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पत्नी को न्याय दिलाने के लिए 2 साल से पति लगा रहा विभागों के चक्कर, इंसाफ होने की है उम्मीद - सोनी कुमारी मौत मामले में की गई जांच

बोकारो निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की मौत मामले (Soni Kumari Death Case) में रांची की दो सदस्यीय टीम ने जांच की. 10 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन जांच टीम को सौपने के आदेश दिए हैं. शिकायतकर्ता बबलू सिंह को उम्मीद है कि इस कार्रवाई के बाद उन्हें इंसाफ मिलेगा.

investigated of soni kumari death case in dhanbad
जांच टीम
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Published : Jul 9, 2021, 2:11 PM IST

धनबाद: बोकारो दुग्दा निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की मौत मामले (Soni Kumari Death Case) में स्वास्थ्य निदेशालय रांची के निदेशक प्रमुख की ओर से गठित दो सदस्यीय टीम गुरुवार को जांच के लिए पहुंची. जांच टीम सर्वप्रथम सीएस कार्यालय में की गई. यहां सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास से पूरे मामले की जानकारी ली गई. जिसके बाद उप निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार ने 10 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन जांच टीम को सौपने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- सोनी कुमारी मौत मामले में 21 माह बाद दर्ज हुआ मुकदमा, चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप

दो साल पहले का है यह मामला

इस जांच टीम में डॉ. कृष्ण कुमार उप निदेशक, डॉ. विजय बिहारी प्रसाद उप निदेशक शामिल रहे. जांच टीम के बुलावे पर शिकायतकर्ता सोनी कुमारी के पति बबलू सिंह भी उपस्थित थे. उप निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि सीएस के प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की जांच की गई है. इस मामले में डॉ. डी. चक्रवर्ती से भी उनका मन्तव्य प्राप्त करने के बाद जांच टीम अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशालय निदेशक प्रमुख को सुपूर्द करेगी. निदेशक प्रमुख ने 10 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन जांच टीम को सौपने के आदेश दिए हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच टीम की कार्रवाई के बाद उन्हें इंसाफ मिलेगा. उन्होंने कहा कि दो साल पूर्व का यह मामला है. दो सालों से लगातार इंसाफ पाने के लिए विभाग-विभाग चक्कर लगा रहे थे. इस क्रम में केस उठाने की धमकी भी मिल चुकी थी.

देखें पूरी खबर
क्या है पूरा मामला7 जून 2019 को तबीयत बिगड़ने पर बबलू सिंह ने अपनी पत्नी को इलाज के लिए धनसार स्थित डॉ. चक्रवर्ती नर्सिंग होम में भर्ती कराया था. मरीज को भर्ती लेकर 11 जून तक इलाज किया गया. बबलू सिंह का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई. जिसके कारण मरीज की स्थिति गंभीर होती चली गई. जिसके बाद बीजीएच रेफर किया गया. बीजीएच से फिर मेडिका रांची रेफर कर दिया गया. बबलू सिंह ने बताया कि मेडिका में जांच के बाद डॉक्टर ने कहा कि उनकी पत्नी के इलाज में लापरवाही बरती गई है और मरीज की कभी भी मृत्यु हो सकती है और आखिरकार 24 जून को पत्नी की मौत हो जाती है. इस मामले में बबलू सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त से मामले की शिकायत की.

उपायुक्त ने लिया था संज्ञान

उपायुक्त ने मामले में संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर को एडीएम विधि व्यवस्था और सीएस को एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए थे. इधर 3 फरवरी को अपर स्वास्थ्य सचिव ने भी सीएस को डी. चक्रवर्ती नर्सिंग होम के खिलाफ जांच कर जांच प्रतिवेदन सुपूर्द करने का निर्देश मिला. सीएस के जांच प्रतिवेदन पर एडीएम विधि व्यवस्था ने असहमति व्यक्त कर उचित कार्रवाई के लिए उपायुक्त को प्रतिवेदन समर्पित किया. उक्त प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया कि डॉ. डी चक्रवर्ती नर्सिंग होम के तरफ से इलाज में लापरवाही बरती गई है. इस मामले में बबलू सिंह ने बैंक मोड़ थाने में डॉ. डी. चक्रवर्ती पर इलाज में लापरवाही बरतने और सीएस पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

धनबाद: बोकारो दुग्दा निवासी बबलू सिंह की पत्नी सोनी कुमारी की मौत मामले (Soni Kumari Death Case) में स्वास्थ्य निदेशालय रांची के निदेशक प्रमुख की ओर से गठित दो सदस्यीय टीम गुरुवार को जांच के लिए पहुंची. जांच टीम सर्वप्रथम सीएस कार्यालय में की गई. यहां सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास से पूरे मामले की जानकारी ली गई. जिसके बाद उप निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार ने 10 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन जांच टीम को सौपने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- सोनी कुमारी मौत मामले में 21 माह बाद दर्ज हुआ मुकदमा, चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप

दो साल पहले का है यह मामला

इस जांच टीम में डॉ. कृष्ण कुमार उप निदेशक, डॉ. विजय बिहारी प्रसाद उप निदेशक शामिल रहे. जांच टीम के बुलावे पर शिकायतकर्ता सोनी कुमारी के पति बबलू सिंह भी उपस्थित थे. उप निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि सीएस के प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की जांच की गई है. इस मामले में डॉ. डी. चक्रवर्ती से भी उनका मन्तव्य प्राप्त करने के बाद जांच टीम अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशालय निदेशक प्रमुख को सुपूर्द करेगी. निदेशक प्रमुख ने 10 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन जांच टीम को सौपने के आदेश दिए हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच टीम की कार्रवाई के बाद उन्हें इंसाफ मिलेगा. उन्होंने कहा कि दो साल पूर्व का यह मामला है. दो सालों से लगातार इंसाफ पाने के लिए विभाग-विभाग चक्कर लगा रहे थे. इस क्रम में केस उठाने की धमकी भी मिल चुकी थी.

देखें पूरी खबर
क्या है पूरा मामला7 जून 2019 को तबीयत बिगड़ने पर बबलू सिंह ने अपनी पत्नी को इलाज के लिए धनसार स्थित डॉ. चक्रवर्ती नर्सिंग होम में भर्ती कराया था. मरीज को भर्ती लेकर 11 जून तक इलाज किया गया. बबलू सिंह का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई. जिसके कारण मरीज की स्थिति गंभीर होती चली गई. जिसके बाद बीजीएच रेफर किया गया. बीजीएच से फिर मेडिका रांची रेफर कर दिया गया. बबलू सिंह ने बताया कि मेडिका में जांच के बाद डॉक्टर ने कहा कि उनकी पत्नी के इलाज में लापरवाही बरती गई है और मरीज की कभी भी मृत्यु हो सकती है और आखिरकार 24 जून को पत्नी की मौत हो जाती है. इस मामले में बबलू सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त से मामले की शिकायत की.

उपायुक्त ने लिया था संज्ञान

उपायुक्त ने मामले में संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर को एडीएम विधि व्यवस्था और सीएस को एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए थे. इधर 3 फरवरी को अपर स्वास्थ्य सचिव ने भी सीएस को डी. चक्रवर्ती नर्सिंग होम के खिलाफ जांच कर जांच प्रतिवेदन सुपूर्द करने का निर्देश मिला. सीएस के जांच प्रतिवेदन पर एडीएम विधि व्यवस्था ने असहमति व्यक्त कर उचित कार्रवाई के लिए उपायुक्त को प्रतिवेदन समर्पित किया. उक्त प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया कि डॉ. डी चक्रवर्ती नर्सिंग होम के तरफ से इलाज में लापरवाही बरती गई है. इस मामले में बबलू सिंह ने बैंक मोड़ थाने में डॉ. डी. चक्रवर्ती पर इलाज में लापरवाही बरतने और सीएस पर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

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