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विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो का बयान, राज्यपाल राज्य के होते हैं लाट साहब

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो बुधवार को धनबाद पहुंचे. यहां जब उनसे पूछा गया कि चुनाव आयोग की चिट्ठी पर राज्यपाल अब तक चुप क्यों हैं, इस पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल लाट साहब होते हैं और उनपर टिप्पणी करना उचित नहीं है.

governor is Laat Saheb
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Published : Sep 8, 2022, 7:21 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 8:20 PM IST

धनबाद: झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो बुधवार को धनबाद पहुंचे. यहां पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल को लाट साहब करार दिया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य के लाट साहब होते हैं और उनके खिलाफ कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं.

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने धनबाद सर्किट हॉउस में कुछ अटपटा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल राज्य के लिए लाट साहब होते हैं उनके ऊपर कोई टीका टिप्पणी वे नहीं कर सकते. उन्होंने बयान उस वक्त दिया जब उनसे पूछा गया कि राज्यपाल ने चुनाव आयोग की चिट्ठी पर अब तक चुप्पी साध रखी है इस पर उनका क्या मंतव्य है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास विधायकों की संख्या बल की कमी नहीं है, ऐसे में ऊहापोह की स्थिति आने की कोई गुंजाइश ही नहीं बनती. कुछ लोगों ने कृत्रिम तरीके से ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश की थी, जिसमें वह सफल नहीं हो पाए.

ये भी पढ़ें: झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल, राज्यपाल रमेश बैस लौटे रांची

हालांकि, उन्होंने इस बात को स्पष्ट नहीं किया कि जब उहापोह की स्थिति नहीं थी तो सरकार को रायपुर यात्रा विधायकों को सहेज कर क्यों करनी पड़ी. वहीं उन्होंने कांग्रेस के तीन विधायकों पर कहा कि उनकी पार्टी के द्वारा तीनों की शिकायत दर्ज कराई गई है उस पर पार्टी जरूर कार्रवाई करेगी.

बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन से हो रही देरी के सवाल पर कहा था कि जिन लोगों की जिम्मेदारी है, उनसे सवाल किया जाना चाहिए. विधानसभा सत्र में हम इसलिए बोले, क्योंकि वह हमसबों का क्लासरूम था. क्लासरूम में छात्रों को बोलने का अधिकार होता है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना कर्तव्य पूरा कर दिया. लेकिन राजभवन खामोश क्यों है. लोकतंत्र में यह आचरण ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि राजभवन कहीं ना कहीं से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसी वजह से देर हो रही है तो राजभवन के अधिकारी एक विज्ञप्ति जारी कर ही सकते हैं. लेकिन विज्ञप्ति भी जारी नहीं कर रहे हैं.

राजभवन पर टिकी निगाहेंः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी हुई हैं. संभावना यह जताई जा रही है कि पिछले कई दिनों से जारी यह सियासी संकट जल्द ही समाप्त हो जाएगी.

धनबाद: झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो बुधवार को धनबाद पहुंचे. यहां पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल को लाट साहब करार दिया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य के लाट साहब होते हैं और उनके खिलाफ कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं.

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने धनबाद सर्किट हॉउस में कुछ अटपटा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल राज्य के लिए लाट साहब होते हैं उनके ऊपर कोई टीका टिप्पणी वे नहीं कर सकते. उन्होंने बयान उस वक्त दिया जब उनसे पूछा गया कि राज्यपाल ने चुनाव आयोग की चिट्ठी पर अब तक चुप्पी साध रखी है इस पर उनका क्या मंतव्य है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास विधायकों की संख्या बल की कमी नहीं है, ऐसे में ऊहापोह की स्थिति आने की कोई गुंजाइश ही नहीं बनती. कुछ लोगों ने कृत्रिम तरीके से ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश की थी, जिसमें वह सफल नहीं हो पाए.

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हालांकि, उन्होंने इस बात को स्पष्ट नहीं किया कि जब उहापोह की स्थिति नहीं थी तो सरकार को रायपुर यात्रा विधायकों को सहेज कर क्यों करनी पड़ी. वहीं उन्होंने कांग्रेस के तीन विधायकों पर कहा कि उनकी पार्टी के द्वारा तीनों की शिकायत दर्ज कराई गई है उस पर पार्टी जरूर कार्रवाई करेगी.

बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन से हो रही देरी के सवाल पर कहा था कि जिन लोगों की जिम्मेदारी है, उनसे सवाल किया जाना चाहिए. विधानसभा सत्र में हम इसलिए बोले, क्योंकि वह हमसबों का क्लासरूम था. क्लासरूम में छात्रों को बोलने का अधिकार होता है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना कर्तव्य पूरा कर दिया. लेकिन राजभवन खामोश क्यों है. लोकतंत्र में यह आचरण ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि राजभवन कहीं ना कहीं से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसी वजह से देर हो रही है तो राजभवन के अधिकारी एक विज्ञप्ति जारी कर ही सकते हैं. लेकिन विज्ञप्ति भी जारी नहीं कर रहे हैं.

राजभवन पर टिकी निगाहेंः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी हुई हैं. संभावना यह जताई जा रही है कि पिछले कई दिनों से जारी यह सियासी संकट जल्द ही समाप्त हो जाएगी.

Last Updated : Sep 8, 2022, 8:20 PM IST
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