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महिलाओं की समस्या देख राजनीति में आईं डॉ. लुईस मरांडी, कहा- पार्टी में मिला बराबरी का हक

रघुवर दास सरकार में कल्याण और महिला बाल विकास मंत्रालय संभाल रही डॉ. लुईस मरांडी दुमका की विधायक हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री ने अपना राजनीतिक सफर बताया. वहीं, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर भी बात की.

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Published : Sep 25, 2019, 6:58 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 7:43 PM IST

मंत्री डॉ. लुईस मरांडी

दुमका: लुईस मरांडी ने झारखंड की राजनीति में अपनी एक खास पहचान बनाई है. जहां ज्यादातर आदिवासी महिलाएं घरेलू काम के साथ ही मेहनत मजदूरी भी करती हैं. वहीं, इन्होंने संघर्ष कर झारखंड की राजनीति को चुना जहां महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है. यह इनके प्रोग्रेसिव स्वभाव को दर्शाता है.

देखिए लुईस मरांडी से खास बातचीत


महिलाओं की समस्या देखकर राजनीति में आईं लुईस
ईटीवी भारत से खास बताचीत में लुईस मरांडी ने झारखंड की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर बात की. झारखंड की रघुवर दास सरकार में कल्याण और महिला बाल विकास मंत्रालय संभाल रहीं डॉ. लुईस मरांडी दुमका की विधायक हैं. लुईस मरांडी का कहना है कि राजनीति में महिलाएं बहुत कम संख्या में आती हैं. महिलाओं की समस्या को देखते हुए वो राजनीति में आई.


'महिलाओं का मिला खूब समर्थन'
मंत्री लुईस मरांडी कहती हैं कि जब से वह राजनीति के मैदान में उतरी तो उन्हें महिलाओं का खूब समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि अब महिलाएं उनके पास बैठकर अपनी समस्या बताती हैं. मरांडी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वो सिर्फ महिलाओं की जनप्रतिनिधि हैं. वो महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की भी जनप्रतिनिधि हैं.


'अब महिला और पुरुष एक मंच पर कर रहे काम'
लुईस मरांडी ने कहा कि महिला होने के नाते उन्हें पार्टी से भी खूब सहयोग मिला. पार्टी ने उन्हें कभी ये महसूस नहीं होने दिया कि वह महिला हैं और आगे नहीं बढ़ सकतीं. नए महिलाओें के राजनीति में आने पर लुईस मरांडी ने कहा कि जिन महिलाओं की रुचि राजनीति में है वो आ सकती हैं. उन्हें बेहतर काम करना होगा. आज के जमाने में महिला और पुरुष एक मंच पर काम कर रहे हैं. लुईस मरांडी ने कहा कि पंचायती चुनाव में 52 फीसदी महिलाएं चुन के आई ये झारखंड की राजनीति के लिए अच्छे संकेत हैं.

ये भी पढे़ं: एक साल भी नहीं चली करोड़ों की लागत से बनी सड़क, जान हथेली पर रखकर लोग करते हैं सफर

हेमंत सोरेन को हराकर बनीं विधायक
बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में डॉ. लुईस मरांडी ने जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को हराया था. उस वक्त हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे, लेकिन इस चुनाव में लुईस मरांडी की जीत हुई. 2014 में जब रघुवर दास की सरकार बनी तो डॉ. लुईस मरांडी को कल्याण, महिला बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 8 महिलाओं ने जीत दर्ज की. यानी महिलाओं के नाम अब तक का सबसे बड़ा स्कोर रहा.

दुमका: लुईस मरांडी ने झारखंड की राजनीति में अपनी एक खास पहचान बनाई है. जहां ज्यादातर आदिवासी महिलाएं घरेलू काम के साथ ही मेहनत मजदूरी भी करती हैं. वहीं, इन्होंने संघर्ष कर झारखंड की राजनीति को चुना जहां महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है. यह इनके प्रोग्रेसिव स्वभाव को दर्शाता है.

देखिए लुईस मरांडी से खास बातचीत


महिलाओं की समस्या देखकर राजनीति में आईं लुईस
ईटीवी भारत से खास बताचीत में लुईस मरांडी ने झारखंड की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर बात की. झारखंड की रघुवर दास सरकार में कल्याण और महिला बाल विकास मंत्रालय संभाल रहीं डॉ. लुईस मरांडी दुमका की विधायक हैं. लुईस मरांडी का कहना है कि राजनीति में महिलाएं बहुत कम संख्या में आती हैं. महिलाओं की समस्या को देखते हुए वो राजनीति में आई.


'महिलाओं का मिला खूब समर्थन'
मंत्री लुईस मरांडी कहती हैं कि जब से वह राजनीति के मैदान में उतरी तो उन्हें महिलाओं का खूब समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि अब महिलाएं उनके पास बैठकर अपनी समस्या बताती हैं. मरांडी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वो सिर्फ महिलाओं की जनप्रतिनिधि हैं. वो महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की भी जनप्रतिनिधि हैं.


'अब महिला और पुरुष एक मंच पर कर रहे काम'
लुईस मरांडी ने कहा कि महिला होने के नाते उन्हें पार्टी से भी खूब सहयोग मिला. पार्टी ने उन्हें कभी ये महसूस नहीं होने दिया कि वह महिला हैं और आगे नहीं बढ़ सकतीं. नए महिलाओें के राजनीति में आने पर लुईस मरांडी ने कहा कि जिन महिलाओं की रुचि राजनीति में है वो आ सकती हैं. उन्हें बेहतर काम करना होगा. आज के जमाने में महिला और पुरुष एक मंच पर काम कर रहे हैं. लुईस मरांडी ने कहा कि पंचायती चुनाव में 52 फीसदी महिलाएं चुन के आई ये झारखंड की राजनीति के लिए अच्छे संकेत हैं.

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हेमंत सोरेन को हराकर बनीं विधायक
बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में डॉ. लुईस मरांडी ने जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को हराया था. उस वक्त हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे, लेकिन इस चुनाव में लुईस मरांडी की जीत हुई. 2014 में जब रघुवर दास की सरकार बनी तो डॉ. लुईस मरांडी को कल्याण, महिला बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 8 महिलाओं ने जीत दर्ज की. यानी महिलाओं के नाम अब तक का सबसे बड़ा स्कोर रहा.

Intro:दुमका -
झारखंड की वर्तमान रघुवर दास सरकार में कल्याण और महिला बाल विकास मंत्रालय संभाल रही डॉ लुईस मरांडी दुमका की विधायक है । लुईस मरांडी का पैतृक घर दुमका सदर प्रखंड के बड़तल्ली गांव में है । वह पेशे से दुमका के एसपी कॉलेज में संथाली विषय की शिक्षिका रही है ।

डॉ लुईस मराण्डी का व्यक्तिगत जीवन ।
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डॉ लुईस मराण्डी का मायके दुमका सदर प्रखंड के बड़तल्ली गांव में है । उनकी शादी पाकुड़ के बी. किस्कू से हुई है जो एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक रह चुके हैं । लुईस मराण्डी के दो पुत्र हैं । वर्तमान में उनका घर दुमका सदर प्रखंड के हथियापाथर गांव में है ।



Body:डॉ लुईस मराण्डी का राजनीतिक जीवन ।
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लुईस मराण्डी ने अपना राजनीतिक कैरियर भाजपा से सन 2000 के आसपास शुरू किया । वह झारखंड की ट्राईबल एडवाजरी कमिटी और राज्य महिला आयोग की सदस्य रह चुकी है । लुईस मरांडी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें वह लगभग 5000 मतों से झामुमो नेता हेमंत सोरेन से पराजित हुई । 2014 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर हेमंत सोरेन से दो-दो हाथ किया । उस वक्त हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे लेकिन इस चुनाव में लुईस मरांडी की जीत हुई ।




Conclusion:पहली बार विधायक बनने के साथ बनी मंत्री ।
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2014 में जब रघुवर दास की सरकार बनी तो डॉ लुईस मराण्डी को कल्याण , महिला बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया । ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत कर जाना उनके राजनीतिक कैरियर के बारे में । मंत्री लुईस मरांडी से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत के बारे में जाना । यह भी जाना कि उनका साथ राजनीति में किन लोगों ने दिया । यह भी जानने का प्रयास किया गया कि आज जो महिलाएं राजनीति में आना चाहती है उस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है ।
Last Updated : Sep 25, 2019, 7:43 PM IST
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