ETV Bharat / state

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का राजस्व संग्रहण पर जोर, बकाया बिजली बिल वसूली की कवायद शुरू! - ELECTRICITY BILLS

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने चालू वित्तीय वर्ष के आखिरी तिमाही में राजस्व संग्रह पर जोर दिया है. जिसमें उपभोक्ताओं से बकाया वसूला जाएगा.

Jharkhand Electricity Distribution Corporation Limited focus on revenue collection in last quarter of financial year 2024-25
प्रतीकात्मक तस्वीर (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2025, 5:04 PM IST

रांची: वित्तीय कमी से जूझ रहे झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने चालू वित्तीय वर्ष के आखिरी तिमाही में राजस्व संग्रह पर जोर दिया है. इसके तहत जेबीवीएनएल ने 10 हजार रुपये से अधिक के बिजली बकाया रखनेवालों पर कार्रवाई करते हुए लाइन काटने का निर्देश दिया है.

इसके अलावा बड़े बकाएदार खासकर कॉमर्शियल कन्ज्यूमर और सरकारी विभागों के ऊपर बकाया राशि को भी वसूलने का निर्णय लिया गया है. एचईसी के उपर 450 करोड़ बकाया है जिसके लिए जेबीवीएनएल ने नोटिस भेजकर जल्द भुगतान करने की चेतावनी दी है. रांची विद्युत प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार कहते हैं कि घरेलू उपभोक्ता के पुराने बिजली माफ होने के बाद अब ज्यादातर शहरी क्षेत्र में ही कुछ बड़े बिजली बिल बकाएदार हैं जिनके उपर लगातार कार्रवाई की जा रही है.

जानकारी देते रांची विद्युत प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक (ETV Bharat)

जेबीवीएनएल के द्वारा बिजली बिल सभी उपभोक्ताओं को ससमय उपलब्ध हो इसपर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और 10 हजार रुपये से अधिक बकाया रखनेवाले उपभोक्ता जिसमें अधिकतर कॉमर्शियल है उनके बिजली आपूर्ति समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर में जेबीवीएनएल का बकाया करीब 8000 करोड़ है, जिस वजह से आर्थिक स्थिति काफी खराब है.

पिछले कुछ वित्तीय वर्ष पर नजर दौड़ाएं तो जेबीवीएनएल लगातार घाटा में रहा है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2600 करोड़, 2022-23 में 2500 करोड़ और 2023-24 में 7400 करोड़ का घाटा हुआ है. इस घाटे को कम करने के लिए इस बार विभाग सख्त है और बकाया की वसूली पर पूरी तरह से जोर दे रहा है.

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली स्थिति!

झारखंड राज्य में करीब 10 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिसमें से करीब 40 से 50 फीसदी उपभोक्ता ही समय पर बिजली बिल का भुगतान करते हैं. 40 फीसदी उपभोक्ता तो ऐसे हैं जिनपर लंबे समय से बकाया पड़ा हुआ है. राज्य सरकार के द्वारा 200 यूनिट बिजली फ्री और पूर्व के बकाया माफ किए जाने की वजह से जेबीवीएनएल पर ही इसका आर्थिक बोझ पड़ा है. यदि आमदनी की बात करें तो हर महीने लगभग 400 से 500 करोड़ राजस्व वसूली जेबीवीएनएल के द्वारा किया जा रहा है. जिसमें अकेले रांची क्षेत्र में 100 करोड़ के करीब राजस्व संग्रह होता है.

इसे भी पढ़ें- घरेलू उपभोक्ताओं के 3620.09 करोड़ का बिजली बिल माफ, लोगों के खिले चेहरे - Mukhyamantri Urja Khushhali Yojana

इसे भी पढ़ें- Khunti News: खूंटी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए समाधान योजना की हुई शुरुआत, एकमुश्त बिजली बिल भुगतान करने पर ब्याज किया जाएगा माफ

इसे भी पढ़ें- एक्शन में सीएम हेमंत सोरेन: अधिकारियों के साथ बैठक में रोजगार, राजस्व संग्रह और विकास पर जोर

रांची: वित्तीय कमी से जूझ रहे झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने चालू वित्तीय वर्ष के आखिरी तिमाही में राजस्व संग्रह पर जोर दिया है. इसके तहत जेबीवीएनएल ने 10 हजार रुपये से अधिक के बिजली बकाया रखनेवालों पर कार्रवाई करते हुए लाइन काटने का निर्देश दिया है.

इसके अलावा बड़े बकाएदार खासकर कॉमर्शियल कन्ज्यूमर और सरकारी विभागों के ऊपर बकाया राशि को भी वसूलने का निर्णय लिया गया है. एचईसी के उपर 450 करोड़ बकाया है जिसके लिए जेबीवीएनएल ने नोटिस भेजकर जल्द भुगतान करने की चेतावनी दी है. रांची विद्युत प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार कहते हैं कि घरेलू उपभोक्ता के पुराने बिजली माफ होने के बाद अब ज्यादातर शहरी क्षेत्र में ही कुछ बड़े बिजली बिल बकाएदार हैं जिनके उपर लगातार कार्रवाई की जा रही है.

जानकारी देते रांची विद्युत प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक (ETV Bharat)

जेबीवीएनएल के द्वारा बिजली बिल सभी उपभोक्ताओं को ससमय उपलब्ध हो इसपर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और 10 हजार रुपये से अधिक बकाया रखनेवाले उपभोक्ता जिसमें अधिकतर कॉमर्शियल है उनके बिजली आपूर्ति समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर में जेबीवीएनएल का बकाया करीब 8000 करोड़ है, जिस वजह से आर्थिक स्थिति काफी खराब है.

पिछले कुछ वित्तीय वर्ष पर नजर दौड़ाएं तो जेबीवीएनएल लगातार घाटा में रहा है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2600 करोड़, 2022-23 में 2500 करोड़ और 2023-24 में 7400 करोड़ का घाटा हुआ है. इस घाटे को कम करने के लिए इस बार विभाग सख्त है और बकाया की वसूली पर पूरी तरह से जोर दे रहा है.

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली स्थिति!

झारखंड राज्य में करीब 10 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिसमें से करीब 40 से 50 फीसदी उपभोक्ता ही समय पर बिजली बिल का भुगतान करते हैं. 40 फीसदी उपभोक्ता तो ऐसे हैं जिनपर लंबे समय से बकाया पड़ा हुआ है. राज्य सरकार के द्वारा 200 यूनिट बिजली फ्री और पूर्व के बकाया माफ किए जाने की वजह से जेबीवीएनएल पर ही इसका आर्थिक बोझ पड़ा है. यदि आमदनी की बात करें तो हर महीने लगभग 400 से 500 करोड़ राजस्व वसूली जेबीवीएनएल के द्वारा किया जा रहा है. जिसमें अकेले रांची क्षेत्र में 100 करोड़ के करीब राजस्व संग्रह होता है.

इसे भी पढ़ें- घरेलू उपभोक्ताओं के 3620.09 करोड़ का बिजली बिल माफ, लोगों के खिले चेहरे - Mukhyamantri Urja Khushhali Yojana

इसे भी पढ़ें- Khunti News: खूंटी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए समाधान योजना की हुई शुरुआत, एकमुश्त बिजली बिल भुगतान करने पर ब्याज किया जाएगा माफ

इसे भी पढ़ें- एक्शन में सीएम हेमंत सोरेन: अधिकारियों के साथ बैठक में रोजगार, राजस्व संग्रह और विकास पर जोर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.