धनबादः कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) ने पूरे देश में कोहराम मचाया. कितनों की जिंदगियां छीन गईं, कितनों का परिवार उजड़ गया. जो इस महामारी में असमय काल के गाल में समा गए. ऐसे परिवार को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार (Central and State Government) ने पहल की है. फिर भी इन आदेशों को ताक पर रखने हुए निजी स्कूल पीड़ित परिवार के साथ संवेदनहीनता दिखा रहे हैं, स्कूल फीस (School Fees) के लिए लगातार उनपर दबाव बना रहे हैं.
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धनबाद में निजी विद्यालय (Private School in Dhanbad) अपना रंग दिखाने लगे हैं और बच्चों को फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सरकार ने वैसे पीड़ित परिवारों और उनके बच्चों को लेकर सुविधा देने की घोषणा की है, जिनके अभिभावक की मौत कोरोना की वजह से हुई है. ऐसे बच्चों को लेकर सख्त निर्देश है कि उनकी पढ़ाई किसी तरह से भी बाधित ना हो, सरकार वैसे बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी.
लेकिन धनबाद में ऐसा कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है. यहां एक व्यक्ति को मौत कोरोना से हो जाती है और धनबाद पब्लिक स्कूल (Dhanbad Public School) उनके दोनों बच्चों से फीस जमा करने के लिए लगातार मैसेज भेजकर दबाव बना रहे है. मयंक धनबाद पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ता है, जबकि उसका छोटा भाई पांचवीं कक्षा में है. अभी पिता की मौत हुए दो महीने भी नहीं गुजरे की दुनिया की दुश्वारियां उनके सामने बाधा बनकर खड़ी है. स्कूल से लगातार फीस के लिए मैसेज भेजे जा रहे हैं.
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मयंक के पिता धीरज शर्मा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (Medical Representative) थे. जिनकी मौत मई महीने में कोरोना की वजह से हो गई थी. उनकी पत्नी जयंती देवी बताती है कि स्कूल से लगातार फीस जमा करने के लिए मैसेज भेजे जा रहे हैं. स्कूल प्रिंसिपल से बात हुई लेकिन उनके और से कोई आश्वासन नहीं मिला. लिहाजा स्थानीय विधायक से मिलकर मदद की गुहार लगाई है.
जयंती देवी अपने दोनों बच्चों के साथ धनबाद विधायक राज सिन्हा (Dhanbad MLA Raj Sinha) से मदद की गुहार लगाई. उनकी बातें सुनकर धनबाद विधायक भी हैरान रह गए कि सरकार के आदेश के बावजूद निजी स्कूल फीस के लिए आखिर कैसे दबाव बना सकता है. इस बाबत विधायक ने कहा है कि जब सरकार की ओर से आदेश जारी है तब निजी विद्यालय फीस के लिए क्यों दबाव बना रहा है. उन्होंने प्रभावित परिवार को आश्वासन दिया कि इस मामले पर झारखंड सीएम (Jharkhand CM) से बात कर जानकारी देंगे ताकि सरकारी सरकारी आदेशों का लाभ अभिभावक विभिन्न बच्चों को मिल सके.
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कोरोना महामारी (Corona Pandemic) क्या आई लोगों की जान पर बन आई. कोरोना की पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर कई गुना खतरनाक रही. दूसरी लहर में कोरोना ने ना जाने कितनी जिंदगियां लील ली. कइयों की मांग उजड़ गई तो कई बच्चे अनाथ हो गए. ऐसे में केंद्र सरकार ने मदद का आश्वासन दिया और कहा कि वैसे बच्चे जिनके माता पिता या अभिभावक की मौत कोरोना की वजह से हुई हैं, उन्हें +2 तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.