दुमका: दुमका उपचुनाव के जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन घर-घर जाकर अपना प्रचार अभियान चला रहे हैं. वे लोगों से हाथ जोड़कर वोट देने की अपील कर रहे हैं. इधर अब जनता अपने वोट का महत्व खूब समझती है. वह सिर्फ प्रत्याशी के आश्वासनों को नहीं सुनती बल्कि अपनी समस्याओं को वोट मांगने वाले को सुनाती है. उनके सामने अपनी मांगें रखती है.
क्या है पूरा मामला ?
दुमका शहर के बीचों-बीच स्थित बक्शी बांध के इलाके में रहने वाले हजारों लोग कई दशक से इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके घरों के पास पूरे शहर का कूड़ा नगर परिषद की तरफ से डंप किया जाता है. जबकि चारों ओर सैकड़ों घर-मकानों का निर्माण हो चुका है. आज जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई और जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन वोट मांगने के लिए बक्शी बांध इलाके में पहुंचे तो लोगों ने अपनी गंभीर समस्या को उनके सामने रखा. इसके साथ ही साथ सड़क, नाली, पानी जैसी बुनियादी जरूरतों की भी उचित व्यवस्था करने की मांग की.
क्या कहते हैं लोग ?
बक्शी बांध के लोगों का कहना है कि यहां पूरे शहर का कूड़ा डंप होता है, जिससे हम नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. जाड़ा, गर्मी, बरसात सभी मौसम में दुर्गंध की वजह से जीना मुश्किल हो गया है. वर्षों से अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक हमने अपनी समस्या रखी कि इस कूड़ेदान को शहर से दूर कहीं सुनसान इलाके में ले जाया जाए. लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ साथ ही साथ लोगों ने बताया कि वे सड़क, पानी और नाले की समस्या से भी परेशान हैं.
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क्या कहते हैं झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन ?
जेएमएम के प्रत्याशी बसंत सोरेन का भी मानना है कि जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इनकी समस्या जायज है और इसे इसका निराकरण जल्द से जल्द किया जाएगा. लोकतंत्र में जनता ही मालिक है, ऐसे में उन्हें अपने वोट का महत्व समझना चाहिए. बगैर किसी प्रलोभन के ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहिए जो उनकी समस्याओं का समाधान करें उनके लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करें.