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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के विधानसभा क्षेत्र की सड़क बदहाल, पैदल चलने में भी होती है परेशानी - दुमका में जर्जर सड़क

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) के विधानसभा में जर्जर सड़क से आम जनता परेशान है. खासकर बारिश के दिनों में सड़क तालाब में तब्दिल हो जाता है. जिससे आए दिन हादसे भी होते रहते हैं. ग्रामीण लगातार जर्जर सड़क को बनवाने की मांग कर रहे हैं.

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बदहाल सड़क
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Published : Sep 23, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 7:55 PM IST

दुमका: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र का लगातार दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उसके बावजूद भी उनके विधानसभा क्षेत्र की सड़क अत्यंत बदहाल है. लोगों को पैदल चलने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसे भी पढे़ं: संथाल परगना की वो सड़क जिसपर नहीं चला किसी का जोर! जानिए अब तक क्यों नहीं हुई नजर-ए-इनायत


जरमुंडी प्रखंड झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का विधानसभा क्षेत्र है. जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट बाजार से नोनी गांव होते हुए जो सड़क लगवा गांव तक जाती है. उसकी स्थिति अत्यंत जर्जर है. इस कच्ची सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और हमेशा उसमें पानी भरा रहता है. जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में तो स्थिति नारकीय हो जाती है. हजारों ग्रामीण नोनिहाट बाजार और दुमका जिला मुख्यालय इसी सड़क से जाते हैं. वो किसी तरह मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. इस सड़क पर रात में पैदल भी चलना खतरा है.

देखें पूरी खबर


राशन लाने में होती है काफी परेशानी

लगवा गांव के राशन दुकानदार विश्वनाथ राउत ने बताया कि ग्रामीणों के लिए राशन लाने में उन्हें काफी परेशानी होती है. कोई भी मालवाहक वाहन राशन लेकर गांव तक नहीं आना चाहता है. जर्जर सड़क के कारण लोगों को समय पर राशन उपलब्ध कराना काफी मुश्किल होता है.

इसे भी पढे़ं: दो किलोमीटर की सड़क मानो 200 साल का अभिशाप! विकास की आस में गुजर गयीं पीढ़ियां



क्या कहते हैं ग्रामीण

सड़क की जर्जर स्थिति के संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि छात्र - छात्राओं को स्कूल जाने, कृषि और अन्य कार्य के लिए जरूरी सामान लाने के लिए बाजार जाने में काफी परेशानी होती है. सड़क के जर्जर होने की वजह से काफी परेशानी होती है. जब गांव में कोई बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस चालक भी गांव तक आने में इनकार कर देता है. जिसके कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से यह सड़क जर्जर है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. ग्रामीण एक स्वर में सरकार और जिला प्रशासन से सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं.




क्या कहते हैं स्थानीय जनप्रतिनिधि

सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल कहते हैं कि ग्रामीणों की समस्या काफी गंभीर है. जर्जर सड़क की वजह से ग्रामीणों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है. सरकार जल्द से जल्द संज्ञान लें और ग्रामीणों की समस्या दूर करें.

इसे भी पढे़ं: जर्जर हो चुके मुख्यमंत्री सचिवालय कैंप कार्यालय के मरम्मत का काम शुरू, ईटीवी भारत में खबर प्रकाशित होने पर जागा प्रशासन



बेहतर सड़क लोगों की बुनियादी आवश्यकता

झारखंड राज्य के निर्माण के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं. उसके बावजूद अगर लोग सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं तो यह समझा जा सकता है कि दुमका अभी भी विकास से कोसों दूर है.

दुमका: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र का लगातार दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उसके बावजूद भी उनके विधानसभा क्षेत्र की सड़क अत्यंत बदहाल है. लोगों को पैदल चलने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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जरमुंडी प्रखंड झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का विधानसभा क्षेत्र है. जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट बाजार से नोनी गांव होते हुए जो सड़क लगवा गांव तक जाती है. उसकी स्थिति अत्यंत जर्जर है. इस कच्ची सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और हमेशा उसमें पानी भरा रहता है. जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में तो स्थिति नारकीय हो जाती है. हजारों ग्रामीण नोनिहाट बाजार और दुमका जिला मुख्यालय इसी सड़क से जाते हैं. वो किसी तरह मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. इस सड़क पर रात में पैदल भी चलना खतरा है.

देखें पूरी खबर


राशन लाने में होती है काफी परेशानी

लगवा गांव के राशन दुकानदार विश्वनाथ राउत ने बताया कि ग्रामीणों के लिए राशन लाने में उन्हें काफी परेशानी होती है. कोई भी मालवाहक वाहन राशन लेकर गांव तक नहीं आना चाहता है. जर्जर सड़क के कारण लोगों को समय पर राशन उपलब्ध कराना काफी मुश्किल होता है.

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क्या कहते हैं ग्रामीण

सड़क की जर्जर स्थिति के संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि छात्र - छात्राओं को स्कूल जाने, कृषि और अन्य कार्य के लिए जरूरी सामान लाने के लिए बाजार जाने में काफी परेशानी होती है. सड़क के जर्जर होने की वजह से काफी परेशानी होती है. जब गांव में कोई बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस चालक भी गांव तक आने में इनकार कर देता है. जिसके कारण मरीजों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से यह सड़क जर्जर है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. ग्रामीण एक स्वर में सरकार और जिला प्रशासन से सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं.




क्या कहते हैं स्थानीय जनप्रतिनिधि

सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल कहते हैं कि ग्रामीणों की समस्या काफी गंभीर है. जर्जर सड़क की वजह से ग्रामीणों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है. सरकार जल्द से जल्द संज्ञान लें और ग्रामीणों की समस्या दूर करें.

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बेहतर सड़क लोगों की बुनियादी आवश्यकता

झारखंड राज्य के निर्माण के दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं. उसके बावजूद अगर लोग सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं तो यह समझा जा सकता है कि दुमका अभी भी विकास से कोसों दूर है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 7:55 PM IST
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