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जिंदगी की गाड़ी हो या ट्रेन, इनके बगैर हो जाती है बेपटरी - धनबाद

महिलाएं हर तरह के काम करने में माहिर हैं. इसे साबित कर रही हैं धनबाद की महिलाएं. जो अपने बेहतरीन काम से लोगों का सफर सुरक्षित करती हैं.

देखिए स्पेशल स्टोरी
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Published : Feb 26, 2019, 8:00 PM IST

धनबादः काम कोई भी हो, महिलाएं उसमें पीछे नहीं हैं. वो हर काम करने में माहिर हैं. कुछ ऐसी हीं जुझारू महिलाएं हैं धनबाद रेल मंडल में. जो यह तय करती हैं कि आपकी यात्रा आरामदायक और सुरक्षित हो.

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ट्रेन पटरी पर सुरक्षित दौड़ सके. इसके लिए उसकी मेंटेनेंस एक अहम कड़ी है और ये किया जाता है धनबाद स्टेशन से सटे रेलवे की सिंक लाइन में. ट्रेनों का सफर सुरक्षित हो, इसके लिए मेंटनेंस का काम पिछले कई सालों से पुरुष ही किया करते थे. वजह थी कि यह काम काफी मेहनत और जोखिम भरा होता है. लेकिन आज महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर यह काम कर रही हैं. अब मंजू, बिंदु और बबीता जैसी कई महिलाएं ट्रेनों के मेंटनेंस के इस जोखिम भरे कार्य को कर रही हैं.

ट्रेनों के पहिए को दुरुस्त करने सहित कई तरह के कार्य ये महिलाएं यहां करती हैं. टेक्नीशियन का कार्य कर रही महिलाएं कहती हैं कि वह पुरुषों से किसी मामले में पीछे नहीं हैं. वह हर वो काम कर सकती हैं जो पुरुष करते हैं. हालांकि महिलाएं ये भी कहती हैं कि कार्य के दौरान जब भी दिक्कत होती है, तो यहां काम करने वाले पुरूष भी उनका भरपूर सहयोग करते हैं.

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सिंक इंचार्ज आरके दत्ता कहते हैं कि ट्रेन सुरक्षित दौड़े इसके लिए महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. वह कभी ट्रेनों को अनसेफ नहीं छोड़ती हैं. ट्रेनों में जरा सी भी कमी होने पर वे इसकी जानकारी देती हैं. उस कमी को दूर करने के बाद ही ये ट्रेनों को फिट करते हैं.

धनबादः काम कोई भी हो, महिलाएं उसमें पीछे नहीं हैं. वो हर काम करने में माहिर हैं. कुछ ऐसी हीं जुझारू महिलाएं हैं धनबाद रेल मंडल में. जो यह तय करती हैं कि आपकी यात्रा आरामदायक और सुरक्षित हो.

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ट्रेन पटरी पर सुरक्षित दौड़ सके. इसके लिए उसकी मेंटेनेंस एक अहम कड़ी है और ये किया जाता है धनबाद स्टेशन से सटे रेलवे की सिंक लाइन में. ट्रेनों का सफर सुरक्षित हो, इसके लिए मेंटनेंस का काम पिछले कई सालों से पुरुष ही किया करते थे. वजह थी कि यह काम काफी मेहनत और जोखिम भरा होता है. लेकिन आज महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर यह काम कर रही हैं. अब मंजू, बिंदु और बबीता जैसी कई महिलाएं ट्रेनों के मेंटनेंस के इस जोखिम भरे कार्य को कर रही हैं.

ट्रेनों के पहिए को दुरुस्त करने सहित कई तरह के कार्य ये महिलाएं यहां करती हैं. टेक्नीशियन का कार्य कर रही महिलाएं कहती हैं कि वह पुरुषों से किसी मामले में पीछे नहीं हैं. वह हर वो काम कर सकती हैं जो पुरुष करते हैं. हालांकि महिलाएं ये भी कहती हैं कि कार्य के दौरान जब भी दिक्कत होती है, तो यहां काम करने वाले पुरूष भी उनका भरपूर सहयोग करते हैं.

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सिंक इंचार्ज आरके दत्ता कहते हैं कि ट्रेन सुरक्षित दौड़े इसके लिए महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. वह कभी ट्रेनों को अनसेफ नहीं छोड़ती हैं. ट्रेनों में जरा सी भी कमी होने पर वे इसकी जानकारी देती हैं. उस कमी को दूर करने के बाद ही ये ट्रेनों को फिट करते हैं.

Intro:धनबाद।ट्रेन पटरी पर सुरक्षित दौड़ सके।इसके लिए उनका मेंटेनेंस एक अहम कड़ी है।ट्रेनों के सफर सुरक्षित हो इसके लिए पिछले कई सालों से पुरुष इस कार्य को कर रहे थे।लेकिन अब धनबाद रेल मंडल में कई ऐसी जुझारू महिलाएं है जो इस जोखिम भरे कार्य मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।


Body:VO 01:--धनबाद स्टेशन से सटे रेलवे की सिंक लाइन में ट्रेनों के मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है।मेंटनेंस का कार्य काफी जोखिम भरा रहता है।यहां न सिर्फ ट्रेनों का मेंटनेंस होता है बल्कि अगली बार रेल की पटरियों पर ये ट्रेनें सुरक्षित दौड़ सके इसके लिए भी इन्हें फिट किया जाता है।इस जोखिम भरे कार्य मे पिछले कई सालों से पुरषों का ही बोलबाला रहा है।लेकिन अब मंजू ,बिंदु और बबिता जैसी कई महिलाएं ट्रेनों के मेंटनेंस के इस जोखिम भरे कार्य को कर रही हैं।ट्रेनों के पहिए को दुरुस्त करने सहित कई तरह के कार्य ये महिलाएं यहां कर रही हैं।टेक्नीशियन का कार्य कर रही महिलाएं कहती है कि हम भी पुरुषों से किसी मामले में पीछे नही है।हम हर वो काम कर सकते हैं जो पुरुष करते हैं।हालांकि महिलाएं भी कहती है कि कार्य के दौरान जहां कहीं भी दिक्कत होती है, तो यहां कार्य करने वाले पुरूष भी उनका भरपूर सहयोग करते हैं।

BYTE 01:-BABITA
BYTE 02:-BINDU
BYTE 03:-NIBHA



VO 02:-मेंटेनेंस का काम कर रहे पुरुषों की टोली की माने तो यह काम काफी जोखिम भरा होता है।महिलाओं को कार्य के दौरान परेशानी होने पर ये उनका सहयोग करने में कभी पीछे नही हटते हैं।

BYTE 04:-ANIL KUMAR,

VO 03:-सिंक इंचार्ज आरके दत्ता कहते हैं कि ट्रेन सुरक्षित दौड़े इसके लिए महिलाएं अपनी जिम्मेवारी बखूबी निभा रही है।कभी ट्रेनों को अनसेफ नही छोड़ती है।ट्रेनों में जरा सी भी कमी होने पर वे इसकी जानकारी देते हैं।उस कमी को दूर करने के बाद ही ये ट्रेनों को फीट करते हैं

BYTE:-RK DUTTA, INCHARGE





Conclusion:na
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