बगोदर/गिरिडीहः 42 वर्ष पहले शुरू हुई कोनार सिंचाई परियोजना का सपना आखिरकार साकार हो गया. 30 जुलाई को जैसे ही नहर से पानी छोड़ा गया, किसानों में अरमान पूरे होते दिखे. पिछले चार दशक से हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो के लाखों किसान कोनार सिंचाई परियोजना का इंतजार कर रहे थे. पानी तीन से चार फीट भरने का अनुमान लगाया जा रहा है. साथ ही नहर में पानी का बहाव भी तेज है.
वहीं, इसकी सूचना मिलने पर लोगों की भीड़ बगोदर ब्लॉक के पीछे नहर किनारे उमड़ने लगी. हालांकि बगैर अलर्ट किए नहर में पानी छोड़ना कुछ लोगों को रास भी नहीं आया. दूसरी ओर कुछ लोग नहर में पानी को देखकर लोग उत्साहित भी हैं.
1977 में शुरू हुई थी योजना
दरअसल, बरसात का पानी कोनार डैम में भरने के कारण इसे नहर में छोड़ा गया है. उतरी छोटानागपुर इलाके के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना नहर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है. इसकी शुरुआत एकीकृत बिहार के समय 1977-78 में हुई थी, लेकिन बाद में योजना में घोटोले की सूचना के बाद लंबे समय तक इस नहर का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था. झारखंड बनने के 16 साल बाद 2017 में नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन अभी भी निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.