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12 सौ से ज्यादा छात्रों को पढ़ाते हैं सिर्फ 3 टीचर, ऐसे में कैसे आगे बढ़ेगा झारखंड

सरकार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. लेकिन फिर भी उनकी दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है. जिले के राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय में पिछले चार-पांच वर्षों से शिक्षकों का घोर अभाव है. जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Feb 3, 2019, 5:00 PM IST

जानकारी देते शिक्षक

धनबाद: सरकार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. लेकिन फिर भी उनकी दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है. जिले के राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय में पिछले चार-पांच वर्षों से शिक्षकों का घोर अभाव है. जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय में 1250 छात्र पढ़ते हैं. लेकिन यहां सिर्फ 4 शिक्षक ही हैं. जिसमें 1 शिक्षक के ट्रेनिंग पर चले जाने के कारण 3 शिक्षकों को इतने छात्रों को संभालना पड़ रहा है. स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि कुछ दिन पहले ही प्रतिनियोजन के आधार पर 2 शिक्षक आए है. वहीं, शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के बारे में कई बार वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है. लेकिन इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

जानकारी देते शिक्षक
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हालांकि, स्कूल में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी यहां के छात्रों का प्रदर्शन अच्छा रहता है. यहां पर पिछली बार मैट्रिक की परीक्षा में 80% छात्र उत्तीर्ण हुए थे. लोगों का कहना है अगर इन होनहार छात्रों को और शिक्षक उपलब्ध करा दिया जाए तो यहां का परिणाम और भी बेहतर हो सकता है.

धनबाद: सरकार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है. लेकिन फिर भी उनकी दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है. जिले के राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय में पिछले चार-पांच वर्षों से शिक्षकों का घोर अभाव है. जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय में 1250 छात्र पढ़ते हैं. लेकिन यहां सिर्फ 4 शिक्षक ही हैं. जिसमें 1 शिक्षक के ट्रेनिंग पर चले जाने के कारण 3 शिक्षकों को इतने छात्रों को संभालना पड़ रहा है. स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि कुछ दिन पहले ही प्रतिनियोजन के आधार पर 2 शिक्षक आए है. वहीं, शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की कमी के बारे में कई बार वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है. लेकिन इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

जानकारी देते शिक्षक
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हालांकि, स्कूल में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी यहां के छात्रों का प्रदर्शन अच्छा रहता है. यहां पर पिछली बार मैट्रिक की परीक्षा में 80% छात्र उत्तीर्ण हुए थे. लोगों का कहना है अगर इन होनहार छात्रों को और शिक्षक उपलब्ध करा दिया जाए तो यहां का परिणाम और भी बेहतर हो सकता है.

Intro:धनबाद: एक तरफ सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया करती है.लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों सुधरने का नाम नहीं ले रही है. या फिर हम यह कहें कि सरकार जानबूझकर सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार लाना ही नहीं चाह रही है. क्योंकि पिछले चार-पांच वर्षों से इस विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है .जी हां हम बात कर रहे हैं धनबाद जिले के राजगंज आरबीबी उच्च विद्यालय कि जहां पर बच्चों के साथ सरकार मजाक कर रही है.


Body:जी हां यह राजगंज आरबीबी हाई स्कूल का नजारा है. जहां पर 1250 छात्र अध्ययनरत है लेकिन हम शिक्षक की बात अगर करें तो यहां पर मात्र 4 शिक्षक है. जिसमें 1 शिक्षक ट्रेनिंग पर चले जाने के कारण 3 शिक्षकों पर 1250 छात्रों को संभाल रहे हैं यह मजाक नहीं तो और क्या है. जिन छात्रों को आप जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते देख रहे हैं यह शौक से नहीं बल्कि मजबूरी में उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है. ऐसी भी बात नहीं है कि स्कूल में बेंच और डेस्क मौजूद नहीं है. पर्याप्त मात्रा में बेंच और डेस्क स्कूल में मौजूद भी है फिर भी ये छात्र .जमीन पर नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर है. स्कूल के प्रधानाध्यापक ने तो यह कहा कि कुछ दिन पहले ही हमें प्रतिनियोजन के आधार पर 2 शिक्षक हाल में ही मिले हैं.जबकि पहले तो दो शिक्षक ही यहां पर 1250 छात्रों को संभाल रहे थे. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक की कमी के बारे में कई बार वरीय पदाधिकारियों को अवगत भी कराया गया है लेकिन इसके बावजूद भी वरीय पदाधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.


Conclusion:लेकिन इतनी परेशानियों के बावजूद सबसे खुशी की बात यह है कि आरबीबी उच्च विद्यालय राजगंज में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी यहां के छात्रों का प्रदर्शन अच्छा ही रहता है. यहां पर पिछली बार मैट्रिक की परीक्षा में 80% छात्र उत्तीर्ण हुए हैं .अगर इन होनहार छात्रों को और शिक्षक उपलब्ध करा दिया जाए तो यहां का परिणाम और भी बेहतर हो सकता है.
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