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'आयुष्मान योजना' का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, सरकारी तंत्र ही लगा रहे पलीता

बाघमारा के तेलोताड़ निवासी चंद्रदीप नोनिया लिवर में इंफेक्शन से पीड़ित हैं. चंद्रदीप का कहना है कि उनका आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद ये इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. पीड़ित चन्द्रदीप नोनिया का आरोप है कि आयुष्मान भारत कार्ड के सहारे इलाज कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन रांची रिम्स के डॉक्टर ने उससे कहा कि इस आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज नहीं हो पाएगा. किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराओ. इस कार्ड से इलाज के लिए डायरेक्टर या किसी मंत्री से पैरवी कराओ, तो कुछ हो सकता है.

पत्नी के साथ पीड़ित चन्द्रदीप नोनिया
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Published : Apr 17, 2019, 1:51 PM IST

धनबाद/बाघमारा: मोदी सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को असाध्य रोगों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना लेकर आई. लेकिन अधिकारी मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं. जिन लोगों को इस योजना की सही जानकारी देनी चाहिए, वही जिम्मेदार लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, बाघमारा के तेलोताड़ निवासी चंद्रदीप नोनिया लिवर में इंफेक्शन से पीड़ित हैं. चंद्रदीप का कहना है कि उनका आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद ये इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. पीड़ित चन्द्रदीप नोनिया का आरोप है कि आयुष्मान भारत कार्ड के सहारे इलाज कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन रांची रिम्स के डॉक्टर ने उससे कहा कि इस आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज नहीं हो पाएगा. किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराओ. इस कार्ड से इलाज के लिए डायरेक्टर या किसी मंत्री से पैरवी कराओ, तो कुछ हो सकता है.

उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के सहारे सोचा था कि इलाज हो जाएगा, लेकिन नहीं हो पा रहा है. धनबाद सांसद पीएन सिंह से पैरवी कराई, तब पीएमसीएच में इलाज हुआ. दवा महंगी होने की वजह से वो भी सुचारू रूप से नहीं कर पाए. बीमार कर्मी की पत्नी ने बताया कि उनके पति की इस हालत को देकर हमलोग पल पल मर रहे हैं. इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.

धनबाद/बाघमारा: मोदी सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को असाध्य रोगों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना लेकर आई. लेकिन अधिकारी मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं. जिन लोगों को इस योजना की सही जानकारी देनी चाहिए, वही जिम्मेदार लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

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दरअसल, बाघमारा के तेलोताड़ निवासी चंद्रदीप नोनिया लिवर में इंफेक्शन से पीड़ित हैं. चंद्रदीप का कहना है कि उनका आयुष्मान भारत कार्ड होने के बावजूद ये इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. पीड़ित चन्द्रदीप नोनिया का आरोप है कि आयुष्मान भारत कार्ड के सहारे इलाज कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन रांची रिम्स के डॉक्टर ने उससे कहा कि इस आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज नहीं हो पाएगा. किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराओ. इस कार्ड से इलाज के लिए डायरेक्टर या किसी मंत्री से पैरवी कराओ, तो कुछ हो सकता है.

उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के सहारे सोचा था कि इलाज हो जाएगा, लेकिन नहीं हो पा रहा है. धनबाद सांसद पीएन सिंह से पैरवी कराई, तब पीएमसीएच में इलाज हुआ. दवा महंगी होने की वजह से वो भी सुचारू रूप से नहीं कर पाए. बीमार कर्मी की पत्नी ने बताया कि उनके पति की इस हालत को देकर हमलोग पल पल मर रहे हैं. इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.

Intro:बाघमारा -- आयुष्मान भारत लाकर सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को असाध्य रोगों के इलाज करवाने के लिये लाये योजना धरातल पर सही से उतर नही पा रहा है।जिन लोगो को इस योजना का सही जानकारी लोगो को देना चाहिय।वही जवाबदेह लोग गुमराह करने का काम कर रहे।बाघमारा के तेलोताड़ निवासी चन्द्रदीप नोनिया इसका उदाहरण है।लिवर में इंफेक्शन की बीमारी से ग्रसित यह वयक्ति अपना इलाज आयुष्मान भारत का कार्ड होने के बाउजूद नही करवा पा रहा।जिस डॉक्टर को इसकी सही जानकारी देनी चाहिय।वही डॉक्टर गलत सलाह देकर सरकार के इस जलकल्यानकारी योजना को विफल करने में पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहे।रांची रिम्स में इलाज कराने गए उक्त व्यक्ति की बीमारी का इलाज करने के बजाय डॉक्टर गुमराह करने का काम कर रहे।वही दूसरी ओर ब्लॉक दो क्षेत्र अंतर्गत शैली इंफ्रा कम्पनी में काम करने वाले कर्मी चन्द्रदीप नोनिया उम्र लगभग 55 वर्षीय इन दिनों आर्थिक अभाव में अपने बीमारी का इलाज कराने में अक्षम है।लिवर में इंफेक्शन के कारण दिन प्रतिदिन पेट का आकार बढ़ता जा रहा।सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।अपने बीमारी के कारण उक्त कर्मी जिंदगी और मौत के बीच झूलने को विवश है।एक तरफ अपने बीमारी का इलाज नही करा पाने में विवश है तो दूसरी तरफ सयानी हो रही बेटी की विवाह की चिंता सता रही।परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि बीमारी की दवा भी सुचारू रूप से नही चला पा रहे।शैली कंपनी के कर्मी की पत्नी संयोति देवी तथा उनकी पुत्री अपने पिता के इस  बीमारी को देख कुछ नही कर पाने के कारण आंखों से आंसू सूखने के नाम नही ले रहा।अपने पति की इस स्थिति से पूरे परिवार के सामने अंधेरा छा गया है।वही आयुष्मान भारत कार्ड के सहारे इलाज कराने का प्रयास भी किया।लेकिन डॉक्टरों ने गलत सलाह देकर वह भी सहारा छीनने में कोई कसर नही छोड़ी।ब्याज सूद ओर अपने कमाए पैसे से जैसे तैसे इस बीमारी का इलाज करवाने का प्रयास भी किया।लेकिन सुचारू इलाज तथा दवा नही चला पाने के कारण बीमारी बढ़ती जा रही।पेट का आकार अपने स्वभाविक आकर से बढ़ गया है।नाते रिश्तेदार भी अब अपनी आँखे बंद कर ली है।Body:वही पीड़ित चन्द्रदीप नोनिया ने बताया कि लिवर इंफेक्शन के बीमारी से वह ग्रसित है।जिससे सांस लेने के साथ अन्य दैनिक कार्य मे बहुत अधिक परेशानी होती है।आयुष्मान भारत कार्ड के सहारे इलाज का प्रयास किये।लेकिन रांची रिम्स के डॉक्टर ने उससे कहा कि इस आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज संभव नही हो पायेगा।किसी अच्छे अस्पताल में इलाज करवाये।इस कार्ड से इलाज के लिये डायरेक्टर या किसी मंत्री से लिखवाए पैरवी लाये तो कुछ हो सकता है।इस कार्ड के सहारे सोचे थे इलाज हो जाएगा।लेकिन वह नही हो पा रहा।धनबाद सांसद पीएन सिंह से लिखवाये थे तब पीएमसीएच में इलाज हुआ था।दवा महंगी होने के कारन वह भी सुचारू रूप से नही चला सकते है।इधर बेटी भी सयानी हो गई है।शादी भी करानी है।कम्पनी यहां से भाग गया है।लेकिन बीसीसीएल में कम्पनी का सिक्युरिटी पैसा जमा है।जिससे कि हमारा बकाया भुकतान हो सकता है।लेकिन इस पर पहल नही किया जा रहा।इससे पहले बाघमारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,पीएमसीएच में भी इलाज करवाये थे।इसके बाद रांची रिम्स भी गए।मेरे आलवे कम्पनी के 192  मजदूरों का वेतन तथा सीएमपीएफ का राशि बकाया है।बीमार कर्मी की पत्नी ने बताया कि उनके पति की इस हालत को देकर हमलोग पल पल मर रहे है।इलाज नही करवा पा रहे।आयुष्मान भारत के कार्ड से इलाज करवाना चाहे तो रांची रिम्स के डॉक्टर ने कहा कि डायरेक्टर या किसी मंत्री से लिखवा कर लाओ।ऐसे में इलाज नही हो पायेगा।वह किसी मंत्री के पास कैसे जाए।गरीबी के कारण इलाज किसी अस्पताल में भी नही करवा पा रही।घर मे एकमात्र कमाने वाले सदस्य उनके पति ही है।अगर ऐसे में कुछ हो गया तो हमारा परिवार अनाथ हो जायेगा।अगर उनके पति के साथ कुछ अनहोनी हुआ तो इसका जवाबदेह बीसीसीएल प्रबंधन ही होगा।बेनीडीह साइडिंग में कुछ दिन उनके पति काम कर रहे थे।जो पिछले पांच माह से बंद हो गया है।अब बीमार बेरोजगार होकर घर मे है।

वही एक अन्य कर्मी गणेश चौहान शैली  आउटसोर्सिंग कम्पनी में काम करने वाले कर्मी भी लिवर जोंडिस से ग्रसित हो चुका है।आर्थिक अभाव में अपना इलाज नही करवा पा रहा है।उन्होंने बताया कि कम्पनी के पास 192 कर्मी का पैसा बकाया है।लेकिन बीसीसीएल प्रबंधन कर्मियों का अपना हक का पैसा देने में गम्भीर नही है।Conclusion:नो
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