दुमका: पिछले 8 महीने से दुमका में अवैध गन फैक्ट्री संचालित हो रहा था. यहां से 15-20 दिन के अंतराल पर देसी पिस्टल की सप्लाई की जा रही थी. इसका खुलासा दुमका पुलिस ने किया है. एक देसी पिस्टल के निर्माण में महज पांच घंटे लगते थे और ढाई हजार रुपए में इसे बेच दिया जाता था. इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
क्या है पूरा मामला
दुमका पुलिस ने मंगलवार को शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पत्ताबाड़ी चौक पर राधे रिबोरिंग नाम के वेल्डिंग-फिटिंग वर्कशॉप में संचालित एक अवैध गन फैक्ट्री में छापेमारी कर की भारी मात्रा में निर्मित और अर्द्धनिर्मित देसी पिस्टल और उसके पुर्जे बरामद किए थे. आज एसडीपीओ नुर मुस्तफ़ा ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले पर से पर्दा उठाया है.
अर्धनिर्मित देसी पिस्टल | 24 |
पिस्टल बॉडी | 12 |
पिस्टल ग्रीप | 10 |
पिस्टल बैरल | 18 |
पिस्टल स्लाइड | 24 |
ड्रिल मशीन | 01 |
लेदमशीन | 01 |
कटर मशीन | 01 |
बोरिंग मशीन | 02 |
जेनरेटर | 02 |
नकद | 60, 000 |
स्कूटी | 01 |
मोबाइल | 04 |
पांच घंटे में तैयार कर लेते थे पिस्टल
फैक्ट्री के मुख्य संचालक अरुण कुमार और उनके सहयोगियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि ये सभी बिहार के जमुई जिले से यहां आए थे. इसके बाद उन्होंने किराए पर जगह लिया और वर्कशॉप खोला था. चारों आरोपी इसी वार्कशॉप में रहते हैं. दिन में ये लोहे का वेल्डिंग फिटिंग वगैरह का काम करते थे और रात में जब माहौल शांत हो जाता था तो यह देसी पिस्टल का निर्माण करते थे. यह इस काम में इतने निपुण थे कि 5 घंटे में पिस्टल बना लेते थे. हर 15 से 20 दिन पर इस आर्म्स को खरीदने वाले आते थे और इन्हें प्रति पिस्टल ढाई हजार रुपये मिलता था. यह कारोबार पिछले 8 महीने से चल रहा था और हथियारों के कई खेप यहां से भेजा जा चुका है.
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एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने दी जानकारी
दुमका एसडीपीओ नुर मुस्तफा ने पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह कारवाई हुई. उन्होंने कहा कि यह कारोबार इसी साल के फरवरी से संचालित था. पूछताछ में पता चला कि पहले यह लोग जमुई में यह फैक्ट्री चलाते थे. जिसे बाद में दुमका जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पत्ताबाड़ी में शिफ्ट कर दिया गया. उन्होंने बताया कि यहां से कई खेप आर्म्स जा चुके हैं. भले ही 8 माह के बाद इसका पता चला लेकिन यह बड़ी कामयाबी है और इसमें जिले के पुलिस अधिकारियों ने अच्छा काम किया है.