धनबादः सदर अस्पताल में डीएमएफटी के तहत कार्यरत 148 स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 16 महीने से कार्यरत हैं, लेकिन 3 महीनों से इनका वेतन भुगतान नही किया जा रहा है. अविलंब स्वास्थ्य विभाग इन कर्मियों का वेतन भुगतान नहीं करती है तो आंदोलन की चेतावनी झारखंड चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दी है.
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सदर अस्पताल में संघ की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई. संघ के संरक्षक अशोक सिंह ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को महज साढ़े सात हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी बहुत ही कम है. अन्य जिलों में 12 से 14 हजार रुपये मानदेय मिलता है लेकिन मानदेय की इतनी कम राशि का भुगतान भी सिविल सर्जन ने नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि कोविड के समय में इन कर्मचारियों ने जान हथेली पर रखकर अपना दायित्व निभाया है. राज्य सरकार ने ऐसे कर्मचारियों का वेतन रोक कर रखा है. उन्होंने कहा कि यहां एनएचआरएम कर्मचारियों की बहाली की तैयारी की जा रही है. सबसे पहले इन 148 कर्मचारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का अड्डा है. ठेकेदार करोड़ों रुपये का आवंटन लेता है लेकिन नियम के मुताबिक लोगों को वेतन नहीं दिया जाता है. कर्मचारियों ने सरकार से 148 कर्मचारियों के अविलंब वेतन भुगतान और स्थाई नियुक्ति की मांग की है. उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है.