धनबाद: जिले के नेशनल हाइवे जीटी रोड गोविंदपुर इलाके में लोग सड़क जाम की समस्या से इतने परेशान हैं कि यहां पर आए दिन 3 से 4 घंटे तक सड़क जाम की समस्या बनी रहती है. वहीं दूसरी तरफ जिले के कोर्ट मोड़, श्रमिक चौक, बैंक मोड़, झरिया, कतरास आदि इलाकों में भीषण सड़क जाम और सड़क दुर्घटना की खबर लगातार सामने आती रहती है. गया पूल कहे जाने वाले पुल पर जाम की समस्या इतनी भीषण है कि वहां घंटों तक गाड़ियां रेंगती रहती है. इसी रास्ते धनबाद से रांची, पुरुलिया, जमशेदपुर, बोकारो आदि जगहों तक लोग जाते हैं. पूरे जिले से इन इलाकों में जाने के लिए यह एकमात्र सड़क है, जिस पर भीषण जाम लगभग प्रतिदिन देखी जाती है.
ट्रैफिक सिग्नल है बंद
वरिष्ठ पत्रकार पंकज सिन्हा ने बताया कि जिले के मैथन इलाके में साल 2011 में नेशनल खेल का आयोजन हुआ था. उसी समय शहर में ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे लेकिन मात्र कुछ महीने सुचारू रूप से चलने के बाद ट्रैफिक सिग्नल ने काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद से आज तक इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया. आए दिन सड़क दुर्घटना और चौक चौराहों पर जाम लगी रहती है. जाम के कारण एंबुलेंस भी फंस जाती है. मरीज और उनके परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन 2011 से लेकर अब तक इस और किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने बताया कि यहां के ट्रैफिक जवानों में भी ट्रेनिंग का अभाव दिखता है और वह ज्यादातर अवैध वसूली में मग्न होते हैं. जिस कारण यह समस्या दिनोंदिन विकराल होती जा रही है.
ट्रैफिक समस्या पर प्रशासन का नहीं है ध्यान
समाजसेवी राजेश दुदानी ने बताया कि सरकार आती जाती रहती हैं लेकिन किसी भी सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं रहता है. यह धनबाद के लिए दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड के सबसे सुदृढ़ कहे जाने वाले जिलों में धनबाद की पहचान होती है, लेकिन ट्रैफिक समस्या के चलते जिले के गोविंदपुर नेशनल हाइवे जीटी रोड, कोर्ट मोड़, बैंक मोड़ जैसे व्यस्ततम इलाकों के अलावे पूरे जिले में कहीं भी ट्रैफिक सिग्नल नहीं है और अगर है भी तो वह काम नहीं करती है. जिस कारण जाम और सड़क दुर्घटना की समस्या आए दिन देखने को मिलती रहती है. उन्होंने जिला प्रशासन से और सरकार से जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देने की अपील की है.
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ट्रैफिक समस्या से कब मिलेगी निजात
इस पूरे मामले में जब यातायात थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर राजेश्वर वर्मा ने कहा कि सड़क सुरक्षा की बैठक में इन सभी मुद्दों को उठाया गया है और बहुत ही जल्द ट्रैफिक सिग्नल की समस्या जिले में दूर की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल को सुचारू रूप से चलाने के लिए कम से कम आधा किलोमीटर या 800 मीटर की दूरी होनी आवश्यक है लेकिन जिले में ऐसी सड़कों का अभाव है. उन्होंने कहा कि मैनुअल माध्यम से काफी हद तक इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया गया है और सफलता भी मिली है.