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गिरिडीहः जॉर्डन से आया प्रवासी मजदूर का शव, परिजनों की चीत्कार से माहौल हुआ गमगीन

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Published : Oct 3, 2020, 8:25 PM IST

बगोदर प्रखंड के बेको पूर्वी पंचायत अंतर्गत एक प्रवासी मजदूर का शव जॉडर्न से 20 दिनों बाद शनिवार को गांव पहुंचा. 13 सितंबर को बिजली करंट से उसकी मौत जॉर्डन में हो गई थी.

Dead body of migrant worker reached Giridih from Jordan
परिजन

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के बेको पूर्वी पंचायत अंतर्गत सुंदरूटांड के प्रवासी मजदूर नारायण महतो का शव जॉडर्न से 20 दिनों बाद शनिवार को गांव पहुंचा. दरअसल, 13 सितंबर को बिजली करंट से उसकी मौत जॉर्डन में हो गई थी. वह जॉडर्न में केईसी कंपनी में मजदूरी करता था. इधर शव पहुंचते ही पीड़ित परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया था. पत्नी और बच्चों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया.

शव आने की सूचना पर बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो गांव पहुंचे और पीड़ित परिजनों को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दी. उन्होंने कहा कि इलाके के प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही मौत से वे दुखी हैं. बताया जाता है कि नारायण महतो केईसी ट्रांसमिशन लेन में मजदूरी करता था. काम के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी.

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इधर प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने बताया कि इलाके के प्रवासी मजदूरों की लगातार मौतें हो रही हैं लेकिन सरकार प्रवासी मजदूरों के हित के लिए किसी तरह की कोई पहल नहीं कर रही है. नारायण महतो अपने पीछे पत्नी हेमंती देवी, पुत्र मिथिलेश महतो और पुत्री मधु कुमारी सहित भरा- पूरा परिवार छोड़ गया.

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के बेको पूर्वी पंचायत अंतर्गत सुंदरूटांड के प्रवासी मजदूर नारायण महतो का शव जॉडर्न से 20 दिनों बाद शनिवार को गांव पहुंचा. दरअसल, 13 सितंबर को बिजली करंट से उसकी मौत जॉर्डन में हो गई थी. वह जॉडर्न में केईसी कंपनी में मजदूरी करता था. इधर शव पहुंचते ही पीड़ित परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया था. पत्नी और बच्चों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया.

शव आने की सूचना पर बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो गांव पहुंचे और पीड़ित परिजनों को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दी. उन्होंने कहा कि इलाके के प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही मौत से वे दुखी हैं. बताया जाता है कि नारायण महतो केईसी ट्रांसमिशन लेन में मजदूरी करता था. काम के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी.

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इधर प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने बताया कि इलाके के प्रवासी मजदूरों की लगातार मौतें हो रही हैं लेकिन सरकार प्रवासी मजदूरों के हित के लिए किसी तरह की कोई पहल नहीं कर रही है. नारायण महतो अपने पीछे पत्नी हेमंती देवी, पुत्र मिथिलेश महतो और पुत्री मधु कुमारी सहित भरा- पूरा परिवार छोड़ गया.

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