दुमका: एक ओर जहां गरीबों के लिए सरकार कई जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. वहीं कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिन तक सरकारी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं और जानकारी के अभाव में सरकारी सहायता से वंचित नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक गरीब शख्स कैंसर से ग्रसित अपनी पत्नी के इलाज की आस लिए बासुकीनाथ में दर दर भटक रहा है. बासुकीनाथ स्थित यात्री शेड में देवघर से आया एक गरीब परिवार चार छोटे-छोटे बच्चों के साथ बीते तीन-चार दिनों से किसी तरह जीवन यापन कर रहा है.
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एक गरीब असहाय परिवार की कहानी
देवघर में मजदूरी कर बाल बच्चों को पाल पोस रहे दिलीप मेहतर ने बताया कि उसकी पत्नी असाध्य रोग से ग्रसित है. अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार पत्नी का इलाज कराया लेकिन बीमारी में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने बताया कि देवघर के फुटपाथ में रहकर किसी तरह जीवन बसर करता था. इसी दौरान अतिक्रमण हटाने के नाम पर स्थानीय प्रशासन ने उसका आशियाना उजाड़ दिया है. पत्नी की दवाई और बाल बच्चों को पालने पोसने के खर्च से परेशान दिलीप मेहतर बाल बच्चों के साथ बाबा बासुकीनाथ की शरण में आ गया.
पत्नी के इलाज के लिए प्रशासन से लगाई गुहार
वहीं, बासुकीनाथ के लोगों ने दिलीप की स्थिति को देखते हुए कुछ रुपये देकर उसकी आर्थिक मदद की. इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष पूनम देवी ने इस परिवार को रहने के लिए बासुकीनाथ बस पड़ाव के पास एक सरकारी शेड उपलब्ध करा दिया है और हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया. फिलहाल, इस परिवार को अस्थाई तौर पर एक आशियाना तो मिल गया है लेकिन अपनी बीमार पत्नी का इलाज कराने में दिलीप असक्षम नजर आ रहा है और उसने सरकार से पत्नी के समुचित इलाज की गुहार लगाई है.
एक गरीब और असहाय परिवार सरकारी सहायता का इंतजार कर रहा है. पत्नी असाध्य रोग से पीड़ित है, चार छोटे-छोटे बच्चे भूख से परेशान हैं. बेचारा पति परिवार को छोड़कर कमाने भी नहीं जा सकता है. पति करे तो क्या करें परिवार को और बच्चों को देखें या फिर कमाकर भोजन का इंतजाम करे.