धनबाद: जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मौत मामले की गुत्थी अभी तक सुलझी नहीं है. सीबीआई इस मामले में सबूतों और गवाहों की लगातार तलाश कर रही है. इसी क्रम में मंगलवार (28 सिंतबर) को सीबीआई क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके एक सहयोगी को फिर से 6 दिनों की रिमांड पर लिया है.
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सीबीआई ने मांगी थी 10 दिनों की रिमांड
दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए सीबीआई ने एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में आवेदन देकर 10 दिनों की रिमांड मांगी थी. मंगलवार (28 सिंतबर) को सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपियों के 6 दिनों के रिमांड को स्वीकार कर लिया. रिमांड मिलने के बाद सीबीआई की टीम दोनों आरोपियों को धनबाद जेल से सिंफर सत्कार गेस्ट हाउस लेकर निकल गई. बता दें कि सीबीआई ने जज को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी को लेकर भी एफआईआर दर्ज की है. साथ ही राहुल वर्मा के खिलाफ हिल कॉलोनी आउट हाउस से रेलवे ठेकेदार के स्टाफ की तीन मोबाइल चोरी की भी एफआईआर दर्ज की गई है. कोर्ट से ऑटो चोरी से संबंधित मामले की पूछताछ के लिए रिमांड मांगी गई थी.
बार-बार बयान बदल रहे हैं आरोपी
इससे पहले 23 सितंबर को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने बताया था कि जज को जानबूझ कर टक्कर मारी गई थी. हालांकि जज की इरादतन हत्या के संबंध में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया गया था. ज्वाइंट डायरेक्टर ने कोर्ट से कहा था कि गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा का सहयोगी राहुल वर्मा बार-बार बयान बदल रहा है. अब सीबीआई राहुल वर्मा से फिर से नए सिरे से पूछताछ करेगी.
चौथी बार रिमांड पर लिए गए दोनों
गिरफ्तारी के बाद लखन वर्मा और राहुल वर्मा को चौथी बार रिमांड पर लिया गया है. सबसे पहले राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर लिया था. दूसरी बार सात अगस्त को सीबीआई ने उन्हें पांच दिनों के रिमांड पर लिया. 11 अगस्त को सीबीआई तीसरी बार दोनों को 10 दिनों के रिमांड पर ले गई. हालांकि एक दिन बाद ही 12 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था. अब दो अक्तूबर तक के लिए फिर से दोनों को रिमांड पर लिया गया है.
30 दिनों के अंदर दायर करना होगा चार्जशीट
लखन और राहुल की गिरफ्तारी के 60 दिन पूरे हो चुके हैं ऐसे में अब सीबीआई के पास चार्जशीट दायर करने के लिए 30 दिनों का ही समय बचा हुआ है. सीबीआई का पूरा फोकस जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने पर है. सीबीआई दोनों से सच उगलवाने के लिए कई हथकंडे अपना चुकी है. 16 अगस्त को दोनों को ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर और नार्को एनालिसिस सहित अन्य जांच के लिए गांधीनगर के फोरेंसिक लैब ले जाया गया था. तीन सितंबर को उन्हें लेकर सीबीआई की टीम वापस धनबाद लौटी थी.