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DSE के निलंबन के बाद FIR की तैयारी, चापानल घोटाला में शामिल सभी पर लटकी तलवार

वित्तिय वर्ष 2013-14 में जिले में हुए चापाकल घोटाले में तत्कालीन डीएसई के निलंबन के बाद उनके खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी है. वहीं चापानल घोटाले में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई की तैयारी है.

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डीएसई धनबाद
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Published : May 10, 2020, 12:10 PM IST

धनबाद: वित्तिय वर्ष 2013-14 में जिले में हुए चापानल घोटाले में तत्कालीन डीएसई के निलंबन के बाद उनके खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है. मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव भीष्म कुमार ने यह आदेश दिया है. दोषी हेडमास्टरों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. एक सप्ताह के अंदर यह कार्रवाई पूरी की जाएगी.

आदेश जारी
विशेष सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि गबन से संबंधित गलत वाउचर, समेत सभी दस्तावेज जमा कर लिया जाए. ताकि प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सही-सही मजमून तैयार किया जा सके. बांके बिहारी सिंह के कार्यकाल में जितने भी स्कूलों में चापानल लगाए गए हैं, वहां के शिक्षकों की गर्दन फंसना तय है. विद्यालय प्रबंधन समिति और जिस इंजीनियर की देखरेख में चापानल लगाए गए हैं, उन सभी के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- पति-पत्नी और वो के चक्कर में सड़क पर हाई वोल्टेज ड्रामा, जमकर हुई उठा पटक

हो रही कार्रवाई
बता दें कि वितीय वर्ष 2013-14 में तत्कालीन डीएसई ने 144 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में चापानल लगाने का काम किया था. इस मामले में घोटाले को लेकर सरकार से शिकायत की गई थी. जांच के बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. चापानल लगाने की प्रक्रिया में शामिल सभी को मामले के दायरे में लाकर कार्रवाई की जा रही है.

धनबाद: वित्तिय वर्ष 2013-14 में जिले में हुए चापानल घोटाले में तत्कालीन डीएसई के निलंबन के बाद उनके खिलाफ अब प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है. मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव भीष्म कुमार ने यह आदेश दिया है. दोषी हेडमास्टरों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. एक सप्ताह के अंदर यह कार्रवाई पूरी की जाएगी.

आदेश जारी
विशेष सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि गबन से संबंधित गलत वाउचर, समेत सभी दस्तावेज जमा कर लिया जाए. ताकि प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सही-सही मजमून तैयार किया जा सके. बांके बिहारी सिंह के कार्यकाल में जितने भी स्कूलों में चापानल लगाए गए हैं, वहां के शिक्षकों की गर्दन फंसना तय है. विद्यालय प्रबंधन समिति और जिस इंजीनियर की देखरेख में चापानल लगाए गए हैं, उन सभी के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

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हो रही कार्रवाई
बता दें कि वितीय वर्ष 2013-14 में तत्कालीन डीएसई ने 144 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में चापानल लगाने का काम किया था. इस मामले में घोटाले को लेकर सरकार से शिकायत की गई थी. जांच के बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. चापानल लगाने की प्रक्रिया में शामिल सभी को मामले के दायरे में लाकर कार्रवाई की जा रही है.

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