गिरिडीह: सीसीएल की जमीन पर बसे लोगों को जल्द ही बड़ी खबर मिल सकती है. अधिग्रहित भूमि में से बड़ा हिस्सा सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड राज्य सरकार को सौंपने जा रही है. इसके बाद इस जमीन पर मालिकाना हक राज्य सरकार का हो जाएगा. राज्य सरकार ही जमीन पर बसे लोगों को लेकर महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है. इसे लेकर मसौदा तैयार किया जा रहा है. राज्य सरकार के निवेदन पर बन रहे मसौदा को केंद्रीय कोयला मंत्रालय भेजा जाएगा और जैसे ही केंद्र की अनुमति मिलेगी तो जमीन राज्य सरकार को सौंप दी जाएगी.
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जानकारी के अनुसार गिरिडीह में सीसीएल द्वारा 4595 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है. यह जमीन कुल 29 मौजा में है. इस जमीन पर ही सीसीएल का माइंस, कार्यालय, कॉलोनी अवस्थित है. हालांकि बड़ा इलाका खाली पड़ा है.
जमीन वापसी के लिए राज्य सरकार का दबाव
बताया जाता है लगभग 1400 एकड़ जमीन खाली है. जिस पर किसी प्रकार का वर्क सीसीएल नहीं कर रही है. इस जमीन पर आगे भी कोई वर्क करने की योजना सीसीएल का नहीं है. ऐसे में इस 14 सौ एकड़ जमीन को वापस करने का दबाव राज्य की सरकार सीसीएल पर निरंतर बना रही है. सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने इसे लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन, स्थानीय कोलियरी प्रबंधन के साथ बैठक की है. जिला प्रशासन के अलावा राज्य के वरीय अधिकारियों, सीसीएल के आलाधिकारियों के साथ भी बैठक हुई है. इन बैठकों का नतीजा यह हुआ कि सीसीएल आलाधिकारियों ने जमीन वापसी पर लगभग मंजूरी दे दी है. इसे लेकर मसौदा तैयार भी किया गया जा रहा है.
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कोयला मंत्रालय से सहमति का इंतजार
जानकारी के अनुसार सीसीएल के आलाधिकारी की मंजूरी के बाद सर्वे का काम भी शुरू किया गया है. सीसीएल सर्वे डिपार्टमेंट के अलावा सीएमपीडीआई के अधिकारी और कर्मी भी सर्वे का काम कर चुके हैं. दो दिन पहले सीसीएल मुख्यालय से भी एक टीम गिरिडीह पहुंची और कई स्थानों पर सर्वे किया. इस दौरान जमीन का वैज्ञानिक अध्धयन भी किया गया. जिसमें यह देखा गया कि किस-किस स्थान पर जमीन खोखली हो चुकी है.
अतिक्रमण पर भी लगेगा लगाम
राज्य सरकार को जमीन वापस होने से अतिक्रमण जैसी परेशानी से भी सीसीएल प्रबंधन को काफी हद तक राहत मिल जाएगी. वहीं जहां तहां अवस्थित चानक के कारण हो रही परेशानी से भी प्रबंधन को निजात मिलेगी. दूसरी तरफ विकास की योजना भी धरातल पर उतर सकेगी. अभी विकास के हर कार्यों और पीएम आवास के लिए भी सीसीएल से अनुमति लेनी पड़ती है. लेकिन जिस जमीन को राज्य सरकार वापस ले लेगी वहां पर किसी कार्य के लिए सीसीएल से एनओसी की दरकार नहीं होगा.