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केबीसी में इनाम का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, मेकेनिकल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट अरेस्ट - Cyber crime in Giridih

साइबर क्राइम अपनी पैठ बढ़ाता जा रहा है. आए दिन लोगों के ठगे जाने की खबर सुनने को मिलती है. साइबर अपराधी बड़ी आसानी से लोगों को अपने चंगुल में फांस लेते हैं. इस सिलसिले में गिरिडीह में साइबर पुलिस ने ऐसे ही संगठन का खुलासा किया है जो केबीसी के नाम पर लोगों को ठगते हैं.

Cyber criminal arrested in the Case of cheating people in the name of KBC reward
ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा
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Published : Mar 14, 2020, 10:13 PM IST

गिरिडीह: पुलिस की लाख दबिश के बावजूद साइबर अपराधी अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. मौका मिलते ही अपराधी लोगों को अपना निशाना बना ले रहे हैं. इस बार गिरिडीह पुलिस ने एक ऐसे आपराधिक गिरोह का उद्भेदन किया है जो इनाम का लालच देकर लोगों को झांसे में लेते हुवे उन्हें ठगते थे. इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने इंजीनियरिंग के स्टूडेंट को अरेस्ट किया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-घर में काम करने वाली महिला ने उड़ाए लाखों, बहन के साथ मिलकर घटना को दिया अंजाम

जानकारी के अनुसार जिले में अपराधी कॉल कर लोगों को केबीसी के इनाम का हकदार बनने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं. वहीं, फोन पर ही झांसे में लेकर ठगी करनेवाले संगठित गिरोह का उद्भेदन गिरिडीह की साइबर थाना पुलिस ने किया है.

पुलिस ने इस मामले में जिस युवक को पकड़ा है वह युवक मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. पकड़ा गया युवक गिरिडीह के पचंबा थाना इलाके के रानीखावा का रहनेवाला सुजीत कुमार है. सुजीत ने अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर गुजरात में काम करनेवाले एक युवक को अपना शिकार बनाया था. युवक को अपने झांसे में लेने के लिए कई तरह के हथकंडे सुजीत ने अपनाए थे लेकिन आखिरकार भांडा फूट गया और सुजीत सलाखों के पीछे जा पहुंचा. अब पुलिस सुजीत के साथियों की तलाश में जुटी है.

25 लाख इनाम का लालच दे ठग लिया हजारों

साइबर थाना पुलिस की पकड़ में आये सुजीत ने पूछताछ में बताया कि वह और उसके गिरोह के लोग शिकार की तलाश में जुटे रहते हैं. सुबह से ही फोन लगाना शुरू कर दिया जाता है और हर किसी को इनाम का लालच भी देते हैं. सभी को कहा जाता है कि केबीसी के लक्की ड्रॉ के विजेता हैं. लोगों को 25 लाख या अन्य राशि जितने की बात कही जाती है. जब सामनेवाला उनकी बातों में आ जाता है तो पुनः चेक क्लियर करने के नाम पर प्रति लाख 1500 रुपए की डिमांड कर दी जाती है. जब उस राशि का भुगतान व्यक्ति कर देता है तो उससे पुनः यह कहा जाता है कि रकम दूसरे स्टेट ट्रांसफर करना है तो 1500 रुपए प्रति लाख और देना होगा.

सुजीत ने पुलिस को बताया कि बहुत से लोग उसके गिरोह की चालबाजी में फंस जाते हैं और रकम उनके बताए बैंक खाते में जमा कर देते हैं. बाद में गिरोह के मेंबर रकम को आपस में बांट लेते हैं. यह भी बताया कि इस तरह की जालसाजी गुजरात में काम करनेवाले चुन्नू कुमार सिंह से भी की गयी थी. चुन्नू को 25 लाख इनाम जीतने की बात कही गयी और वह झांसे में आ गया.

भुक्तभोगी के पिता ने खोजा सुजीत को

पूछताछ में यह भी बताया कि ठगे जाने का एहसास होने के बाद चुन्नू के पिता सुरेंद्र सिंह और जमुआ का रवि कुमार सिंह उसके पास लगातार आने लगे और रकम वापस करने का दबाव भी बनाने लगे. सुजीत का कहना है कि उसने जब चुन्नू के पिता और उसके साथ आनेवाले व्यक्ति को धमकी देकर भगाने का काम किया तो वे लोग मुखिया मोहन मंडल और पंचायत समिति सदस्य बजरंगी राय के पास जा पहुंचे. बाद में मामला पचंबा थाना पहुंचा, जिसके बाद कांड अंकित हुआ.

ज्यादा कमाने की चाहत में करने लगा साइबर अपराध

पूछताछ में सुजीत ने बताया कि वह खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. अभी वह पांचवे समेस्टर में है. छह माह पूर्व वह साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड मधु रजक के संगत में आ गया. मधु ने ही उसे बताया कि किस तरह साइबर अपराध की दुनिया में शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाया जाता है.

मधु की बातों में आकर उसने 10 हजार की माहवारी के हिसाब से अपना एटीएम कार्ड मधु को दे दिया. उसके साथ उसका चचेरा भाई सूरज भी मधु के साथ संगठन में जुड़ गया और उसने भी अपना एटीएम कार्ड मधु को दे दिया. पूछताछ में सुजीत ने यह भी बताया कि मधु और सूरज के पकड़ाने से गिरोह के संदर्भ में और भी जानकारी मिलेगी. यह भी बताया कि उसके गिरोह में कई लोग ऑनलाइन भी जुड़े हैं जिनसे कभी सामने से भेंट नहीं है. वहीं, साइबर इंस्पेक्टर सहदेव प्रसाद ने बताया कि इस मामले को लेकर कांड संख्या 05/2020 दर्ज किया गया और सुजीत को जेल भेजा जाएगा.

गिरिडीह: पुलिस की लाख दबिश के बावजूद साइबर अपराधी अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. मौका मिलते ही अपराधी लोगों को अपना निशाना बना ले रहे हैं. इस बार गिरिडीह पुलिस ने एक ऐसे आपराधिक गिरोह का उद्भेदन किया है जो इनाम का लालच देकर लोगों को झांसे में लेते हुवे उन्हें ठगते थे. इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने इंजीनियरिंग के स्टूडेंट को अरेस्ट किया है.

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जानकारी के अनुसार जिले में अपराधी कॉल कर लोगों को केबीसी के इनाम का हकदार बनने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं. वहीं, फोन पर ही झांसे में लेकर ठगी करनेवाले संगठित गिरोह का उद्भेदन गिरिडीह की साइबर थाना पुलिस ने किया है.

पुलिस ने इस मामले में जिस युवक को पकड़ा है वह युवक मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. पकड़ा गया युवक गिरिडीह के पचंबा थाना इलाके के रानीखावा का रहनेवाला सुजीत कुमार है. सुजीत ने अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर गुजरात में काम करनेवाले एक युवक को अपना शिकार बनाया था. युवक को अपने झांसे में लेने के लिए कई तरह के हथकंडे सुजीत ने अपनाए थे लेकिन आखिरकार भांडा फूट गया और सुजीत सलाखों के पीछे जा पहुंचा. अब पुलिस सुजीत के साथियों की तलाश में जुटी है.

25 लाख इनाम का लालच दे ठग लिया हजारों

साइबर थाना पुलिस की पकड़ में आये सुजीत ने पूछताछ में बताया कि वह और उसके गिरोह के लोग शिकार की तलाश में जुटे रहते हैं. सुबह से ही फोन लगाना शुरू कर दिया जाता है और हर किसी को इनाम का लालच भी देते हैं. सभी को कहा जाता है कि केबीसी के लक्की ड्रॉ के विजेता हैं. लोगों को 25 लाख या अन्य राशि जितने की बात कही जाती है. जब सामनेवाला उनकी बातों में आ जाता है तो पुनः चेक क्लियर करने के नाम पर प्रति लाख 1500 रुपए की डिमांड कर दी जाती है. जब उस राशि का भुगतान व्यक्ति कर देता है तो उससे पुनः यह कहा जाता है कि रकम दूसरे स्टेट ट्रांसफर करना है तो 1500 रुपए प्रति लाख और देना होगा.

सुजीत ने पुलिस को बताया कि बहुत से लोग उसके गिरोह की चालबाजी में फंस जाते हैं और रकम उनके बताए बैंक खाते में जमा कर देते हैं. बाद में गिरोह के मेंबर रकम को आपस में बांट लेते हैं. यह भी बताया कि इस तरह की जालसाजी गुजरात में काम करनेवाले चुन्नू कुमार सिंह से भी की गयी थी. चुन्नू को 25 लाख इनाम जीतने की बात कही गयी और वह झांसे में आ गया.

भुक्तभोगी के पिता ने खोजा सुजीत को

पूछताछ में यह भी बताया कि ठगे जाने का एहसास होने के बाद चुन्नू के पिता सुरेंद्र सिंह और जमुआ का रवि कुमार सिंह उसके पास लगातार आने लगे और रकम वापस करने का दबाव भी बनाने लगे. सुजीत का कहना है कि उसने जब चुन्नू के पिता और उसके साथ आनेवाले व्यक्ति को धमकी देकर भगाने का काम किया तो वे लोग मुखिया मोहन मंडल और पंचायत समिति सदस्य बजरंगी राय के पास जा पहुंचे. बाद में मामला पचंबा थाना पहुंचा, जिसके बाद कांड अंकित हुआ.

ज्यादा कमाने की चाहत में करने लगा साइबर अपराध

पूछताछ में सुजीत ने बताया कि वह खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. अभी वह पांचवे समेस्टर में है. छह माह पूर्व वह साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड मधु रजक के संगत में आ गया. मधु ने ही उसे बताया कि किस तरह साइबर अपराध की दुनिया में शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाया जाता है.

मधु की बातों में आकर उसने 10 हजार की माहवारी के हिसाब से अपना एटीएम कार्ड मधु को दे दिया. उसके साथ उसका चचेरा भाई सूरज भी मधु के साथ संगठन में जुड़ गया और उसने भी अपना एटीएम कार्ड मधु को दे दिया. पूछताछ में सुजीत ने यह भी बताया कि मधु और सूरज के पकड़ाने से गिरोह के संदर्भ में और भी जानकारी मिलेगी. यह भी बताया कि उसके गिरोह में कई लोग ऑनलाइन भी जुड़े हैं जिनसे कभी सामने से भेंट नहीं है. वहीं, साइबर इंस्पेक्टर सहदेव प्रसाद ने बताया कि इस मामले को लेकर कांड संख्या 05/2020 दर्ज किया गया और सुजीत को जेल भेजा जाएगा.

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