दुमका: संथाल परगना प्रमंडल का प्रवेश द्वार दुमका- देवघर मुख्य मार्ग को कहा जाता है. इसके साथ-साथ इस क्षेत्र की लाइफ लाइन भी कहा जाता है. लेकिन वर्तमान समय में इस रोड की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. आवागमन के दृष्टिकोण से यह काफी व्यस्ततम सड़क माना जाता है. सड़क बदहाल रहने से वाहन हिचकोले खाते नजर आते हैं. जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. वहीं, इस सड़क पर स्थित महारो पुल की स्थिति तो इतनी खराब है कि स्कूल के ऊपर जो लोहे के छड़ लगे हैं, वह बाहर निकल गये हैं. इससे भी कोई भी अनहोनी कभी भी घट सकती है.
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सड़क की स्थिति काफी जर्जर
इस सड़क पर आवागमन कर रहे कुछ लोगों ने बताया कि सड़क की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. हमेशा भय बना रहता है कि पता नहीं कब कोई सड़क दुर्घटना हो जाए. उनका कहना है कि दुमका से बासुकीनाथ आने में पहले आधा घंटा समय लगता था, जो अब डेढ़ घंटा लग रहा है. वे कहते हैं कि समझ में नहीं आता सरकार क्यों ध्यान नहीं दे रही है. वे मांग करते हैं कि कम से कम इसकी इतनी मरम्मत हो जानी चाहिए जिससे कि आसानी से आवागमन हो सके.
दुमका-देवघर मार्ग के जर्जर होने के मुद्दे पर हमने सांसद सुनील सोरेन से बात की. उन्होंने कहा कि इस सड़क को लेकर हमने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की है. हालांकि उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका ध्यान जनहित पर न होकर स्वयं का विकास करना रह गया है.
बता दें कि इसी दुमका-देवघर मार्ग के जामा प्रखंड क्षेत्र में पिछले साल एक कार के ऊपर ट्रक के पलट जाने से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हुई थी. उसके बाद सड़क की मरम्मत हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति फिर से बदतर हो गई. काफी दिनों से यह भी चर्चा हो रही है कि इस सड़क का निर्माण किया जाएगा, लेकिन सारा कुछ प्रक्रियाधीन है. लोगों को इंतजार है कि कब यह सड़क दुरूस्त हो जाए.