दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आंख, ईएनटी और ऑर्थो के आठ डॉक्टर हैं लेकिन इन सभी आठ डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति पूरे मार्च महीने के लिए दिव्यांगता जांच शिविर में कर दी गई है. इस वजह से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन विभागों की ओपीडी सेवा पूरे मार्च महीने में ठप रहेगी.
क्या है पूरा मामला: दुमका फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था किसी न किसी कारणवश चरमराई रहती है. अभी जो मरीज आंख, नाक, कान, गला या हड्डी की समस्या लेकर ओपीडी आ रहे हैं उन्हें चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है, क्योंकि इन विभागों के डॉक्टर फिलहाल यहां नहीं हैं. दुमका फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल आठ डॉक्टर पदास्थापित हैं, लेकिन अभी उनकी प्रतिनियुक्ति दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज जिले में 31 मार्च तक लगे दिव्यांगता जांच शिविर में कर दी गई है. ऐसे में यहां के मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों का कहना है कि अगर इन विभागों के डॉक्टर को कहीं और भेजना ही था तो इस अस्पताल में कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी.
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आईसीयू की स्थिति बदहाल: इधर इस अस्पताल की अन्य अव्यवस्था की बात करें तो यहां के आईसीयू की स्थिति सामान्य वार्ड से बदतर है. आईसीयू के जो प्रोटोकॉल है उसका यहां पालन नहीं होता है. एक बेड पर मरीज और उनके कई परिजन साथ ही बैठते और सोते हैं. वहीं बाहर गंदे चप्पल जूते पहनकर भी अगर कोई चला जाता है तो उसे रोकने वाला कोई नहीं है. इस अव्यवस्था से लोगों में काफी नाराजगी है. वे कहते हैं यहां संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. अस्पताल प्रबंधन को इसपर ध्यान देना चाहिए.
क्या करते हैं सुपरिटेंडेंट: इस पूरे मामले पर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ रविंद्र कुमार का कहना है कि व्यवस्था में खामियों की वजह मैन पावर की कमी है. जिसे समय-समय पर विभाग को अवगत कराया गया है और उम्मीद की जानी चाहिए की कुछ समय में सब ठीक हो जाएगा.