दुमकाः पिछले 2 वर्ष 2017 और 2018 में बारिश काफी कम होने की वजह से धान की फसल को नुकसान हुआ था, जिससे किसान काफी मायूस थे. इस बार अच्छी बारिश की वजह से धान की उपज अच्छी हुई है, लेकिन दुमका में अभी तक एक भी सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. जिससे किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. किसान औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर है.
क्या कहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्र अब तक नहीं खुला है. इस वजह से हम अपना धान बिचौलियों के हाथों बेचने को मजबूर हैं. किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द सरकार धान क्रय केंद्र खोले, ताकि उन्हें उनके फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके.
ये भी पढ़ें- काले हीरे का काला कारोबार! दो गुटों के वर्चस्व की लड़ाई में कई स्कूटरों में लगा दी आग
क्या कहते हैं जिला आपूर्ति पदाधिकारी
वहीं, इस वर्ष जब धान की फसल अच्छी हुई तो किसानों को बेहतर आमदनी की आस जगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. इस संबंध में जब हमने दुमका के जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग से बात की तो उन्होंने कहा कि जल्द ही धान क्रय केंद्र खुलेगा. दुमका जिले के सभी 10 प्रखंडों में धान क्रय केंद्र खोलने की योजना है और एक लाख क्विंटल तक धान हम खरीदेंगे. वैसे अगर किसान के पास इससे भी ज्यादा धान होगा तो भी हम उसे लेंगे. उन्होंने बताया कि धान का समर्थन मूल्य इस बार दो हजार रुपये प्रति क्विंटल किसानों को दिए जा रहे हैं.
दरअसल, धान क्रय केंद्र सरकार ने दिसंबर के मध्य खुल जाया करता था, लेकिन इस वर्ष जनवरी का दूसरा सप्ताह शुरू हो गया है. जब ईटीवी भारत ने किसानों के इस विकराल समस्या को सामने ला दिया है और जिला आपूर्ति पदाधिकारी धान क्रय केंद्र खोलने की बात कर रहे हैं तो इसमें जल्दबाजी दिखाने की जरूरत है ताकि किसानों की आमदनी बढ़े और वे खुशहाल है.