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दुमकाः अपनी मांगों को लेकर जल साहिया संघ ने की बैठक, कहा- प्रशासन छीन रहा उनका रोजगार

दुमका में जल सहियाओं ने अपनी मांगों को लेकर बैठक की. जिसमें स्वयं सहायता समूह के शौचालय निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरते जाने पर चर्चा हुई. वहीं, जल सहिया की जिला उपाध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि उनका काम एनजीओ को देकर प्रशासन उनसे उनका रोजगार छीन रहा है.

Jal Sahia Sangh held a meeting regarding their demands in dumka
जल साहिया संघ की बैठक
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Published : Jun 11, 2020, 7:56 AM IST

दुमकाः जरमुंडी प्रखंड के कई गांवों में एनजीओ की ओर से कराए जा रहे शौचालय निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है. ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. इस सिलसिले में जल सहियाओं की बैठक की गई. बैठक में शौचालय निर्माण कार्य की चर्चा की गई. जिसमें जल सहियाओं ने अपनी मांगों को भी रखा.

देखें पूरी खबर

वहीं, बैठक को संबोधित करते हुए जल सहिया संगठन की जिला उपाध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि ग्राम जलसहियाओं ने सरकारी आदेश का पालन करते हुए घर-घर जाकर शौचालय के योग्य लाभुकों का चयन कर सूची प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराया. लेकिन योजना में लूट खसोट के उद्देश्य से पेयजल स्वच्छता विभाग और एनजीओ की मिलीभगत से निर्माण कार्य एनजीओ को दे दिया गया. जल सहियाओं का कहना है कि उनसे उनका रोजगार छीना जा रहा है.

ये भी पढ़ें-पति के साथ मिलकर करती थी साइबर फ्रॉड, बैंक मैनेजर और बैंककर्मी बन लगाती थी चुना

इस दौरान झारखंड प्रदेश जल सहिया संगठन के संरक्षक हेमंत स्वर्णकार ने जिला प्रशासन पर जल सहियाओं के साथ छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जल सहियाओं के शौचालय निर्माण के अधिकार के लिए वे आंदोलन तक करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन उनकी बात नहीं सुनता है तो वे न्याय के लिए कोर्ट तक जाएंगे, लेकिन सहिया बहनों को न्याय दिलाकर रहेंगे. वहीं, हेमंत स्वर्णकार ने प्रखंड के कई कर्मियों पर शौचालय निर्माण में रिश्वतखोरी का भी आरोप लगाया.

गौरतलब है कि गांव में शौचालय निर्माण और उनके रख-रखाव के लिए जल सहियाओं की नियुक्ति की गई है, लेकिन विभागीय पदाधिकारी लाभ कमाने के लिए जल सहियाओं को दरकिनार करते हुए एनजीओ के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटिया निर्माण में अगर किसी ग्रामीण की हानि होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, प्रशासन या एनजीओ.

दुमकाः जरमुंडी प्रखंड के कई गांवों में एनजीओ की ओर से कराए जा रहे शौचालय निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है. ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. इस सिलसिले में जल सहियाओं की बैठक की गई. बैठक में शौचालय निर्माण कार्य की चर्चा की गई. जिसमें जल सहियाओं ने अपनी मांगों को भी रखा.

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वहीं, बैठक को संबोधित करते हुए जल सहिया संगठन की जिला उपाध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि ग्राम जलसहियाओं ने सरकारी आदेश का पालन करते हुए घर-घर जाकर शौचालय के योग्य लाभुकों का चयन कर सूची प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराया. लेकिन योजना में लूट खसोट के उद्देश्य से पेयजल स्वच्छता विभाग और एनजीओ की मिलीभगत से निर्माण कार्य एनजीओ को दे दिया गया. जल सहियाओं का कहना है कि उनसे उनका रोजगार छीना जा रहा है.

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इस दौरान झारखंड प्रदेश जल सहिया संगठन के संरक्षक हेमंत स्वर्णकार ने जिला प्रशासन पर जल सहियाओं के साथ छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जल सहियाओं के शौचालय निर्माण के अधिकार के लिए वे आंदोलन तक करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन उनकी बात नहीं सुनता है तो वे न्याय के लिए कोर्ट तक जाएंगे, लेकिन सहिया बहनों को न्याय दिलाकर रहेंगे. वहीं, हेमंत स्वर्णकार ने प्रखंड के कई कर्मियों पर शौचालय निर्माण में रिश्वतखोरी का भी आरोप लगाया.

गौरतलब है कि गांव में शौचालय निर्माण और उनके रख-रखाव के लिए जल सहियाओं की नियुक्ति की गई है, लेकिन विभागीय पदाधिकारी लाभ कमाने के लिए जल सहियाओं को दरकिनार करते हुए एनजीओ के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटिया निर्माण में अगर किसी ग्रामीण की हानि होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, प्रशासन या एनजीओ.

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