धनबाद: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के साथ ही जिले के भौंरा की रहने वाली 72 साल की महिला सरस्वती देवी की आंखों में चमक देखने को मिल रही है. पिछले 30 सालों से भी अधिक वह मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत धारण कर रखी हैं. इसके साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर वह विभिन्न तीर्थ स्थलों में मन्नत भी मान चुकी है. अपनी मां की आवाज सुनने के लिए परिवार पिछले 30 वर्षों से लालायित हैं, लेकिन उनके परिवार में इस बात को लेकर खुशी भी है. मंदिर निर्माण साथ प्रवेश कर दर्शन करने के बाद ही सरस्वती अपना मौन व्रत तोड़ेंगी. कई बड़े समारोह घर परिवार में हुए, लेकिन अपने परिजनों से सिर्फ और सिर्फ इशारों में ही बात किया. वहीं पोते पीयूष अग्रवाल का कहना है कि बचपन से ही दादी को कुछ बोलते हुए नहीं सुना है.
ये भी पढ़ें- गुमला: प्रभु श्रीराम से जुड़ी है पंपापुर की कहानी, जहां रहते थे वानरराज सुग्रीव
परिजनों ने उन्हें मौन व्रत तोड़ने को कहा
वहीं, रामजन्म मंदिर की भूमि पूजन पर बेटे और परिजनों ने उन्हें मौन व्रत तोड़ने को कहा, लेकिन उन्होंने इशारे में बताया कि मंदिर का निर्माण पूर्ण रूप से होने के बाद मंदिर के अंदर जाकर ही मौन व्रत तोड़ेंगी.