गिरिडीह: संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्णकालिक बजट होगा. गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी अर्थशास्त्रियों और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग करेंगे. इस बैठक का मकसद मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था की मंदी पर चर्चा और इससे उबरने के लिए जरूरी उपाय होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री के बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें हैं. इस बजट के संबंध में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी है.
इसे भी पढ़ें-आम बजट 2020: दुमकावासियों ने बताया कैसा हो इस बार का बजट
क्या है विशेषज्ञों की राय
गिरिडीह के सीनियर चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रकाश कुमार दत्त ने ईटीवी भारत से बात के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. जिसे करने से अर्थव्यवस्था को बूस्ट किया जा सकता है. इन्होंने बताया कि सबसे पहले अर्थव्यवस्था का चैलेंज कम्प्लाइन्स के बर्डेन को कम करना है. कम्प्लाइन्स का बर्डेन छोटे व मंझले व्यवसायी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. जीएसटी अभी भी स्टेबल नहीं हुआ है. नोटबंदी की मार अभी तक अर्थव्यवस्था पर है.
कंपनी पर जो टैक्सेशन है वह ठीक है इसका सकारात्मक प्रभाव उद्योगों के बैलेंसशीट पर दिख रहा है क्योंकि उनका टैक्स बर्डेन कम हुआ है लेकिन टैक्स का रेशनेलाइजेशन व्यक्तिगत में कम नहीं किया गया है.आज की तारीख में कम्पनी 22 प्रतिशत टैक्स दे रही है लेकिन पार्टनरशिप फर्म उसे 30 प्रतिशत प्लस सरचार्ज देना पड़ रहा है, जिसे कम करना चाहिए. व्यक्तिगत टैक्स में भी कमी लाने की जरूरत है. उन्होने कहा कि वित्त मंत्री बेहतर काम कर रही है जिसका रिजल्ट 3 से 6 महीने में दिखेगा.