दुमका: शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मंदिरों का गांव मलूटी है, जहां लगभग 500 साल पुराने 72 मंदिर हैं. यह मंदिर टेराकोटा पद्धति से बने हैं और सरकार की ओर से इन मंदिरों के संरक्षण का काम चल रहा है. इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय स्टोन चिप्स है. यहां सैकड़ों की संख्या में स्टोन माइंस हैं, जहां से रोजाना सैकड़ों ट्रक स्टोन चिप्स झारखंड और बिहार के कई जिलों में जाते हैं. शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के नलिन सोरेन लगातार 6 बार से विधायक चुने जा रहे हैं.
इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भले ही दुमका सीट जीती पर शिकारीपाड़ा विधानसभा से झामुमो 9 हजार मतों से आगे था. इस इलाके में झामुमो ने मजबूत किलाबंदी कर रखी है. इसकी मुख्य वजह यहां की जनसंख्या का जातिगत समीकरण है. यहां आदिवासी समाज की संख्या लगभग 50 फीसदी है, जो झामुमो का वोट बैंक मानी जाती है. इसके साथ ही मुस्लिम आबादी 16 फीसदी है. इन दोनों के मिलने से झामुमो की राह आसान हो जाती है.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से लगातार 6 बार से जीत दर्ज कर रहे हैं. लगभग 3 दशक से वो विधायक हैं. नलिन सोरेन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने कभी भी अपने आप को विधायक नहीं माना. वह जनता के साथ आम आदमी की तरह मिलते जुलते हैं और उनका हर सुख दुख में साथ निभाते हैं. उनका कहना है कि विकास के हर क्षेत्र में उन्होंने काम किया है. इसी वजह से जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहा है. नलिन सोरेन लगातार सातवीं बार जीत का दावा कर रहे हैं.
नलिन सोरेन का दावा है कि आगामी विधानसभा चुनाव 2019 में जनता उन्हें जीत दिलाएगी और वो सातवीं बार शिकारीपाड़ा से विधायक बनेंगे. ईटीवी भारत ने शिकारीपाड़ा के लोगों से बातचीत कर जाना कि नलिन सोरेन की क्या खासियत है कि वो लगातार उन्हें विजयी बना रहे हैं. इस संबंध में लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी. कुछ लोगों ने माना नलिन सोरेन अच्छा काम कर रहे हैं. इस बात को सभी जोर देकर कहते हैं कि नलिन सोरेन मृदुभाषी हैं और उनसे मिलना आसान है.
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वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि विधायक कोई काम नहीं करते. उन्हें पसंद करने वाले अच्छी सड़क होने की बात कहते हैं तो दूसरी ओर नापसंद करने वाले लोग कहते हैं कि ग्रामीण सड़कों की स्थिति आज भी बदहाल है. शिकारीपाड़ा भाजपा के परितोष सोरेन का कहना है कि विधायक नलिन सोरेन लगातार जीत दर्ज करने में सफल जरूर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई भी उल्लेखनीय कार्य नहीं किया. उनका दावा है कि इस बार शिकारीपाड़ा में कमल खिलेगा.