दुमका: पश्चिम बंगाल का एक गरीब परिवार पिछले डेढ़ माह से दुमका में लॉकडाउन में फंसा हुआ है. अपने घर वापस जाने के लिए इन्होंने बकरी बेचकर पैसा इकट्ठा किया और एक वाहन किराए पर लिया. झारखंड पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर ये जब पहुंचे तो पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने उन्हें वापस कर दिया. अब इस परिवार के पास न तो खाने के पैसे हैं न ही वापस जाने के.
![Lockdown in Jharkhand, Corona crisis, Dumka district administration, trouble increased due to lockdown, झारखंड में लॉकडाउन, कोरोना संकट, दुमका जिला प्रशासन, लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-dum-01-border-se-pareshan-parivar-special-pkg-7203877_03052020220743_0305f_03027_413.jpg)
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बकरी बेचकर किराए पर लिया वाहन
आखिरकार अन्नपूर्णा देवी ने मायकेवालों को भेजने के लिए घर की बकरी तीन हजार रुपए में बेचा. इस रुपए से एक बोलेरो किराया पर लिया और पास बनवा कर उन्हें भेजा. लेकिन जब वे झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा पर पहुंचे तो बंगाल के अधिकारी उन्हें यह कह कर वापस कर दिया कि हमें किसी तरह का ऑर्डर नहीं कि अपने सीमा के अंदर आने दें और ये वापस फिर से जामदली गांव आ गए.
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क्या कहते हैं दुमका के जिला परिषद उपाध्यक्ष
दुमका के जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल उसी जामदली गांव के हैं. असीम मंडल ने ही इन तीनों व्यक्ति के लिए पश्चिम बंगाल जाने का पास बनाया था. इनका कहना है कि पश्चिम बंगाल की सीमा पर से वापस कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी वे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को देंगे.
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सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए
पहले लॉकडाउन उसके बाद राज्यों की सीमा पर सख्ती. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. नियमों को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मिलकर इस पर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके.