दुमका: नक्सली गंगा प्रसाद राय की शनिवार को (18 सितंबर) देर शाम इलाज के दौरान मौत हो गई है. पिछले महीने 4 अगस्त को दुमका पुलिस और एसएसबी के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद वो जेल में बंद था. 17 अगस्त को उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान नक्सली की मौत हो गई.
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पिछले महीने किया था सरेंडर
दरअसल दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के सरुआपानी गांव के रहने वाले गंगा प्रसाद राय जो नक्सली कमांडर ताला दा के दस्ते में शामिल था उसने पिछले महीने 4 अगस्त को दुमका डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, एसएसबी के डीआईजी टी दोरजे और दुमका डीसी रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. गंगा प्रसाद राय ने बताया था कि वह नक्सलियों के झांसे में आकर उनके साथ हो गया था, पर अब वह समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहता है. झारखंड सरकार के प्रत्यार्पण और पुनर्वास योजना के तहत उसे तत्काल एक लाख रुपये दिये गए थे साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जानी थी.
जेल जाने के बाद बिगड़ी तबीयत
नक्सली गंगा प्रसाद राय को जब दुमका केंद्रीय कारा में ले जाया गया तो दूसरे दिन ही दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बीमार रहने लगा. 13 अगस्त को उसे दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जांच में पता चला कि उसे असाध्य रोग है और उसके शरीर में खून नहीं बन रहा है. 17 अगस्त को उसकी तबीयत और अधिक बिगड़ गई. उसके बाद केंद्रीय कारा प्रशासन के द्वारा गंगा प्रसाद राय को रांची रिम्स इलाज के लिए भेज दिया गया. जहां शनिवार शाम उसकी मौत हो गई.
क्या कहते हैं कारा अधीक्षक
दुमका केंद्रीय कारा के अधीक्षक एसके चौधरी ने बताया कि नक्सली 4 अगस्त को जेल लाया गया था. उसके बाद से ही उसकी तबीयत ठीक नहीं रह रही थी जो धीरे-धीरे बिगड़ती चली गई. हमने इलाज के लिए उसे रांची रिम्स भेज दिया था, जहां उसकी मौत हो गई है. उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है और गंगा के शव को लाने के लिए केंद्रीय कारा के कर्मी को रवाना किया गया. वहां पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा.