दुमकाः झामुमो नेता और महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी का कहना है(Stephen Marandi on local policy) कि झारखंड में रहने वाले ऐसे लोग जो 1932 के खतियानधारी नहीं है और यहां जीने-खाने आए हैं. उन्हें भी हमलोग हाशिए पर नहीं छोड़ेंगे बल्कि उनका भी कोई उपाय होगा. सरकार उनके लिए भी सोचेगी. स्टीफन मरांडी ने यह बातें अपने दुमका आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही.
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ऐसी ही लीगल पहलू पर विचार करने में 1932 को लाने में हुआ विलंबः झारखंड राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष स्टीफन मरांडी ने कहा कि हम लोग बाहरी-भीतरी नहीं करते हैं. जो लोग 1932 खतियानधारी नहीं हैं उनके लिए भी सरकार सोचेगी. बिजनेस और अन्य क्षेत्रों में उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा. स्टीफन मरांडी ने कहा कि ऐसी ही लीगल पहलुओं को विचार करने में हमलोग लगे हुए थे और इसलिए 1932 को लाने में विलंब हुआ.