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गिरिडीह में बंद माइंस के पीछे मालवाहक से अवैध कोयला की ढुलाई, पुलिस के छापे से खुला राज - ILLEGAL COAL SMUGGLING IN GIRIDIH

गिरिडीह में कोयला का अवैध खनन और परिवहन जारी है. जिसका खुलासा जिला पुलिस ने किया है.

ILLEGAL COAL SMUGGLING IN GIRIDIH
कोयला लोड वाहन जब्त (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 4, 2025, 1:24 PM IST

गिरिडीह: जिले में कोयला माफियाओं की हिमाकत भी बढ़ गई है. एक ओर जहां कबरीबाद इलाके से कोयला का अवैध खनन और कोयला की चोरी हो रही है. वहीं बंद पड़े ओपेनकास्ट माइंस क्षेत्र से कोयला का खनन व परिवहन शुरू हो गया है. इस क्षेत्र में ओपेनकास्ट माइंस के ठीक पहले फुसकी बांग्ला, सतीघाट और भूतनाथ में अवैध खदानों को खोल दिया गया है.

बड़ी बात है कि इन खदानों को न सिर्फ खोला गया है बल्कि रात के समय खदान के पीछे बड़का जंगल में मालवाहक को खड़ा कर उसमें कोयला भी लादा जा रहा है. जिसका खुलासा मुफस्सिल थाना पुलिस ने किया है. पुलिस ने एक मालवाहक को पकड़ा है, जिसपर कोयला लोड कर बिहार ले जाने की तैयारी थी.

कोयला लोडेड वाहन को पकड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया है. एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सह मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने यह कार्रवाई की है. पुलिस का कहना है कि एसपी के निर्देश पर जीरो टॉलरेंस पर काम हो रहा है.

कौन-कौन है इसके पीछे

पुलिस यह पता लगा रही है कि मालवाहक पर कोयला लोड करवाने और इसे बिहार तक ले जाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इससे पहले भी इस तरह की हिमाकत की गई है! दरअसल, क्षेत्र में तेतरिया, जोभी-गडरमा से लेकर सुंदरटांड तक की चर्चा जोरों पर है. चर्चा में कई पुराने तस्करों का नाम आ रहा है. चर्चा है कि पुराने तस्करों द्वारा ही खनन के बाद कोयला का डंप करवाया जाता रहा है और फिर मालवाहक पर लोड कर बिहार के बेला-सरौन ले जाया जाता रहा है.

अवैध कोयला का परिवहन गिरिडीह से सटे जमुई व नवादा जिले के अन्य स्थानों पर भी खपाने का काम किया जाता रहा है. इन चर्चाओं को भी पुलिस ने गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही इंस्पेक्टर श्याम ने जांच अधिकारी को साफ कहा है कि इस मामले की तह तक जाते हुए जांच करें और जो भी लोग शामिल हैं उन्हें गिरफ्तार करें.

कब चलेगा अभियान

कोयला के अवैध खनन और उसके अवैध परिवहन को लेकर एसपी का रुख सख्त है. एसपी ने सभी थानेदार को इसे लेकर पूर्व में ही निर्देश दे रखा है. कहा गया है कि अवैध कोयला को लेकर मिली सूचना पर तुरंत कार्रवाई हो. हालांकि इसके बावजूद कोयला के अवैध खदानों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है. सही तरीके से डोजरिंग भी नहीं हो रही है. बार-बार डोजरिंग नहीं किए जाने से ही माफियाओं का मनोबल बढ़ा है और ओपेनकास्ट इलाके में अवैध माइनिंग शुरू कर दी गई है. उन खदानों को भी खोल दिया गया है जिनमें कभी हादसा भी हुआ है.

जल्द शुरू होगी कार्रवाई: सुरक्षा विभाग

सीसीएल सुरक्षा विभाग के प्रभारी मनोज सुंडी ने कहा कि डोजरिंग होती रहती है. इस बार भी क्षेत्र को चिन्हित किया गया है और जल्द ही डोजरिंग की जायेगी. इसी तरह कोयला तस्करी पर लगाम लगाने के लिए डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार भी लगातार एक्टिव हैं. एसडीपीओ ने कहा है कि कोयला की तस्करी किसी भी हाल में नहीं होगी. तस्करों पर नजर रखने के लिए लगातार गश्त हो रही है. साथ ही कई बार वाहनों को पकड़ा गया है.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग में ईंट भट्ठे के लिए अवैध कोयला खनन, वन विभाग ने 32 मुहानों को किया बंद

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गिरिडीह: जिले में कोयला माफियाओं की हिमाकत भी बढ़ गई है. एक ओर जहां कबरीबाद इलाके से कोयला का अवैध खनन और कोयला की चोरी हो रही है. वहीं बंद पड़े ओपेनकास्ट माइंस क्षेत्र से कोयला का खनन व परिवहन शुरू हो गया है. इस क्षेत्र में ओपेनकास्ट माइंस के ठीक पहले फुसकी बांग्ला, सतीघाट और भूतनाथ में अवैध खदानों को खोल दिया गया है.

बड़ी बात है कि इन खदानों को न सिर्फ खोला गया है बल्कि रात के समय खदान के पीछे बड़का जंगल में मालवाहक को खड़ा कर उसमें कोयला भी लादा जा रहा है. जिसका खुलासा मुफस्सिल थाना पुलिस ने किया है. पुलिस ने एक मालवाहक को पकड़ा है, जिसपर कोयला लोड कर बिहार ले जाने की तैयारी थी.

कोयला लोडेड वाहन को पकड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया है. एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सह मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने यह कार्रवाई की है. पुलिस का कहना है कि एसपी के निर्देश पर जीरो टॉलरेंस पर काम हो रहा है.

कौन-कौन है इसके पीछे

पुलिस यह पता लगा रही है कि मालवाहक पर कोयला लोड करवाने और इसे बिहार तक ले जाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इससे पहले भी इस तरह की हिमाकत की गई है! दरअसल, क्षेत्र में तेतरिया, जोभी-गडरमा से लेकर सुंदरटांड तक की चर्चा जोरों पर है. चर्चा में कई पुराने तस्करों का नाम आ रहा है. चर्चा है कि पुराने तस्करों द्वारा ही खनन के बाद कोयला का डंप करवाया जाता रहा है और फिर मालवाहक पर लोड कर बिहार के बेला-सरौन ले जाया जाता रहा है.

अवैध कोयला का परिवहन गिरिडीह से सटे जमुई व नवादा जिले के अन्य स्थानों पर भी खपाने का काम किया जाता रहा है. इन चर्चाओं को भी पुलिस ने गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही इंस्पेक्टर श्याम ने जांच अधिकारी को साफ कहा है कि इस मामले की तह तक जाते हुए जांच करें और जो भी लोग शामिल हैं उन्हें गिरफ्तार करें.

कब चलेगा अभियान

कोयला के अवैध खनन और उसके अवैध परिवहन को लेकर एसपी का रुख सख्त है. एसपी ने सभी थानेदार को इसे लेकर पूर्व में ही निर्देश दे रखा है. कहा गया है कि अवैध कोयला को लेकर मिली सूचना पर तुरंत कार्रवाई हो. हालांकि इसके बावजूद कोयला के अवैध खदानों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है. सही तरीके से डोजरिंग भी नहीं हो रही है. बार-बार डोजरिंग नहीं किए जाने से ही माफियाओं का मनोबल बढ़ा है और ओपेनकास्ट इलाके में अवैध माइनिंग शुरू कर दी गई है. उन खदानों को भी खोल दिया गया है जिनमें कभी हादसा भी हुआ है.

जल्द शुरू होगी कार्रवाई: सुरक्षा विभाग

सीसीएल सुरक्षा विभाग के प्रभारी मनोज सुंडी ने कहा कि डोजरिंग होती रहती है. इस बार भी क्षेत्र को चिन्हित किया गया है और जल्द ही डोजरिंग की जायेगी. इसी तरह कोयला तस्करी पर लगाम लगाने के लिए डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार भी लगातार एक्टिव हैं. एसडीपीओ ने कहा है कि कोयला की तस्करी किसी भी हाल में नहीं होगी. तस्करों पर नजर रखने के लिए लगातार गश्त हो रही है. साथ ही कई बार वाहनों को पकड़ा गया है.

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