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लापरवाही की भेंट चढ़ रहा कोसियारी नदी, अस्तित्व खत्म होने के कगार पर

दुमका जिला के जामा प्रखंड में कोसियारी नदी जो कुछ वर्ष पहले तक कल-कल बहा करती थी. यहां धीरे-धीरे लोगों ने नदी में कचरा डालना शुरू कर दिया. इसके कारण अब इसका का अस्तित्व समाप्त होने को है.

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कोसियारी नदी दुमका
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Published : Jan 11, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 7:17 PM IST

दुमका: आज देश भर में जल संरक्षण को लेकर तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. लोगों को इस बात को लेकर जागरूक किया जा रहा है कि कैसे वह पानी की बचत करें, जल स्रोत को बचाएं. नारा भी दिया गया है- सेव वाटर-सेव लाइफ. लेकिन दुमका में सरकारी अनदेखी की वजह से कोसियारी नदी का अस्तित्व समाप्त होने को है. नदी में कचरा डालकर उसकी धारा रोक दी गई है.

देखें पूरी खबर

नदी ने नाले का लिया रूप
दरअसल, दुमका जिला के जामा प्रखंड में कोसियारी नदी जो कुछ वर्ष पहले तक कल-कल बहा करती थी. यहां धीरे-धीरे लोगों ने नदी में कचरा डालना शुरू कर दिया. साथ ही साथ आस-पास के इंडस्ट्रियल एरिया का डस्ट भी नदी के इर्द-गिर्द डालने से कोसियारी नदी विलुप्त के कगार पर पहुंच चुकी है.

क्या कहते हैं स्थानीय
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक यह नदी काफी उपयोगी था. खेती होता और कई कार्य होते, अब तो बर्बाद हो चुका है. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम से मिलकर रांची लौटे सीएम हेमंत सोरेन, कहा- आगे चलकर केंद्र के कैबिनेट मंत्रियों से भी करेंगे मुलाकात

प्रशासनिक अनदेखी
बता दें कि इस नदी पर बना एक पुल दुमका-देवघर मुख्य मार्ग पर स्थित है. जिससे हर दिन अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक आवागमन करते हैं. पर किसी ने इसकी सुध नहीं ली. अब नदी की इस दयनीय स्थिति पर भी पदाधिकारी कुछ बोलना भी नहीं चाहते.

दुमका: आज देश भर में जल संरक्षण को लेकर तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. लोगों को इस बात को लेकर जागरूक किया जा रहा है कि कैसे वह पानी की बचत करें, जल स्रोत को बचाएं. नारा भी दिया गया है- सेव वाटर-सेव लाइफ. लेकिन दुमका में सरकारी अनदेखी की वजह से कोसियारी नदी का अस्तित्व समाप्त होने को है. नदी में कचरा डालकर उसकी धारा रोक दी गई है.

देखें पूरी खबर

नदी ने नाले का लिया रूप
दरअसल, दुमका जिला के जामा प्रखंड में कोसियारी नदी जो कुछ वर्ष पहले तक कल-कल बहा करती थी. यहां धीरे-धीरे लोगों ने नदी में कचरा डालना शुरू कर दिया. साथ ही साथ आस-पास के इंडस्ट्रियल एरिया का डस्ट भी नदी के इर्द-गिर्द डालने से कोसियारी नदी विलुप्त के कगार पर पहुंच चुकी है.

क्या कहते हैं स्थानीय
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक यह नदी काफी उपयोगी था. खेती होता और कई कार्य होते, अब तो बर्बाद हो चुका है. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम से मिलकर रांची लौटे सीएम हेमंत सोरेन, कहा- आगे चलकर केंद्र के कैबिनेट मंत्रियों से भी करेंगे मुलाकात

प्रशासनिक अनदेखी
बता दें कि इस नदी पर बना एक पुल दुमका-देवघर मुख्य मार्ग पर स्थित है. जिससे हर दिन अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक आवागमन करते हैं. पर किसी ने इसकी सुध नहीं ली. अब नदी की इस दयनीय स्थिति पर भी पदाधिकारी कुछ बोलना भी नहीं चाहते.

Intro:दुमका -
आज देश भर में जल संरक्षण को लेकर तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं । लोगों को इस बात को लेकर जागरूक किया जा रहा है कि कैसे वह पानी की बचत करें , जल स्रोत को बचाये । नारा भी दिया गया है - सेव वाटर - सेव लाईफ । लेकिन दुमका में सरकारी अनदेखी की वजह से कोसियारी नदी का अस्तित्व समाप्त होने को है । नदी में कचरा डालकर उसकी धारा अवरुद्ध कर दिया गया है ।

नदी ने नाले का लिया रूप ।
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दरअसल दुमका जिला के जामा प्रखंड में कोसियारी नदी जो कुछ वर्ष पहले तक कल - कल बहा करती थी । इससे मवेशी हो नहीं मनुष्यों की भी प्यास बुझती , खेती होता । इसे उपयोगी माना जाता था । धीरे धीरे लोगों ने नदी में कचरा डालना शुरू कर दिया साथ ही साथ अगल-बगल के इंडस्ट्रियल एरिया का डस्ट भी नदी के इर्द-गिर्द डालने से कोसियारी नदी विलुप्त के कगार पर पहुंच चुकी है ।


Body:क्या कहते हैं स्थानीय लोग ।
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इस संबंध में हमने स्थानीय लोगों से बात की उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक यह नदी काफी उपयोगी था , खेती होता और कई कार्य होते । अब तो बर्बाद हो चुका है । वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं ।

बाईंट - सोमाय सोरेन , स्थानीय
बाईंट - कुंदन राय , स्थानीय


Conclusion:प्रशासनिक अनदेखी की वजह से नदी की हुई यह स्थिति ।
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हम आपको बता दें कि इस नदी पर बना एक पुल दुमका - देवघर मुख्य मार्ग पर स्थित है । जिससे प्रतिदिन अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक आवागमन करते हैं पर किसी ने इसकी सुधि नहीं ली । अब नदी की इस दयनीय स्थिति पर भी पदाधिकारी कुछ बोलना भी नहीं चाहते ।

फाईनल वीओ -
अब जब पूरे देश में पानी बचाने को लेकर बड़े-बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं । जल संरक्षण को एक बड़ा मुहिम बनाया गया है । इसके विपरीत दुमका में जिस तरह एक नदी की धारा समाप्त होने की स्थिति में है उस पर ध्यान नहीं दिया जाना काफी दुखद विषय है । सरकार को चाहिए कि अविलंब इस पर ध्यान दें और इसकी सफाई करा कर इसकी धारा को अविरल बहने दे ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
Last Updated : Jan 11, 2020, 7:17 PM IST
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