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शिकारीपाड़ा के दलदली गांव में नहीं है पक्की सड़क, एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है गांव - Road in daldali village is bad

दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड के दलदली गांव में सड़क की स्थिति काफी बदहाल है, आने जाने में हो रही मुश्किलों से परेशान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सड़क बनाने की मांग की है.

Bad road in daldali village
दलदली गांव में बदहाल सड़क
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Published : Nov 18, 2021, 11:27 AM IST

Updated : Nov 18, 2021, 1:14 PM IST

दुमका: नक्सलवाद प्रभावित इलाकों के विकास के लिए सरकार अलग से योजनाएं चला रही है पर झारखंड की उपराजधानी दुमका का नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड के ग्रामीण सड़कों की स्थिति काफी बदहाल है. ऐसा ही एक गांव है दलदली जहां आज तक सड़क नहीं बनी. जर्जर सड़क की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है.

ये भी पढ़ें- झुमरी तिलैया का सड़क तालाबों में हुआ तब्दिल, आए दिन होती है दुर्घटना

दलदली गांव तक पहुंचना मुश्किल

शिकारीपाड़ा प्रखंड का दलदली गांव जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर जबकि शिकारीपाड़ा प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर है. इस गांव तक पहुंचने के लिए आज तक सड़क नहीं बनी. पहाड़ के ऊपर बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है. कच्ची सड़क पर कही गड्ढ़ है तो कहीं बड़े बड़े पत्थर सड़क पर निकले हुए हैं. ऐसे में लोगों के लिए इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है.

देखें वीडियो

एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती हैं गांव

वर्तमान समय में सरकार ने बीमार को लाने के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस की व्यवस्था कर रखी है लेकिन अगर दलदली गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाता क्योंकि एंबुलेंस का जाना संभव नहीं है. ऐसे में ग्रामीण मरीज को खटिये पर लादकर दो किलोमीटर दूर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचाते हैं. कभी-कभी ऐसी स्थिति में काफी देर हो जाती है.

सड़क पर चलना मुश्किल
दलदली गांव के कई ग्रामीणों की माने तो इस पथरीले सड़क की वजह से उनका जीना दूभर हो गया है. उनके मुताबिक दो किलोमीटर के सड़क को पार करने में आधा घंटे से ज्यादा का समय लगता है. लोगों का कहना है कि बीमार को समय पर अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कत होती है. ग्रामीणों ने सरकार से अविलंब सड़क को दुरूस्त कराने की मांग की है.

मिट्टी मोरम की बनेगी सड़क

इस जर्जर सड़क की जानकारी जब शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को दी गई तो उन्होंने कहा कि हम प्रखंड के कर्मियों को दलदली गांव भेजेंगे और हमारे प्रखंड में मनरेगा योजना चल रही है उसके तहत दलदली गांव में मिट्टी मोरम सड़क जल्द से जल्द बनवाया जाएगा. बीडीओ के इस आश्वासन पर सवाल उठ रहा है कि आखिर मिट्टी और मोरम से बना सड़क कितना टिकाऊ हो पाएगा.

दुमका: नक्सलवाद प्रभावित इलाकों के विकास के लिए सरकार अलग से योजनाएं चला रही है पर झारखंड की उपराजधानी दुमका का नक्सलवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड के ग्रामीण सड़कों की स्थिति काफी बदहाल है. ऐसा ही एक गांव है दलदली जहां आज तक सड़क नहीं बनी. जर्जर सड़क की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है.

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दलदली गांव तक पहुंचना मुश्किल

शिकारीपाड़ा प्रखंड का दलदली गांव जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर जबकि शिकारीपाड़ा प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर है. इस गांव तक पहुंचने के लिए आज तक सड़क नहीं बनी. पहाड़ के ऊपर बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है. कच्ची सड़क पर कही गड्ढ़ है तो कहीं बड़े बड़े पत्थर सड़क पर निकले हुए हैं. ऐसे में लोगों के लिए इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है.

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एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती हैं गांव

वर्तमान समय में सरकार ने बीमार को लाने के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस की व्यवस्था कर रखी है लेकिन अगर दलदली गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाता क्योंकि एंबुलेंस का जाना संभव नहीं है. ऐसे में ग्रामीण मरीज को खटिये पर लादकर दो किलोमीटर दूर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचाते हैं. कभी-कभी ऐसी स्थिति में काफी देर हो जाती है.

सड़क पर चलना मुश्किल
दलदली गांव के कई ग्रामीणों की माने तो इस पथरीले सड़क की वजह से उनका जीना दूभर हो गया है. उनके मुताबिक दो किलोमीटर के सड़क को पार करने में आधा घंटे से ज्यादा का समय लगता है. लोगों का कहना है कि बीमार को समय पर अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कत होती है. ग्रामीणों ने सरकार से अविलंब सड़क को दुरूस्त कराने की मांग की है.

मिट्टी मोरम की बनेगी सड़क

इस जर्जर सड़क की जानकारी जब शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को दी गई तो उन्होंने कहा कि हम प्रखंड के कर्मियों को दलदली गांव भेजेंगे और हमारे प्रखंड में मनरेगा योजना चल रही है उसके तहत दलदली गांव में मिट्टी मोरम सड़क जल्द से जल्द बनवाया जाएगा. बीडीओ के इस आश्वासन पर सवाल उठ रहा है कि आखिर मिट्टी और मोरम से बना सड़क कितना टिकाऊ हो पाएगा.

Last Updated : Nov 18, 2021, 1:14 PM IST
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