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गिरिडीहः धूमधाम से मना मंडा पर्व, दहकते अंगारों पर चलकर भक्तों ने मांगी दुआ

गिरिडीह में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर भोक्ता पर्व पारंपरिक रुप से मनाया गया. इस दौरान शिव भक्तों ने जलते अंगारे पर चलकर अपनी आस्था प्रकट की और मनोकामना पूर्ति की कामना की.

धूमधाम से मना मंडा पर्व
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Published : May 20, 2019, 10:18 AM IST

डुमरी/गिरिडीह: डुमरी प्रखंड के जामताड़ा मंदिर में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर भोक्ता पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया. शिव अराधना के इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आधी रात के बाद दर्जनों भक्तों ने दहकते अंगारे पर खाली पैर चल कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की.

धूमधाम से मना मंडा पर्व

इस दौरान पूरा इलाका भगवान शिव के जयकारे से गुंजायमान हो गया. अहले सुबह करीब तीन बजे दर्जनों शिवभक्तों ने करीब चालीस फीट उचे लाठ पर झूल कर अपने अराध्य देव को याद किया. लाठ में झूलने के दौरान शिवभक्तों ने फूल की वर्षा की. फूल के अपनी झोली में गिरने के इंतजार में दर्जनों महिला श्रद्धालु झोली फैलाए खड़ी थी.

मान्यता के अनुसार इन फूलों को घरों में रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावे जिस महिला को संतान नहीं होते हैं, उसकी झोली में फूल के गिरने से उसे संतान की प्राप्ति होती है. बताया जाता है कि भोक्ता पर्व के लिए शिवभक्त पांच दिन पूर्व ही अपने घरों को त्याग कर शिव मंदिर में डेरा डाल लेते हैं. इस दौरान वे फलाहार कर भगवान की अराधना करते हैं और भगवान शिव से शक्ति मांगते हैं.

लाठ पर चलने के बाद पर्व का संपन्न
वैशाख पूर्णिमा की रात्रि में दहकते अंगारे पर चलने और लाठ पर झूलने के बाद आस्था का यह पर्व संपन्न हो जाता है. जामताड़ा शिव मंदिर में इस मौके पर झूमर कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु देर रात तक जुटे रहे.

डुमरी/गिरिडीह: डुमरी प्रखंड के जामताड़ा मंदिर में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर भोक्ता पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया. शिव अराधना के इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आधी रात के बाद दर्जनों भक्तों ने दहकते अंगारे पर खाली पैर चल कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की.

धूमधाम से मना मंडा पर्व

इस दौरान पूरा इलाका भगवान शिव के जयकारे से गुंजायमान हो गया. अहले सुबह करीब तीन बजे दर्जनों शिवभक्तों ने करीब चालीस फीट उचे लाठ पर झूल कर अपने अराध्य देव को याद किया. लाठ में झूलने के दौरान शिवभक्तों ने फूल की वर्षा की. फूल के अपनी झोली में गिरने के इंतजार में दर्जनों महिला श्रद्धालु झोली फैलाए खड़ी थी.

मान्यता के अनुसार इन फूलों को घरों में रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावे जिस महिला को संतान नहीं होते हैं, उसकी झोली में फूल के गिरने से उसे संतान की प्राप्ति होती है. बताया जाता है कि भोक्ता पर्व के लिए शिवभक्त पांच दिन पूर्व ही अपने घरों को त्याग कर शिव मंदिर में डेरा डाल लेते हैं. इस दौरान वे फलाहार कर भगवान की अराधना करते हैं और भगवान शिव से शक्ति मांगते हैं.

लाठ पर चलने के बाद पर्व का संपन्न
वैशाख पूर्णिमा की रात्रि में दहकते अंगारे पर चलने और लाठ पर झूलने के बाद आस्था का यह पर्व संपन्न हो जाता है. जामताड़ा शिव मंदिर में इस मौके पर झूमर कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु देर रात तक जुटे रहे.

Intro:गिरिडीह/डुमरी।
डुमरी प्रखंड के जामतारा मंदिर में शनिवार की रात बैशाख पूर्णिमा के मौके पर भोक्ता पर्व पारंपरिक रूप से श्रद्धापूर्वक मनाया गया. शिव आराधना के इस मौके पर दोनों स्थानों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आधी रात के बाद दर्जनों शिव भक्तों ने दहकते अंगारे पर खाली पैर चल कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की. इस दौरान आसपास का पुरा क्षेत्र भगवान शिव के जयकारे से गुंजयमान हो गया. Body:इसके बाद अहले सुबह करीब तीन बजे दर्जनों शिवभक्तों ने करीब चालीस फीट उचे लाठ पर झुल कर अपने आराध्य देव को याद किया. लाठ में झुलने के दौरान शिवभक्तों ने फुल की वर्षा की, फुल को अपनी झोली में गिरने का इंतजार को लेकर दर्जनों महिला श्रद्धालूओं झोली फैलाये खड़ी थी. प्रचलित मान्यता के अनुसार इन फुलों को घरों में रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. ओर जिस महिला का संतान नही होता है अगर फुल स्वतः उसकी झोली में गिर जाए तो उसे संतान की प्रति होती है. बताया जाता है कि भोक्ता पर्व के लिए शिवभक्त एक पांच दिन पूर्व ही अपने घरों को त्याग कर शिव मंदिर में डेरा डाल लेते है. इस दौरान वे फलाहार कर भगवान की अराधना करते है. साथ ही भगवान शिव से शक्ति मांगते है. बैशाख पूर्णिमा की रात्रि में दहकते अंगारे पर चलने व लाठ पर चलने के बाद आस्था का यह पर्व संपन्न हो जाता है. जामतारा शिव मंदिर में इस मौके पर कल शाम झुमर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. झुमर कार्याक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालू देर रात तक रुके रहे.Conclusion:बाइट: भक्त
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