दुमका: झारखंड राज्य के गठन के दो दशक से अधिक समय बीत गए. अलग राज्य निर्माण के पीछे उद्देश्य भी था कि यहां के आदिवासी समुदाय जो काफी पिछड़े हैं उनका उत्थान होगा. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. आदिवासियों को आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है.
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सदर प्रखंड के भुरकुंडा पंचायत के आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल इलाका दौंदिया टोला में पानी की समस्या थी. लोगों को काफी दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता था. इसे देखते हुए एक साल पहले प्रशासन ने एक सोलर वाटर प्लांट स्थापित किया. जिसके बाद ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब उनकी पानी की समस्या दूर हो जाएगी. लेकिन ग्रामीणों की आस पूरी नहीं हो सकी. क्योंकि यह वाटर प्लांट अपने निर्माण के सिर्फ दो-तीन दिन तक ही ठीक रहा. उसके बाद खराब हो गया. जो आज तक खराब पड़ा हुआ है. महिलाओं का कहना है कि हमें काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. जिसमें हमारा काफी वक्त चला जाता है. ग्रामीणों ने सरकार से जल्द इस दिशा में पहल करते हुए सोलर वाटर प्लांट को दुरुस्त कराने की मांग की है. ताकि उनकी पानी की समस्या दूर हो सके.
पहाड़िया टोला के लोगों को नहीं मिला पीएम आवास योजना का लाभ
आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव दौंदिया टोला में आवास की भी असुविधा है. भले ही सरकार लाखों लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ देने की बात कहती हो. लेकिन यहां कई जरुरतमंद ऐसे हैं जिन्हें आवास नहीं है. ईटीवी भारत की टीम जब पहाड़िया दौंदिया गांव पहुंची तो वहां एक बुजुर्ग लाल देहरी से मुलाकात हुई. वो खजूर के पत्तों से बने झोपड़ी में रहने को विवश हैं. सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात हर मौसम में वो उसी आशियाने में जिंदगी गुजारते हैं. उन्होंने बताया कि मेरे पास घर ही नहीं है तो क्या करें?
सरकार को पहल करने की आवश्यकता
झारखंड सरकार गरीबों के लिए कई योजना चला रही है. लेकिन इस योजना का लाभ कई जरुरतमंदों को नहीं रहा है. पहाड़िया समाज के लोगों को भी सरकारी सुविधाओं की काफी आवश्यकता है. उम्मीद है कि सरकार इनकी समस्याओं का जल्द निदान करेगी.