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संयुक्त मोर्चा ने कमर्शियल माइनिंग का किया विरोध, कहा- नहीं चलने देंगे सरकार की तानाशाही

केंद्र सरकार के कोल इंडिया में कमर्शियल माइनिंग और कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपे जाने के फैसले को लेकर विरोध लगातार जारी है. इस सिलसिले में संयुक्त मोर्चा की ओर से भौरा बीसीसीएल जीएम कार्यालय के सामने एक सभा का आयोजन किया गया. सभा में संयुक्त मोर्चा, इंटक सभी यूनियन के नेता मौजूद थे.

protest against privatization of commercial mining and coal blocks
protest against privatization of commercial mining and coal blocks
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Published : Oct 8, 2020, 5:15 PM IST

धनबादः कोल इंडिया में कमर्शियल माइनिंग और कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर विरोध जारी है. इसके तहत केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में संयुक्त मोर्चा की ओर से भौरा बीसीसीएल जीएम कार्यालय के सामने एक सभा का आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें-जेडीयू-भाजपा, राजद और कांग्रेस ने उम्मीदवारों को बांटे टिकट, यहां देखें पूरी सूची

पूर्वी झरिया क्षेत्र के राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के अध्यक्ष एसके शाही ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गूंगी बहरी सरकार कमर्शियल माइनिंग के माध्यम से कोयला उद्योग का निजिकरण कर मजदूरों के अस्तित्व को मिटाना चाहती है. केंद्र सरकार सभी मजदूरों को बेरोजगार कर देना चाहती है. सरकार की यह नीति हम सब चलने नहीं देंगे.

वहीं, जिला उपाध्यक्ष रामधारी ने कहा कि सरकार मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है. कोरोना महामारी की आड़ में गलत और असंवैधानिक फैसले लिए जा रहे हैं, जो देश के लिए घातक सिद्ध होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो आंदोलन करने पर बाध्य होंगे. एक स्वर में संयुक्त मोर्चा ने कमर्शियल माइनिंग को वापस लेने की मांग सरकार से की है. इस सभा में संयुक्त मोर्चा, इंटक सभी यूनियन के नेता मौजूद थे.

धनबादः कोल इंडिया में कमर्शियल माइनिंग और कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर विरोध जारी है. इसके तहत केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में संयुक्त मोर्चा की ओर से भौरा बीसीसीएल जीएम कार्यालय के सामने एक सभा का आयोजन किया गया.

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पूर्वी झरिया क्षेत्र के राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के अध्यक्ष एसके शाही ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गूंगी बहरी सरकार कमर्शियल माइनिंग के माध्यम से कोयला उद्योग का निजिकरण कर मजदूरों के अस्तित्व को मिटाना चाहती है. केंद्र सरकार सभी मजदूरों को बेरोजगार कर देना चाहती है. सरकार की यह नीति हम सब चलने नहीं देंगे.

वहीं, जिला उपाध्यक्ष रामधारी ने कहा कि सरकार मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है. कोरोना महामारी की आड़ में गलत और असंवैधानिक फैसले लिए जा रहे हैं, जो देश के लिए घातक सिद्ध होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो आंदोलन करने पर बाध्य होंगे. एक स्वर में संयुक्त मोर्चा ने कमर्शियल माइनिंग को वापस लेने की मांग सरकार से की है. इस सभा में संयुक्त मोर्चा, इंटक सभी यूनियन के नेता मौजूद थे.

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