीकृत ट्रॉमा सेंटर भी दूसरी विधानसभा में चला गया. 5 साल में अनुमंडल कार्यालय के लिए जमीन तक चिन्हित नहीं हो पाई है. प्रवासी मजदूरों की विदेश और महानगरों में लगातार मौत हो रही है. इसके बावजूद उनके लिए कोई नीति नहीं बनाई गई. जीटी रोड 6 लेन के प्रभावितों को उचित मुआवजे के लिए एक नीति अपनाई नहीं जा रही है. अफगानिस्तान में इलाके के 3 प्रवासी मजदूरों का अपहरण डेढ़ साल पहले हुआ. इनकी रिहाई नहीं हुई. एक मजदूर की रिहाई की बात सामने आई है, मगर वह भी घर नहीं लौटा.

बगोदर, गिरिडीहः चुनावी गतिविधियां बढ़ गई हैं. नामांकन के बाद अपनी जीत पक्की करने के लिए सभी दल के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरकर अपनी-अपनी बातों को जनता के बीच ले जा रहे हैं. इसके साथ ही वादे और दावे भी किए जा रहे हैं. बगोदर विधान सभा में मुख्य मुकाबला तत्कालीन विधायक नागेंद्र महतो और पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह के बीच होता दिख रहा है. बीजेपी ने नागेंद्र महतो को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाकपा माले से विनोद कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं.

नागेंद्र महतो, उम्मीदवार, बीजेपी

ये हैं चुनावी मुद्दे
बगोदर में विकास काम के साथ ही कुछ ज्वलंत समस्याएं हैं, जो चुनावी मुद्दो में मुख्य रूप से शामिल हैं. मुख्य चुनावी मुद्दों में बगोदर में बने पॉलिटेक्निक कॉलेज, अटका में बने आईटीआई कॉलेज, सरिया में बने बिजली पॉवर ग्रिड, बिरनी में बने डिग्री कॉलेज, 42 सालों से अधूरी पड़ी कोनार नहर सिंचाई परियोजना का चालू होना, सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का नहीं बनना, इलाके के प्रवासी मजदूरों का विदेशों और महानगरों में हो रही मौत, जमीन अधिग्रहण की एवज में उचित मुआवजा नहीं मिलना, ट्रॉमा सेंटर का नहीं बनना, स्वास्थ्य, सड़क आदि मुख्य चुनावी मुद्दे हैं. दोनों ही दलों के उम्मीदवार इन मुद्दों पर जोर दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दूसरे फेज में 260 उम्मीदवार मैदान में, मैट्रिक पास से लेकर IAS-IPS तक आजमाएंगे किस्मत

विधायक का दावा

विधायक सह भाजपा उम्मीदवार नागेंद्र महतो का कहना है कि भाकपा माले के 25 सालों की तुलना में उनके 5 साल के कार्यकाल में ज्यादा विकास हुआ है. उनका कहना है कि 42 साल से अधूरी कोनार नहर को उनकी कोशिश से सरकार ने चालू किया. सरिया में पॉवर ग्रिड, बगोदर में पॉलिटेक्निक कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, बगोदर और बिरनी में मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय उनके कार्यकाल में बनाया गया है.

विनोद सिंह, उम्मीदवार, भाकपा माले

पूर्व विधायक का दावा
पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह का कहना है कि बगोदर में पॉलिटेक्निक कॉलेज, अटका में आईटीआई कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, सरिया में पॉवर ग्रिड की स्वीकृति उनके कार्यकाल में हुई है. उनका कहना है कि 5 साल में मौजूदा विधायक इन योजनाओं को चालू कराने में भी सफल नहीं हुए. अटका में सिर्फ आईटीआई कॉलेज चालू हुआ है, मगर समस्याओं का अंबार है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में पुल-पुलिया, सड़क आदि गिने- चुने कार्य किए गए हैं.

सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण भी नहीं हो पाया. स्वीकृत ट्रॉमा सेंटर भी दूसरी विधानसभा में चला गया. 5 साल में अनुमंडल कार्यालय के लिए जमीन तक चिन्हित नहीं हो पाई है. प्रवासी मजदूरों की विदेश और महानगरों में लगातार मौत हो रही है. इसके बावजूद उनके लिए कोई नीति नहीं बनाई गई. जीटी रोड 6 लेन के प्रभावितों को उचित मुआवजे के लिए एक नीति अपनाई नहीं जा रही है. अफगानिस्तान में इलाके के 3 प्रवासी मजदूरों का अपहरण डेढ़ साल पहले हुआ. इनकी रिहाई नहीं हुई. एक मजदूर की रिहाई की बात सामने आई है, मगर वह भी घर नहीं लौटा.

Intro:विधान सभा चुनाव 2019: ये है बगोदर का चुनावी मुद्दा

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः बगोदर में चुनावी गतिविधियां बढ़ गई है. नामांकन के बाद अपनी जीत पक्की करने के लिए सभी दलों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरकर अपनी - अपनी बातों को जनता के बीच ले जा रहे हैं. साथ हीं वादे और दावे भी किए जा रहे हैं. बगोदर विधान सभा में मुख्य मुकाबला तत्कालीन विधायक नागेंद्र महतो एवं पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह के बीच होता दिख रहा है. भाजपा ने नागेंद्र महतो को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाकपा माले से विनोद कुमार सिंह उम्मीदवार हैं. इसके अलावा कांग्रेस से बासुदेव वर्मा, झाविमो से रजनी कोर, आजसू से अनुप पांडेय, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से थर्ड जेंडर ललिता कुमारी आदि उम्मीदवार बनाए गए हैं.


ये है चुनावी मुद्दा

बगोदर में विकास कार्य के साथ- साथ कुछ ज्वलंत समस्याएं हैं जो चुनावी मुद्दा में मुख्य रूप से शामिल हैं. मुख्य चुनावी मुद्दों में बगोदर में बने पॉलटेक्नीक कॉलेज, अटका में बने आईटीआई कॉलेज, सरिया में बने बिजली पावर ग्रिड, बिरनी में बने डिग्री कॉलेज, 42 सालों से अधूरी पड़ी कोनार नहर सिंचाई परियोजना का चालू होना, सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का नहीं बनना, इलाके के प्रवासी मजदूरों का विदेशों एवं महानगरों में हो रही मौतें, जमीन अधिग्रहण के एवज में उचित मुआवजा नहीं मिलना, ट्रामा सेंटर का नहीं बनना, स्वास्थ्य, सड़क आदि मुख्य चुनावी मुद्दे हैं. इन्हीं मुद्दों को चुनाव में फोकस किया जा रहा है. भाजपा उम्मीदवार सह विधायक नागेंद्र महतो एवं पूर्व विधायक सह भाकपा माले उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह इन मुद्दों पर जोर दे रहे हैं.


विधायक का दावा

विधायक सह भाजपा उम्मीदवार नागेंद्र महतो का कहना है कि भाकपा माले के 25 सालों की तुलना में मेरे पांच साल के कार्यकाल में जो भी विकास के कार्य हुए हैं वह ज्यादा है. उनका कहना है कि 42 सालों से अधूरे कोनार नहर को मेरे प्रयास से सरकार के द्वारा चालू किया गया. सरिया में पावर ग्रिड, बगोदर में पॉलटेक्नीक कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, बगोदर और बिरनी में मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय मेरे कार्यकाल में बनाया गया है.


पूर्व विधायक का दावा

पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह का कहना है कि बगोदर में पॉलटेक्नीक कॉलेज, अटका में आईटीआई कॉलेज, बिरनी में डिग्री कॉलेज, सरिया में पावर ग्रिड आदि की स्वीकृति मेरे कार्यकाल में हुई है. उनका कहना है पांच सालों में वर्तमान विधायक ने उपरोक्त योजनाओं को चालू कराने में भी सफल नहीं हुए हैं. अटका में सिर्फ आईटीआई कॉलेज चालू हुआ है, मगर समस्याओं की अंबार है. कहा है कि इनके कार्यकाल में पुल, पुलिया, सड़क आदि गिने- चुने कार्य किए गए हैं. सरिया रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण भी नहीं हो पाया. स्वीकृत ट्रामा सेंटर भी दूसरे विधान सभा में चला गया. पांच सालों में अनुमंडल कार्यालय के लिए जमीन तक चिन्हित नहीं हो पाया है. प्रवासी मजदूरों की विदेशों एवं महानगरों में लगातार मौते हो रही हैं. मगर इनके लिए कोई नीति नहीं बनाए गए. जीटी रोड़ सिक्स लेन के प्रभावितों को उचित मुआवजा के लिए एक नीति अपनाई नहीं जा रही है. अफगानिस्तान में इलाके के तीन प्रवासी मजदूरों का अपहरण डेढ़ साल पूर्व हुआ है. इनकी रिहाई नहीं हुई है. एक मजदूर की रिहाई की बात सामने आई है मगर वह भी घर नहीं लौटा है.





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