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धनबादः प्राइवेट कोचिंग संचालक सब्जी बेचने को हुए मजबूर, सरकार से लगा रहे मदद की गुहार - प्राइवेट कोचिंग संचालकों की हालत खस्ता

लॉकडाउन के बाद अनलॉक 1 और 2 में भी कोचिंग संचालकों और ट्यूशन पढ़ाने वालों को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई है. कोचिंग संचालक इस क्रम में धनबाद में सब्जी बेचकर सरकार के प्रति अपना विरोध प्रकट किया है.

Protest of private coaching operators in Dhanbad
कोचिंग संचालक सब्जी बेचने को मजबूर
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Published : Jun 30, 2020, 3:13 PM IST

धनबाद: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरे विश्व को परेशान कर रखा है. लाखों लोगों की मौत इस वैश्विक महामारी से अब तक हो चुकी है. विश्व के लगभग सभी देशों में इस कहर के कारण लॉकडाउन घोषित किया गया है. हालांकि भारत में अब लॉकडाउन में काफी राहत मिल गई है, लेकिन झारखंड में प्राइवेट कोचिंग संचालकों को अब तक छूट नहीं मिली हैं जिससे कोचिंग संचालक भुखमरी की कगार पर आ गए हैं.

देखें पूरी खबर

प्राइवेट कोचिंग संचालक और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर सब्जी बेचकर अपना विरोध प्रकट किया और सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की. वहीं, इन लोगों ने कहा कि लगभग 3 महीने से लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. कोचिंग संचालकों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अब भुखमरी के कारण सब्जी बेचने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें-ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

लोगों ने बताया कि पूरे जिले में लगभग 5,000 ऐसे शिक्षक हैं जो किसी स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं बल्कि वह प्राइवेट कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाकर ही अपना गुजर-बसर करते हैं. उनके साथ उनका पूरा परिवार है, लेकिन लॉकडाउन के बाद अब तक छूट नहीं मिली है जिसके कारण लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. लोगों ने कहा कि उनके पास जमा पूंजी भी नहीं है. ऐसे में सब्जी बेचने के अलावा और कोई चारा उनके पास नहीं है.

प्राइवेट कोचिंग संचालक रणधीर वर्मा चौक पर सड़क किनारे आलू, प्याज, फल आदि ठेलों पर बेचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि जब सरकार सभी चीजों पर छूट दे सकती है. शराब की दुकानें भी सोशल डिस्टेंसिंग में चलाई जा रही हैं तो शिक्षक और छात्र जो पढ़े लिखे लोग होते हैं वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कोचिंग क्यों नहीं चला सकते. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की है कि सरकार प्राइवेट कोचिंग संचालकों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द इस पर ध्यान दें और छात्रों के भविष्य को भी खराब होने से बचाएं.

सड़क पर सब्जी बेच रहे प्राइवेट कोचिंग संचालकों का साथ देने के लिए स्थानीय पार्षद अंकेश राज भी पहुंच गए उन्होंने भी सरकार से इनकी समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी मध्यमवर्गीय लोगों को ही लॉकडाउन में उठानी पड़ी है.

धनबाद: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरे विश्व को परेशान कर रखा है. लाखों लोगों की मौत इस वैश्विक महामारी से अब तक हो चुकी है. विश्व के लगभग सभी देशों में इस कहर के कारण लॉकडाउन घोषित किया गया है. हालांकि भारत में अब लॉकडाउन में काफी राहत मिल गई है, लेकिन झारखंड में प्राइवेट कोचिंग संचालकों को अब तक छूट नहीं मिली हैं जिससे कोचिंग संचालक भुखमरी की कगार पर आ गए हैं.

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प्राइवेट कोचिंग संचालक और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर सब्जी बेचकर अपना विरोध प्रकट किया और सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की. वहीं, इन लोगों ने कहा कि लगभग 3 महीने से लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. कोचिंग संचालकों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अब भुखमरी के कारण सब्जी बेचने को मजबूर हैं.

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लोगों ने बताया कि पूरे जिले में लगभग 5,000 ऐसे शिक्षक हैं जो किसी स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं बल्कि वह प्राइवेट कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाकर ही अपना गुजर-बसर करते हैं. उनके साथ उनका पूरा परिवार है, लेकिन लॉकडाउन के बाद अब तक छूट नहीं मिली है जिसके कारण लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. लोगों ने कहा कि उनके पास जमा पूंजी भी नहीं है. ऐसे में सब्जी बेचने के अलावा और कोई चारा उनके पास नहीं है.

प्राइवेट कोचिंग संचालक रणधीर वर्मा चौक पर सड़क किनारे आलू, प्याज, फल आदि ठेलों पर बेचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि जब सरकार सभी चीजों पर छूट दे सकती है. शराब की दुकानें भी सोशल डिस्टेंसिंग में चलाई जा रही हैं तो शिक्षक और छात्र जो पढ़े लिखे लोग होते हैं वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कोचिंग क्यों नहीं चला सकते. उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की है कि सरकार प्राइवेट कोचिंग संचालकों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द इस पर ध्यान दें और छात्रों के भविष्य को भी खराब होने से बचाएं.

सड़क पर सब्जी बेच रहे प्राइवेट कोचिंग संचालकों का साथ देने के लिए स्थानीय पार्षद अंकेश राज भी पहुंच गए उन्होंने भी सरकार से इनकी समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द कोई ठोस निर्णय लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी मध्यमवर्गीय लोगों को ही लॉकडाउन में उठानी पड़ी है.

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