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भीषण गर्मी के बीच चरमराई बिजली आपूर्ति व्यवस्था, 35 मेगावट से चलाना पड़ रहा काम

दुमका में बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है. इस भीषण गर्मी में लोग दिन-रात परेशान हो रहे हैं. लेकिन बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठीक नहीं की जा रही है.

power supply system in Dumka
भीषण गर्मी में चरमराई बिजली आपूर्ति व्यवस्था
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Published : Apr 26, 2022, 8:25 PM IST

दुमकाः जिले में पिछले एक महीने से भीषण गर्मी पड़ रही है. दोपहर में आसमान से आग बरसने लगता है. स्थिति यह है कि चिलचिलाती धूप और तीखी गर्मी की वजह से लोग घरों और दफ्तरों में कैद करते हैं, ताकि गर्मी से बचा जा सके. लेकिन इन दिनों घरों में रहना मुश्किल हो रहा है. इसकी वजह बिजली की आंखमिचौनी है. 24 घंटे में 8 से 10 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जा रही है.

यह भी पढ़ेंःपावर कट से परेशान धोनी की पत्नी साक्षी ने सरकार से पूछा, झारखंड में इतने सालों से बिजली की समस्या क्यों?


एक तरफ चिलचिलाती धूप और तीखी गर्मी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं, दूसरी ओर पिछले 2 सप्ताह से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है. शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण इलाका, सभी जगह बिलजी की आंखमिचौनी से लोग परेशान हैं. 24 घंटे में 25 से अधिक बार बिजली आती जाती है. इसकी वजह है कि जरूरत के हिसाब से बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इससे रोटेशन के आधार पर लोड शेडिंग और बिजली आपूर्ति की जा रही है.

देखें पूरी खबर

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कमलाकांत सिन्हा कहते हैं कि कई वर्षों के बाद ऐसी गर्मी महसूस की जा रही है. इस भीषण गर्मी में बिजली आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई है. उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की आयु में बिजली आपूर्ति व्यवस्था इतनी गड़बड़ कभी नहीं देखी है. बिजली कब आती है, पता ही नहीं चलता है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता एबी सोरेन ने बताया कि जिले को 60 से 65 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. लेकिन 35 मेगावाट बिजली मिल रही है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 15 मेगावाट की आवश्यकता है, जिसमें 8 मेगावाट आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि रोटेशन पर फीडरों को बिजली आपूर्ति की जा रही है.

दुमकाः जिले में पिछले एक महीने से भीषण गर्मी पड़ रही है. दोपहर में आसमान से आग बरसने लगता है. स्थिति यह है कि चिलचिलाती धूप और तीखी गर्मी की वजह से लोग घरों और दफ्तरों में कैद करते हैं, ताकि गर्मी से बचा जा सके. लेकिन इन दिनों घरों में रहना मुश्किल हो रहा है. इसकी वजह बिजली की आंखमिचौनी है. 24 घंटे में 8 से 10 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जा रही है.

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एक तरफ चिलचिलाती धूप और तीखी गर्मी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं, दूसरी ओर पिछले 2 सप्ताह से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है. शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण इलाका, सभी जगह बिलजी की आंखमिचौनी से लोग परेशान हैं. 24 घंटे में 25 से अधिक बार बिजली आती जाती है. इसकी वजह है कि जरूरत के हिसाब से बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इससे रोटेशन के आधार पर लोड शेडिंग और बिजली आपूर्ति की जा रही है.

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बिहार सरकार के पूर्व मंत्री कमलाकांत सिन्हा कहते हैं कि कई वर्षों के बाद ऐसी गर्मी महसूस की जा रही है. इस भीषण गर्मी में बिजली आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई है. उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की आयु में बिजली आपूर्ति व्यवस्था इतनी गड़बड़ कभी नहीं देखी है. बिजली कब आती है, पता ही नहीं चलता है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता एबी सोरेन ने बताया कि जिले को 60 से 65 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. लेकिन 35 मेगावाट बिजली मिल रही है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 15 मेगावाट की आवश्यकता है, जिसमें 8 मेगावाट आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि रोटेशन पर फीडरों को बिजली आपूर्ति की जा रही है.

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