दुमका: मसानजोर डैम का जल अधिग्रहण क्षेत्र लगभग 25 किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है. इसके पानी का उपयोग दर्जनों गांव के किसान सिंचाई के लिए करते हैं. साथ ही साथ दुमका शहरी जलापूर्ति भी इसी पर टिकी हुई है. पिछले कुछ वर्षों से इस जल अधिग्रहण क्षेत्र पर भू-माफियाओं की बुरी नजर है. इसके जमीन को बेचा जा रहा है. बाकायदा प्लॉटिंग कर उसका मूल्य तय किया जाता है और भू-माफिया इसे बेच देते हैं. कई जगह तो ऐसी भूमि पर मकान तक बन चुके हैं. कई जगह भवन निर्माणाधीन स्थिति में है. इस तरह जलाशयों के जमीन का अतिक्रमण होना और उसमें अवैध निर्माण काफी चिंताजनक है और पर्यावरण के लिए भी यह काफी खतरनाक है.
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क्या कहती हैं उपायुक्त
मसानजोर डैम के जल अधिग्रहण क्षेत्र का खुलेआम अतिक्रमण और उसमें अवैध रूप से मकान का निर्माण काफी चिंताजनक विषय है. इसकी वजह यह है कि एक तो वाटर बॉडीज का अतिक्रमण हो रहा है, जो पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक है. साथ ही साथ लोग भोले-भाले लोगों को भू-माफिया कम कीमत पर जमीन देने का लालच देकर फंसा रहे हैं और वैसे लोग अपने जीवन की कमाई इस भूमि पर लगाकर अपना घर बना रहे हैं. इस पूरे मामले में दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि भू-राजस्व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इस पर चर्चा की है. डीसी ने कहा कि गैरकानूनी कार्य करने वालों पर कार्रवाई के लिए सीओ को निर्देशित किया गया है. हाल में अतिक्रमण हटाया जाएगा.
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त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता
जिस वाटर बॉडी से लोगों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध होता आ रहा है, उसके जमीन का अतिक्रमण होना यह दर्शाता है कि प्रशासन के सुस्त रवैया का फायदा भू-माफिया उठा रहे हैं, जबकि इन जलाशयों की रक्षा करना मानव सभ्यता के लिए आवश्यक है.