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नहीं रहे धनबाद के भीष्म पितामह, सेंट्रल हॉस्पिटल में ली अंतिम सांस

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Published : Jul 21, 2019, 12:37 PM IST

Updated : Jul 21, 2019, 4:06 PM IST

धनबाद की राजनीति के बड़े नाम रहे एक राय का निधन हो गया. वे तीन बार धनबाद से सांसद और तीन बार सिंदरी से विधायक रह चुके हैं.

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धनबाद: धनबाद की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के नेता एके राय की आज इलाज के दौरान सेंट्रल अस्पताल में मौत हो गई. वह तीन बार विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं.

देखें पूरी खबर

एके राय ने अपना पूरा जीवन सादे ढंग से व्यतीत किया था. उन्होंने आज तक अपना पेंशन भी नहीं लिया, वह अपने पेंशन को राष्ट्रपति राहत कोष में दान कर चुके थे. इनकी मौत की खबर से कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गई है. अगर यह कहा जाए कि धनबाद की राजनीति का एक युग का अंत हो गया है तो गलत नहीं होगा.एके राय ने रविवार सुबह बीसीसीएल के केंद्रीय अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 84 वर्ष के थे. तबियत खराब होने के बाद इलाज के लिए उन्हें 8 जुलाई को केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से उनका इलाज चल रहा था, राय का झारखंड अलग राज्य आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है.

ये भी पढ़ें- शीला दीक्षित का निधन एक बड़ी क्षति, पूरा राजनीतिक जगत गमगीन: बंधु तिर्की

एके राय धनबाद से तीन बार सांसद रहने के साथ ही सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का भी तीन बार प्रतिनिधित्व किया था. झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए चले आंदोलन में भी उनका बड़ा योगदान था. लोगों के बीच राय दा के नाम से मशहूर एके राय कोयला माफियाओं के खिलाफ सबसे मुखर आवाज थे. उनका जन्म15 जून 1935 को बंगाल के राजशाही जिले के सपुरा गांव में हुआ था. जो अब बांग्लादेश में है.

धनबाद: धनबाद की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के नेता एके राय की आज इलाज के दौरान सेंट्रल अस्पताल में मौत हो गई. वह तीन बार विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं.

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एके राय ने अपना पूरा जीवन सादे ढंग से व्यतीत किया था. उन्होंने आज तक अपना पेंशन भी नहीं लिया, वह अपने पेंशन को राष्ट्रपति राहत कोष में दान कर चुके थे. इनकी मौत की खबर से कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गई है. अगर यह कहा जाए कि धनबाद की राजनीति का एक युग का अंत हो गया है तो गलत नहीं होगा.एके राय ने रविवार सुबह बीसीसीएल के केंद्रीय अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 84 वर्ष के थे. तबियत खराब होने के बाद इलाज के लिए उन्हें 8 जुलाई को केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब से उनका इलाज चल रहा था, राय का झारखंड अलग राज्य आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है.

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एके राय धनबाद से तीन बार सांसद रहने के साथ ही सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का भी तीन बार प्रतिनिधित्व किया था. झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए चले आंदोलन में भी उनका बड़ा योगदान था. लोगों के बीच राय दा के नाम से मशहूर एके राय कोयला माफियाओं के खिलाफ सबसे मुखर आवाज थे. उनका जन्म15 जून 1935 को बंगाल के राजशाही जिले के सपुरा गांव में हुआ था. जो अब बांग्लादेश में है.

Intro:धनबाद :धनबाद की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के नेता एके राय की आज इलाज के दौरान सेंट्रल अस्पताल में मौत हो गई. वह तीन बार विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं .उन्होंने अपना जीवन सादा व्यतीत किया है .उन्होंने आज तक अपना पेंशन भी नहीं लिया वह अपने पेंशन को राष्ट्रपति राहत कोष में दान कर चुके थे. इनकी मौत की खबर से कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गई है. अगर यह कहा जाए कि धनबाद की राजनीति का एक युग का अंत हो गया है तो गलत नहीं होगा.


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Last Updated : Jul 21, 2019, 4:06 PM IST
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