धनबाद: सूक्ष्म और लघु उद्योगों के कारोबारियों के लिए चलाई जा रही क्रेडिट गारंटी निधि ट्रस्ट योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिले के करीब 1 दर्जन कारोबारियों को दलालों ने अपना शिकार बनाया है. दो ऐसे मामलों में पीड़ित कारोबारियों ने जिले के उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री जनसंवाद और प्रधानमंत्री से मामले की शिकायत की है. दलालों ने कारोबारियों के लोन की राशि का लाखों रुपया डकार लिया. मामले में बैंक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
बैंक अधिकारी की मिलीभगत से दलालों को फायदा पहुंचाने का आरोप पीड़ित कारोबारियों ने लगाया है. कारोबारियों ने न्याय नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री आवास के सामने पूरे परिवार समेत आत्मदाह की चेतावनी दी है. झरिया चौथाई कुली के रहने वाले श्री गणपति इंटरप्राइजेज के संचालक गणेश कुमार साव, झरिया तिरुपति बालाजी कंपनी के बबलू गुप्ता और नूर आलम समेत दर्जनभर ऐसे कारोबारी हैं, जो बैंक और दलालों की मिलीभगत के कारण उनके लोन के लाखों रुपए के लिए आज तक भटक रहे हैं.
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गणपति इंटरप्राइजेज के संचालक गणेश कुमार साव ने 20 जुलाई 2019 को जिले के डीसी अमित कुमार से पूरे मामले की शिकायत की है. उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक झरिया से साल 2012 में 45 लाख रुपये लोन की स्वीकृति के लिए आवेदन दिया था. इसी बीच उनके पास बिचौलिए दिलीप सिंह के कुछ लोगों ने संपर्क किया और कहा कि वह बैंक से लोन की राशि का भुगतान करा देंगे. इसके बाद गणेश ने दिलीप से मुलाकात की. उसने बैंक मैनेजर से बात कर राशि निकलवाई. गणेश का आरोप है कि लोन की कुल राशि में से 14 लाख रुपये उसने हड़प लिए.
इधर, नई दुनिया झरिया के श्री तिरुपति बालाजी कंपनी के बबलू गुप्ता ने भी 45 लाख रुपये इसी योजना से लोन लेने का बैंक को आवेदन दिया था. उनका लोन भी दिलीप सिंह ने ही बैंक से मिलकर भुगतान कराया था. उन्हें भी बैंक की ओर से पूरी राशि दी गई. हालांकि उन्हें लोन की पूरी राशि नहीं मिली. बबलू गुप्ता ने भी आरोप लगाया कि 15 लाख रुपये उसने हड़प लिए हैं.
नूर आलम ने भी पूरी राशि नहीं मिलने का आरोप लगाया है. भुक्तभोगियों ने 7 अगस्त को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जनसंवाद रांची और धनबाद के डीसी से पूरे मामले की शिकायत की है. न्याय नहीं मिलने पर भुक्तभोगियों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने पूरे परिवार समेत आत्मदाह की चेतावनी दी है.
वहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया झरिया शाखा के प्रबंधक अमृतलाल टोप्पो का इस पूरे मामले पर कहना है कि उन्हें आए इस शाखा में 3 महीने हुए हैं. मामले की जानकारी मीडिया की ओर से दी गई है. वरीय अधिकारियों से बात करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.