धनबाद: कोरोना वायरस के कहर के कारण घोषित लॉकडाउन में सबसे अधिक परेशानी मजदूर वर्गों को उठानी पड़ी है. धनबाद जिले में ऐसा नजारा हर दिन देखने को मिल रहा है, जो दिल को दहला कर रख देती है. झारखंड के देवघर जिले से पैदल चलते-चलते मजदूर धनबाद पहुंच गए, इन्हें अपने घर पश्चिम बंगाल के झालदा तक जाना है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन हो जाने के बाद मजदूरी के लिए घर से निकले मजदूर जहां-तहां फंस गए हैं और लगातार शुरू से ही मजदूरों का आना-जाना लगा हुआ है. देवघर के मधुपुर इलाके में काम करने वाले यह मजदूर झालदा के रहने वाले हैं, जो देवघर से पैदल ही अपने घर निकल पड़े हैं. इनके पांव में छाले पड़ गए हैं, लेकिन फिर भी बगैर रुके यह चलते जा रहे हैं.
इन मजदूरों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बतलाया कि काफी दिनों तक वहां पर बमुश्किल अपना गुजारा किया. लॉकडाउन हटने का भरोसा भी अब टूट चुका है. वहां पर भी काम नहीं मिल रहा था. घर से भी पैसा भेजना लोगों ने बंद कर दिया. घरवाले लोगों का भी कहना है कि यहां भी काम बंद है. पैसा कहां से भेजूंगा. इन सभी दिक्कतों के बीच इन मजदूरों ने पैदल ही अपने घर जाने का फैसला किया और निकल पड़े.
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धनबाद के आईआईटी-आईएसएम गेट के पास चेकपोस्ट पर पहुंचने के बाद पुलिस वाले ने अपने लिए रखा हुआ खाना इन मजदूरों को दे दिया. यह मजदूर वहां पर बैठकर खाना खा रहे थे तब तक एक समाजसेवी ने पानी और बिस्कुट लाकर इन्हें दिया. खाना खाकर वह फिर वहां से पैदल अपने घर निकल पड़े.
ऐसे कई नजारे हैं, जिन्हें देखकर लोगों का दिल पसीज जाता है. खासकर लॉकडाउन में मजदूर वर्गों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, सरकार भी मजदूरों के लिए तरह-तरह की घोषणाएं कर रही है और लोगों को घर भी पहुंचा रही है, लेकिन संख्या इतनी अधिक है कि चाह कर भी सरकार सभी का दर्द बांट पाने में असफल हो जा रही है.