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PM मोदी की अपील का भी नहीं हुआ असर, मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी

धनबाद में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का कोई असर नहीं दिख रहा है. लॉकडाउन में यहां सारे उद्योग- धंधे बंद पड़े हुए हैं और मजदूर भट्ठों में ही फंसे हुए हैं. मजदूरों को मालिक अभी मजदूरी नहीं दे रहे हैं. इन भट्ठा मालिकों ने मजदूरों को लेकर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की है, न ही इनके खाने-पीने का प्रबंध किया गया है.

Workers, मजदूर
मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी
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Published : Apr 18, 2020, 5:35 PM IST

धनबाद: जिले को देश की कोयला राजधानी के नाम से जाना जाता है. यहां कोयले से संबंधित बहुत सारे उद्योग-धंधे लगे हुए हैं. इनमें काफी संख्या में मजदूर, मजदूरी करते हैं लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में अभी सारे उद्योग-धंधे बंद हैं. वहीं मालिकों ने भी मजदूरों से मुंह मोड़ लिया है.

देखें पूरी खबर
बता दें कि जिले के गोविंदपुर, निरसा समते कई इलाकों में कोयला के भट्ठे में मजदूर काम करते हैं. यहां पर कच्चे कोयले को पकाकर पक्का (पोड़ा) कोयला में परिवर्तित किया जाता है. इसकी सप्लाई अन्य राज्यों को होती हैं इन भट्ठों में काफी संख्या में मजदूर काम करते हैं, लेकिन अभी लॉकडाउन में यह सारे उद्योग धंधे बंद पड़े हुए हैं और मजदूर भट्ठों में ही फंसे हुए हैं. मजदूरों को मालिक अभी मजदूरी नहीं दे रहे हैं. इन भट्ठा मालिकों ने मजदूरों को लेकर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की है ना ही इनके खाने-पीने का प्रबंध किया गया है ना ही मास्क दी गई है ना सेनेटाइजर की व्यवस्था है. मालिक लॉकडाउन के बाद कभी भट्ठों में पहुंचते भी नहीं है. भट्ठों में अब इन मजदूरों को घुसने भी नहीं दिया जा रहा, ऐसे में इन मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है.

ये भी पढ़ें- 3 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिया था बच्चे को जन्म, सदर अस्पताल का प्रसूति विभाग हुआ सील

पहले इन्हें प्रत्येक सप्ताह में पैसा दिया जाता था लेकिन लॉकडाउन में इन्हें मजदूरी अभी तक नहीं दी गई है. ऐसे में अब यह मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. जैसे-तैसे वे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. यह सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं. मामले की जानकारी होने पर झामुमो नेता देबू महतो इन भट्ठों में पहुंचे और मजदूरों से बातचीत की. उन्होंने बतलाया कि जल्द ही इस मामले को लेकर धनबाद उपायुक्त से मिलकर मामले की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही इन मजदूरों के खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाएगी.

धनबाद: जिले को देश की कोयला राजधानी के नाम से जाना जाता है. यहां कोयले से संबंधित बहुत सारे उद्योग-धंधे लगे हुए हैं. इनमें काफी संख्या में मजदूर, मजदूरी करते हैं लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में अभी सारे उद्योग-धंधे बंद हैं. वहीं मालिकों ने भी मजदूरों से मुंह मोड़ लिया है.

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बता दें कि जिले के गोविंदपुर, निरसा समते कई इलाकों में कोयला के भट्ठे में मजदूर काम करते हैं. यहां पर कच्चे कोयले को पकाकर पक्का (पोड़ा) कोयला में परिवर्तित किया जाता है. इसकी सप्लाई अन्य राज्यों को होती हैं इन भट्ठों में काफी संख्या में मजदूर काम करते हैं, लेकिन अभी लॉकडाउन में यह सारे उद्योग धंधे बंद पड़े हुए हैं और मजदूर भट्ठों में ही फंसे हुए हैं. मजदूरों को मालिक अभी मजदूरी नहीं दे रहे हैं. इन भट्ठा मालिकों ने मजदूरों को लेकर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की है ना ही इनके खाने-पीने का प्रबंध किया गया है ना ही मास्क दी गई है ना सेनेटाइजर की व्यवस्था है. मालिक लॉकडाउन के बाद कभी भट्ठों में पहुंचते भी नहीं है. भट्ठों में अब इन मजदूरों को घुसने भी नहीं दिया जा रहा, ऐसे में इन मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है.

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पहले इन्हें प्रत्येक सप्ताह में पैसा दिया जाता था लेकिन लॉकडाउन में इन्हें मजदूरी अभी तक नहीं दी गई है. ऐसे में अब यह मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. जैसे-तैसे वे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. यह सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं. मामले की जानकारी होने पर झामुमो नेता देबू महतो इन भट्ठों में पहुंचे और मजदूरों से बातचीत की. उन्होंने बतलाया कि जल्द ही इस मामले को लेकर धनबाद उपायुक्त से मिलकर मामले की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही इन मजदूरों के खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाएगी.

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