गिरिडीह: रामनवमी को लेकर झारखंड सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किया है उसमें डीजे पर प्रतिबंध भी शामिल है. इसके अलावा पूर्व से रिकार्ड किए गए गीत बजाने पर भी प्रतिबंध है. इन सबों के बीच डीजे संचालकों के साथ प्रशासन ने बैठक भी की और साफ निर्देश दिया कि जो नियम बनाया गया है उसका पालन करना होगा. अब डीजे संचालकों पर प्रशासन के स्तर से 107 की कार्रवाई की गई है. 27 लोगों पर हुई इस कार्रवाई के बाद साउंड एसोसिएशन नाराज हो गया है. एसोसिएशन ने रामनवमी पर किसी भी अखाड़ा समिति, पूजा समिति को एक भी वाद्य यंत्र नहीं देने का फैसला लिया है. एसोसिएशन ने साफ कहा है कि डीजे तो दूर की बात है किसी को चोंगा या माइक तक भी नहीं दिया जाएगा.
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इसी मामले को संघ की बैठक बरमसिया स्थित नरेंद्र सिन्हा पार्क में हुई. यहां लोगों ने कहा प्रशासन का दिशा निर्देश पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. एक तरफ कहा जाता है कि कार्यक्रम में शामिल लोगों को दिशा निर्देश देने के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन उसी में लाउडस्पीकर बॉक्स को डीजे मानकर कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ पहले से गीत बजाने पर प्रतिबंध है. वैसे में सवाल है आखिर भजन/गीत तो त्यौहार में बजना ही है उसे बाजा संचालक रोक कैसे सकते हैं. जिलाध्यक्ष रामजी प्रसाद यादव ने कहा कि इन परेशानी को देखते हुए संघ ने रामनवमी के अवसर पर किसी को किसी प्रकार के वाद्य यंत्र किराया पर नहीं देने का फैसला लिया है.
बैठक में जिला अध्यक्ष रामजी प्रसाद यादव, संयोजक अजय शिवानी, सचिव जगदीश दास, कोषाध्यक्ष सुरेश सिंह, संजय सिंह, गांडेय अध्यक्ष बिनोद दास, जमुआ अध्यक्ष किशोर वर्मा, इरफान अंसारी, टेकलाल पंडित, राजेश पंडित,आदर्श कुमार,घनश्याम, मंटू वर्मा,नरेश राय, अमित, अजय यादव, सहदेव राम, छोटन राम,टिंकू साव, साजिद अंसारी, सलमान, शेरू, चेतन दास समेत कई उपस्थित थे.