ETV Bharat / city

यहां पर मरीज को बांधकर डॉक्टर करते हैं इलाज, जानिए क्या है PMCH का 'बंधुआ' इलाज - PMCH dhanbad

धनबाद में बच्चा चोरी की अफवाह में पिटाई से घायल महिला को पुलिस ने अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया. पर अब महिला को पीएमसीएच धनबाद में बांधकर रखा गया है. सुरक्षा में तैनात जवान का कहना है कि महिला अचानक उठकर इधर-उधर भागने लगती है इसलिए उसे बांध दिया गया है. वहीं, पीएमसीएच के अधीक्षक कहते हैं कि वार्ड में ऐसे मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ है.

अस्पताल में भर्ती महिला
author img

By

Published : Sep 13, 2019, 6:12 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 9:55 PM IST

धनबाद: बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर आए दिन लोग शिकार हो रहे हैं. इनमें ज्यादातर लोग अर्द्ध विक्षिप्त हैं. कुछ की जान चली जा रही है, तो कुछ की जान बचाने में पुलिस सफल हो जाती है. पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराती है. अस्पताल में किस कदर उनका इलाज किया जाता है और पुलिस कितनी बेरहमी से उनसे पेश आती है.

देखें पूरी खबर

अफवाह में महिला की पिटाई
बच्चा चोरी की अफवाह का असर विशेष कर वैसे लोगों पर पड़ रहा है. जिनकी स्थिति मानसिक रूप से अच्छी नहीं है. उनकी वेशभूषा को देख लोग उन्हें बच्चा चोर समझ बैठते हैं. धीरे-धीरे लोगों की भीड़ इकट्ठा होती चली जाती है और फिर सभी मिलकर पिटाई शुरू कर देते हैं. पुलिस वैसे अर्द्ध विक्षिप्तों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराती है. लेकिन वार्ड में उनकी स्थिति देखकर ऐसा महसूस होता है मानो जानवरों से भी बद्दतर उनके साथ सलूक किया जा रहा हो. पिछले दिनों मुनीडीह में बच्चा चोरी की शंका पर एक अर्द्ध विक्षिप्त महिला की पिटाई की गई.


महिला का हाथ पैर बांधा
पुलिस ने उसकी जान बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया. महिला अस्पताल में भर्ती जरूर है, उसका इलाज भी चल रहा है. लेकिन महिला के हाथ पैर बंधे हुए हैं. महिला कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. महिला की सुरक्षा में दो महिला पुलिस और एक पुरुष पुलिस को तैनात किया गया है. वे कहते हैं कि उठकर यह भागने लगती है, इसलिए इन्हें हाथ पैर बांधकर रखा गया है.

ये भी पढ़ें- भाई की मौत पर छुट्टी नहीं मिलने से नाराज था सिपाही, पुलिस लाइन में कर दी अंधाधुंध फायरिंग

'मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ'
जिले के एसएसपी किशोर कौशल भी मानते हैं कि मॉब लिंचिंग का शिकार ज्यादातर अर्द्ध विक्षिप्त लोग हो रहे हैं. वह कहते हैं कि ऐसे लोगों की इलाज की जरूरत है. सरकार की ओर से उनके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ एचके सिंह ने कहा कि इस तरह की मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में डॉक्टर के साथ-साथ हर तरह की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं. वार्ड में ऐसे मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ है.

धनबाद: बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर आए दिन लोग शिकार हो रहे हैं. इनमें ज्यादातर लोग अर्द्ध विक्षिप्त हैं. कुछ की जान चली जा रही है, तो कुछ की जान बचाने में पुलिस सफल हो जाती है. पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराती है. अस्पताल में किस कदर उनका इलाज किया जाता है और पुलिस कितनी बेरहमी से उनसे पेश आती है.

देखें पूरी खबर

अफवाह में महिला की पिटाई
बच्चा चोरी की अफवाह का असर विशेष कर वैसे लोगों पर पड़ रहा है. जिनकी स्थिति मानसिक रूप से अच्छी नहीं है. उनकी वेशभूषा को देख लोग उन्हें बच्चा चोर समझ बैठते हैं. धीरे-धीरे लोगों की भीड़ इकट्ठा होती चली जाती है और फिर सभी मिलकर पिटाई शुरू कर देते हैं. पुलिस वैसे अर्द्ध विक्षिप्तों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराती है. लेकिन वार्ड में उनकी स्थिति देखकर ऐसा महसूस होता है मानो जानवरों से भी बद्दतर उनके साथ सलूक किया जा रहा हो. पिछले दिनों मुनीडीह में बच्चा चोरी की शंका पर एक अर्द्ध विक्षिप्त महिला की पिटाई की गई.


महिला का हाथ पैर बांधा
पुलिस ने उसकी जान बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया. महिला अस्पताल में भर्ती जरूर है, उसका इलाज भी चल रहा है. लेकिन महिला के हाथ पैर बंधे हुए हैं. महिला कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. महिला की सुरक्षा में दो महिला पुलिस और एक पुरुष पुलिस को तैनात किया गया है. वे कहते हैं कि उठकर यह भागने लगती है, इसलिए इन्हें हाथ पैर बांधकर रखा गया है.

ये भी पढ़ें- भाई की मौत पर छुट्टी नहीं मिलने से नाराज था सिपाही, पुलिस लाइन में कर दी अंधाधुंध फायरिंग

'मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ'
जिले के एसएसपी किशोर कौशल भी मानते हैं कि मॉब लिंचिंग का शिकार ज्यादातर अर्द्ध विक्षिप्त लोग हो रहे हैं. वह कहते हैं कि ऐसे लोगों की इलाज की जरूरत है. सरकार की ओर से उनके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ एचके सिंह ने कहा कि इस तरह की मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में डॉक्टर के साथ-साथ हर तरह की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं. वार्ड में ऐसे मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ है.

Intro:ANCHOR:-बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर आए दिन लोग शिकार हो रहे हैं।इनमे ज्यादातर लोग अर्द्ध विक्षिप्त हैं।कुछ की जान चली जा रही है।तो कुछ की जान बचाने में पुलिस सफल हो जाती है।पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराती है।अस्पताल में किस कदर उनका इलाज किया जाता है और पुलिस कितनी बेरहमी से उनसे पेश आती है।जरा देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में.....





Body:VO 01:-बच्चा चोरी की अफवाह का असर विशेष कर वैसे लोगों पर पड़ रहा है।जिनकी स्थिति मानसिक रूप से अच्छी नही है।उनकी वेशभूषा को देख लोग उन्हें बच्चा चोर समझ बैठते हैं।धीरे धीरे लोगों की भींड इकट्ठा होती चली जाती है और फिर सभी मिलकर पिटाई शुरू कर देते हैं।ऐसे मामलों में कुछ की मौत तक हो जाती है तो कुछ की जान बचाने में पुलिस सफल हो जाती है और फिर पुलिस के द्वारा वैसे अर्द्ध विक्षिप्त को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।ताकि उनका उचित इलाज हो सके।जिले के एसएसपी किशोर कौशल भी मानते हैं कि मॉब लिंचिंग का शिकार ज्यादातर अर्द्ध विक्षिप्त लोग हो रहे हैं।वह कहते हैं कि ऐसे लोगों की इलाज की जरूरत है।सरकार की ओर से उनके लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है।

BYTE:--KISHOR KAUSHAL,SSP,DHANBAD

VO 02:--पुलिस के द्वारा वैसे अर्द्ध विक्षिप्तों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती तो कराया जाता है।लेकिन वार्ड में उनकी स्थिति देखकर ऐसा महसूस होता है मानो जानवरों से भी बद्दतर उनके साथ सुलूक किया जा रहा हो।पिछले दिनों मुनीडीह में बच्चा चोरी की शंका पर एक अर्द्ध विक्षिप्त महिला की पिटाई की गई।पुलिस ने उसकी जान बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया।महिला अस्पताल में भर्ती जरूर है।उसका इलाज भी चल रहा है।लेकिन महिला के हांथ पैर बंधे हुए हैं।महिला कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है।महिला की सुरक्षा में दो महिला पुलिस और एक पुरूष पुलिस को तैनात किया गया है।वे कहते हैं कि उठकर यह भागने लगती है।इसलिए इन्हें हांथ पैर बांधकर रखा गया है।

BYTE 02:-RAKESH KUMAR MISHRA,MUNIDIH POLICE

VO 03:-वहीं पीएमसीएच अधीक्षक डॉ एचके सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में डॉक्टर के साथ साथ हर तरह की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं।वार्ड में यदि ऐसे मरीजों को बांधकर रखना मानवता के खिलाफ है।

BYTE 03:--DR HK SINGH,ADHIKSHAK,PMCH




Conclusion:FINAL VO:--पुलिस के वरीय अधिकारी अर्द्ध विक्षिप्तों को भींड से जान बचाकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती जरूर कराते हैं।लेकिन पुलिसकर्मी ही मानवता को ताक पर रखकर जानवर से भी बद्दतर हालत करने में उनकी कोई कसर नही छोड़ते।

नरेंद्र कुमार, ईटीवी भारत,धनबाद


Last Updated : Sep 13, 2019, 9:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.