डुमरी/गिरिडीह: डुमरी प्रखंड के जामताड़ा मंदिर में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर भोक्ता पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया. शिव अराधना के इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आधी रात के बाद दर्जनों भक्तों ने दहकते अंगारे पर खाली पैर चल कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की.
इस दौरान पूरा इलाका भगवान शिव के जयकारे से गुंजायमान हो गया. अहले सुबह करीब तीन बजे दर्जनों शिवभक्तों ने करीब चालीस फीट उचे लाठ पर झूल कर अपने अराध्य देव को याद किया. लाठ में झूलने के दौरान शिवभक्तों ने फूल की वर्षा की. फूल के अपनी झोली में गिरने के इंतजार में दर्जनों महिला श्रद्धालु झोली फैलाए खड़ी थी.
मान्यता के अनुसार इन फूलों को घरों में रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावे जिस महिला को संतान नहीं होते हैं, उसकी झोली में फूल के गिरने से उसे संतान की प्राप्ति होती है. बताया जाता है कि भोक्ता पर्व के लिए शिवभक्त पांच दिन पूर्व ही अपने घरों को त्याग कर शिव मंदिर में डेरा डाल लेते हैं. इस दौरान वे फलाहार कर भगवान की अराधना करते हैं और भगवान शिव से शक्ति मांगते हैं.
लाठ पर चलने के बाद पर्व का संपन्न
वैशाख पूर्णिमा की रात्रि में दहकते अंगारे पर चलने और लाठ पर झूलने के बाद आस्था का यह पर्व संपन्न हो जाता है. जामताड़ा शिव मंदिर में इस मौके पर झूमर कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु देर रात तक जुटे रहे.