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सावन के अंतिम सोमवारी पर गोड्डा के रत्नेश्वर धाम में भक्तों की भारी भीड़, गूंजे हर-हर महादेव के नारे

सावन की अंतिम सोमवारी पर रत्नेश्वर धाम में भारी संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ देखने को मिली. जहां श्रद्धालु 80 किलोमीटर की पदयात्रा कर रत्नेश्वर धाम जलार्पण करने पहुंचे, साथ ही भक्तों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए.

श्रद्धालुओ की भीड़
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Published : Aug 12, 2019, 8:52 PM IST

गोड्डा: जिले में स्थित रत्नेश्वर धाम में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही. सावन के आखिरी सोमवार होने के कारण हजारों की संख्या में कांवरिया पहुंचे और जलाभिषेक किए. वहीं कांवरियों के लिए जगह-जगह पर स्वयंसेवक भी उपस्थित रहे और श्रद्धालुओं की सेवा की.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार, प्रत्येक सोमवारी को भागलपुर के गंगा घाट से जल लेकर श्रद्धालु लगभग 80 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रत्नेश्वर धाम शिवपुर पहुंचते हैं. रत्नेश्वर धाम पहुंचकर सभी भक्त जलार्पण करते हैं. इस दौरान पूरे रास्ते में स्वयंसेवक जगह-जगह शिविर लगा कर श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं.

ये भी देखें- सावन की अंतिम सोमवारी पर बासुकीनाथ धाम में भक्तों का तांता, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बताया गया कि सुबह 3.30 बजे से रत्नेध्वर धाम में पूजा अर्चना शुरू हुई जो पूरे दिन निरंतर जारी रही. मंदिर में बोल बम, डाक बम जैसे नारे लगाए गए जिससे रत्नेश्वर धाम गूंज उठा. सावन की आखिरी सोमवारी पर डाक बम का विशेष ख्याल रखा जाता है और कांवरियों की भारी भीड़ के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाते है. भीड़ को नियंत्रित रखने और उन्हें सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने के लिए प्रशासन द्वारा शानदार तैयारी की गई. कांवरियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसे लेकर प्रशासन की तरफ से पूरी एहतियात बरती गई. इसके अलावा मेडिकल की टीम लगातार भक्तों को सेवाएं प्रदान की.

गोड्डा: जिले में स्थित रत्नेश्वर धाम में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही. सावन के आखिरी सोमवार होने के कारण हजारों की संख्या में कांवरिया पहुंचे और जलाभिषेक किए. वहीं कांवरियों के लिए जगह-जगह पर स्वयंसेवक भी उपस्थित रहे और श्रद्धालुओं की सेवा की.

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जानकारी के अनुसार, प्रत्येक सोमवारी को भागलपुर के गंगा घाट से जल लेकर श्रद्धालु लगभग 80 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रत्नेश्वर धाम शिवपुर पहुंचते हैं. रत्नेश्वर धाम पहुंचकर सभी भक्त जलार्पण करते हैं. इस दौरान पूरे रास्ते में स्वयंसेवक जगह-जगह शिविर लगा कर श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं.

ये भी देखें- सावन की अंतिम सोमवारी पर बासुकीनाथ धाम में भक्तों का तांता, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बताया गया कि सुबह 3.30 बजे से रत्नेध्वर धाम में पूजा अर्चना शुरू हुई जो पूरे दिन निरंतर जारी रही. मंदिर में बोल बम, डाक बम जैसे नारे लगाए गए जिससे रत्नेश्वर धाम गूंज उठा. सावन की आखिरी सोमवारी पर डाक बम का विशेष ख्याल रखा जाता है और कांवरियों की भारी भीड़ के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाते है. भीड़ को नियंत्रित रखने और उन्हें सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने के लिए प्रशासन द्वारा शानदार तैयारी की गई. कांवरियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसे लेकर प्रशासन की तरफ से पूरी एहतियात बरती गई. इसके अलावा मेडिकल की टीम लगातार भक्तों को सेवाएं प्रदान की.

Intro:भागलपुर के गंगा से गोड्डा के रत्नेश्वर धाम तक 80 किमी की यात्रा कर श्रद्धालु भक्तो के भीड़ कर रहे भगवान भोले शंकर को जलाभिषेक,सुरक्षा के किये गए है पुख्ता इंतजमBody:गोड्डा मुख्यालय स्थित रत्नेश्वर धाम में सुबह से श्रद्धालु भक्तो की भारी भीड़ उमड़ रही है।सावन के आखिरी सोमबार होने के कारण बड़ी संख्या में कावरिया पहुच रहे है।
प्रत्येक सोमवारी को भागलपुर के गंगा घाट से जल लेकर श्रद्धालु भक्त लगभग 80 किमी की पैदल यात्रा कर रत्नेश्वर धाम शिवपुर गोड्डा पहुचते है और जलार्पण करते है।इस दौरान पूरे रास्ते मे स्वयंसेवक जगह जगह शिविर लगा कर श्रद्धालुओ की सेवा करते है।इस दौरान डाक बम का विशेष ख्याल रखा जाता है।वही पूरे रास्ते मे सुरक्षा भी पुख्ता इंतजाम किए गए है।इसके अलावा मेडिकल की टीम लगातार अपनी सेवा दे रहे है।
सुबह 3.30 बजे से रत्नेध्वर धाम में पूजा अर्चना शुरू हुई जो पूरा दिन निरंतर जारी है।
Bt-स्वयंसेवक
Bt-सेवक
Bt-डाक बमConclusion:आस्था का जान सैलाब रत्नेश्वर धाम में देखने को मिल रहा हूं।वही लोग पूरे मन से लोगो को सहयोग भी कर रहे है।
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