धनबाद: झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. झारखंड में चुनाव की घोषणा होने के बाद से सभी पार्टियां अपना दम-खम दिखाने में जुटी हुई है. इसी के मद्देनजर जिले के गोविंदपुर माडा मैदान में एमसीसी ने संकल्प सभा का आयोजन किया. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में मासस समर्थक पहुंचे. जिसमें मुख्य रूप से सिंदरी विधानसभा के प्रत्याशी आनंद महतो और निरसा विधायक अरूप चटर्जी भी शामिल थे.
1967 से लेकर 2000 तक इस सीट पर लाल झंडे का कब्जा
बता दें कि गोविंदपुर के जिस माडा मैदान में मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) ने संकल्प सभा का आयोजन किया था. उसमें सैकड़ों की संख्या में मासस समर्थक शामिल हुए. जिसे देखकर मासस के नेता गदगद हो गए. सिंदरी विधानसभा का क्षेत्र लाल झंडे का ही गढ़ माना जाता था.1967 से लेकर 2000 तक इस सीट पर लाल झंडे का ही कब्जा रहा. लेकिन 2000 के चुनाव में भाजपा ने यहां अपना खाता खोला. उसके बाद से लाल झंडे के गढ़ कहे जाने वाले सिंदरी विधानसभा की सीट पर लाल झंडा यानी वामपंथी पार्टी आज तक नहीं जीत पाई है.
15-16 सीटों पर मासस लड़ेगी चुनाव
मासस नेता और वामपंथी पार्टी के पूरे झारखंड में एकमात्र निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मार्क्सवादी समन्वय समिति 15 से 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. तीन से चार सीट पर जीत सुनिश्चित है उसे कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि सिंदरी विधानसभा में इस बार जीत का अंतर 35 से 40 हजार का होगा और यहां पर मासस उम्मीदवार आनंद महतो जीतेंगे.
'महागठबंधन में बाबूलाल के नहीं आने से कोई फर्क नहीं'
मासस के निरसा विधायक अरूप चटर्जी का कहना है कि झारखंड विकास मोर्चा के महागठबंधन में शामिल नहीं होने से बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है. लेकिन सभी को मिलकर यह देखना चाहिए कि आपसी मतभेद का फायदा भारतीय जनता पार्टी को न मिले.
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'जात-पात की राजनीति करती है बीजेपी और आरएसएस'
अरूप चटर्जी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा हिंदू-मुस्लिम और जात-पात की राजनीति करती है. जिसके वजह से हमेशा से ही मासस सिंदरी विधानसभा की सीट हारी है, लेकिन यहां की जनता अब सब समझ रही है. उन्होंने कहा कि जनता ने भी यह समझ लिया है कि एक बार की बेवकूफी के कारण 5 साल उसे भुगतना पड़ता है, इसलिए इस बार यहां पर मासस की जीत जरूर होगी.
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16 दिसंबर को चुनाव
धनबाद में विधानसभा का चुनाव 16 दिसंबर को होगा और धनबाद की सभी 6 विधानसभा सीटों पर इसी दिन चुनाव होना है. ऐसे में अब वह दिन दूर नहीं कि कौन सी पार्टी जनता जनार्दन को समझाने में कामयाब होती है.