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चार दशक बाद नहर में दिखा पानी, देखने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

चार दशक के बाद कोनार नहर में लोगों को पानी देखने को मिला. मंगलवार को दोपहर बाद बगोदर इलाके में अचानक नहर में पानी बढ़ा, जिसके बाद वहां पर देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

कोनार नहर
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Published : Jul 31, 2019, 11:52 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 12:51 PM IST


बगोदर/गिरिडीहः 42 वर्ष पहले शुरू हुई कोनार सिंचाई परियोजना का सपना आखिरकार साकार हो गया. 30 जुलाई को जैसे ही नहर से पानी छोड़ा गया, किसानों में अरमान पूरे होते दिखे. पिछले चार दशक से हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो के लाखों किसान कोनार सिंचाई परियोजना का इंतजार कर रहे थे. पानी तीन से चार फीट भरने का अनुमान लगाया जा रहा है. साथ ही नहर में पानी का बहाव भी तेज है.
वहीं, इसकी सूचना मिलने पर लोगों की भीड़ बगोदर ब्लॉक के पीछे नहर किनारे उमड़ने लगी. हालांकि बगैर अलर्ट किए नहर में पानी छोड़ना कुछ लोगों को रास भी नहीं आया. दूसरी ओर कुछ लोग नहर में पानी को देखकर लोग उत्साहित भी हैं.

कोनार नहर


1977 में शुरू हुई थी योजना
दरअसल, बरसात का पानी कोनार डैम में भरने के कारण इसे नहर में छोड़ा गया है. उतरी छोटानागपुर इलाके के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना नहर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है. इसकी शुरुआत एकीकृत बिहार के समय 1977-78 में हुई थी, लेकिन बाद में योजना में घोटोले की सूचना के बाद लंबे समय तक इस नहर का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था. झारखंड बनने के 16 साल बाद 2017 में नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन अभी भी निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.


बगोदर/गिरिडीहः 42 वर्ष पहले शुरू हुई कोनार सिंचाई परियोजना का सपना आखिरकार साकार हो गया. 30 जुलाई को जैसे ही नहर से पानी छोड़ा गया, किसानों में अरमान पूरे होते दिखे. पिछले चार दशक से हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो के लाखों किसान कोनार सिंचाई परियोजना का इंतजार कर रहे थे. पानी तीन से चार फीट भरने का अनुमान लगाया जा रहा है. साथ ही नहर में पानी का बहाव भी तेज है.
वहीं, इसकी सूचना मिलने पर लोगों की भीड़ बगोदर ब्लॉक के पीछे नहर किनारे उमड़ने लगी. हालांकि बगैर अलर्ट किए नहर में पानी छोड़ना कुछ लोगों को रास भी नहीं आया. दूसरी ओर कुछ लोग नहर में पानी को देखकर लोग उत्साहित भी हैं.

कोनार नहर


1977 में शुरू हुई थी योजना
दरअसल, बरसात का पानी कोनार डैम में भरने के कारण इसे नहर में छोड़ा गया है. उतरी छोटानागपुर इलाके के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना नहर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है. इसकी शुरुआत एकीकृत बिहार के समय 1977-78 में हुई थी, लेकिन बाद में योजना में घोटोले की सूचना के बाद लंबे समय तक इस नहर का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था. झारखंड बनने के 16 साल बाद 2017 में नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन अभी भी निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.

Intro:चार दशक बाद नहर में लोगों ने देखा बहता हुआ पानी, नहर किनारे उमड़ी भीड़

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः उतरी छोटानागपुर प्रमंडल का अति महत्वाकांक्षी कोनार नहर सिंचाई परियोजना का उद्देश्य निकट भविष्य में सार्थक होने की संभावना दिख रही है. नहर में भरे पानी को देखकर यह संभावना जताई जा रही है. कोनार नहर में चार दशक बाद इनदिनों पानी देखने को मिल रहा है. मंगलवार को दोपहर बाद बगोदर इलाके में अचानक नहर में पानी बढ़ गया. तीन से चार फीट पानी भरने का अनुमान है. नहर में पानी का बहाव भी तेजी के साथ हो रहा था. नहर में पानी भरने की सूचना मिलने पर कौतूहलवश लोगों की भीड़ बगोदर ब्लॉक के पीछे नहर किनारें उमड़ी हुई थी. बताया जाता है कि बरसात का पानी कोनार डैम में भरने के कारण पानी को छोड़ा गया है. हालांकि नहर किनारें बस्ती के लोगों को बगैर अलर्ट किए नहर में पानी छोड़ना लोगों को रास नही आ रही है. दूसरी ओर नहर में पानी को देखकर लोग उत्साहित भी हैं. लोगों ने घंटों तक रूककर नहर में बह रहे पानी का आनंद लिया. बता दें कि उतरी छोटानागपुर इलाके के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना नहर निर्माण का मुख्य उद्देश्य है. इसकी शुरुआत एकीकृत बिहार के समय 1977-78 में हुई थी. मगर बाद में योजना में मची लूट खसोट की सूचना के बाद लंबे समय तक नहर का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था. झारखंड बनने के 16 साल बाद 2017 में नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू किया गया था. हालांकि अब भी जहां तहां निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है.


Conclusion:सोनू सिंह, नहर में पानी देखने पहुंचे
Last Updated : Jul 31, 2019, 12:51 PM IST
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