धनबाद: जिले के एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गए. इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की. इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया. परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर पुलिस को लिखित आवेदन दिया है.
ये भी पढ़ें- धनबाद में झामुमो नेता को दे दना दन, डॉक्टर समर्थकों ने बरसाई लाठियां
क्या है मामला
दरअसल, पांडरपाला की रहने वाली शगुफ्ता यास्मीन की तबीयत बिगड़ने के बाद शहर के मटकुरिया स्थित ट्रांकविल नर्सिंग होम में परिजनों ने इलाज के लिए रविवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे भर्ती कराया था. 3 बजे तक परिजनों ने उससे बातचीत भी की. अचानक रात 8 बजे मौत हो जाने की सूचना डॉक्टरों ने दी. मौत की सूचना मिलने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए. हंगामा करने के साथ ही परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की. अस्पताल के डॉक्टरों ने मामले की सूचना बैंक मोड़ थाना की पुलिस को दी. पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ. परिजनों ने डॉक्टर के ऊपर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. पुलिस में इसके लिए लिखित शिकायत की है. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की ओर से यास्मीन का इलाज नहीं किया गया. अस्प्ताल के स्टाफ के द्वारा उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा था. जिस कारण उसकी मौत हुई है.
आरोप को बताया गलत
इधर, अस्पताल के डॉक्टर जी चटर्जी ने परिजनों के आरोप को गलत ठहराया है. उनका कहना है कि मरीज का शुगर लेवल काफी बढ़ा हुआ था. करीब साढ़े तीन सौ शुगर लेवल मरीज का पहुंच चुका था. हार्ट की कंडीशन ठीक नहीं थी. यह बात परिजनों को भी बता दी गई थी. जिस पर परिजनों ने था कहा कि जैसे भी हो इलाज करना है. मरीज की मौत शुगर ज्यादा होने के कारण हार्ट फेल होने से हुई है. इसमें डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं है. एक डॉक्टर को जितना अपनी तरफ से प्रयास करना चाहिए था वह किया गया. मौके पर पहुंचे बैंक मोड़ थाना प्रभारी ने कहा कि परिजनों की ओर से लिखित शिकायत मिली है. जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.